14 नवंबर से वार्डों में होगा आरक्षण रोस्टर का बदलाव

कवायद. राज्य में नगरपालिका चुनाव 2017 की तैयारी शुरू नगरपालिका एक्ट 2007 में ही नियम बनाया गया कि दो आम चुनाव के बाद नगरपालिकाओं में पदों के आरक्षण के चक्र को बदल दिया जायेगा. पटना : राज्य में नगरपालिका चुनाव 2017 की तैयारी शुरू हो गयी है. नगरपालिका आम चुनाव 2017 में पदों के आरक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 8, 2016 6:30 AM
कवायद. राज्य में नगरपालिका चुनाव 2017 की तैयारी शुरू
नगरपालिका एक्ट 2007 में ही नियम बनाया गया कि दो आम चुनाव के बाद नगरपालिकाओं में पदों के आरक्षण के चक्र को बदल दिया जायेगा.
पटना : राज्य में नगरपालिका चुनाव 2017 की तैयारी शुरू हो गयी है. नगरपालिका आम चुनाव 2017 में पदों के आरक्षण के चक्र में बदलाव होगा. आरक्षण के चक्र के बदलाव का आधार 2011 की जनसंख्या को बनाया जायेगा. इसमें अनुसूचित जाति व जनजाति को किसी नगरपालिका में अवस्थित जनसंख्या के अनुपात में आरक्षित पद दिया जायेगा. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से 14 नवंबर से पदों के आरक्षण के चक्र में बदलाव की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया जायेगा. इसके बाद जिलाें द्वारा हर नगरपालिका के पदों के आरक्षण का प्रस्ताव तैयार कर आयोग को अनुमोदन के लिए भेजा जायेगा.
अप्रैल-मई 2017 में जहां चुनाव होना है, वहां पर आयोग द्वारा पदों में दिये गये आरक्षण के आधार पर आम चुनाव कराया जायेगा. इस बार पहले अन्य कोटि, फिर अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति और अंत में पिछड़ा वर्ग के पदों का आरक्षण निर्धारित किया जायेगा. 2007 में प्रथम आरक्षण एससी को दिया गया, फिर एसटी, फिर अन्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किया गया था.
राज्य निर्वाचन आयोग ने 140 नगर निकायों में पदों के आरक्षण की तैयारी शुरू कर दी है. राज्य भर की नगरपालिकाओं में कुल 3193 वार्ड हैं. इन वार्डों के आयोग ने सभी जिलों को 28 अक्तूबर तक वर्ष 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों को वार्डवार समाहित कर इसकी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि पदों के आरक्षण में इस बार पहले अन्य सामान्य वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में पदों का आरक्षण किया जायेगा. इसके बाद अनुसूचित जाति का पद आरक्षित किया जायेगा.
फिर अनुसूचित जनजाति के लिए पदों का आरक्षण निर्धारित किया जायेगा. अन्य जनसंख्या वह होती है, जिसमें अनुसूचित जाति व जनजाति की जनसंख्या शामिल नहीं होती है. बाद में पिछड़ा वर्ग के पदों का आरक्षण किया जायेगा. पिछड़ा वर्ग के पदों में आरक्षण की अधिकतम सीमा 20% होगी, जो कुल आरक्षण की सीमा 50% के अंदर होगी. अगर किसी नगर निकाय में एससी व एसटी की जनसंख्या के अनुसार पदों का आरक्षण 40% हो जाता है, तो पिछड़े वर्ग के लिए 10% सीटों का ही आरक्षण किया जायेगा.
नगरपालिका अधिनियम 2007 में स्पष्ट किया गया है कि दो आम निर्वाचन के बाद नगरपालिकाओं में पदों के आरक्षण के चक्र को बदल दिया जायेगा. 2017 में होनेवाला आम चुनाव में यह समय सीमा पूरी हो जा रही है. पदों में आरक्षण के चक्र के बदलाव के लिए ही सरकार द्वारा नगरपालिका संशोधन विधेयक 2016 विधानमंडल से पारित कराया गया. इसके कारण नये नगर निकायों के गठन पर 2021 के जनसंख्या के आधार पर परिसीमन की बात की गयी है. इसके अनुसार अब नगरपालिका क्षेत्र का परिसीमन 2026 में ही होगा. नये संशोधन विधेयक के पास होने के बाद पदों में आरक्षण के चक्र का पालन भी हो जायेगा.
अगर नगरपालिकाओं का परिसीमन 2011 की जनसंख्या के आधार पर किया जाता, तो आरक्षण के चक्र को पूरा नहीं किया जा सकता था. मालूम हो कि नवगठित नगर निगम छपरा, नगर परिषद बख्तियारपुर, नगर पंचायत बारसोई और नगर पंचायत हरनौत का आरक्षण की प्रक्रिया वर्ष 2007 में अपनाये गये प्रक्रिया से ही की जायेगी.

Next Article

Exit mobile version