शहाबुद्दीन की पत्नी पर दिये गये बयान पर कायम : सुमो

पटना : जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा मानहानि के मुकदमे के लिए भेजे गये कानूनी नोटिस का जवाब देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के अधिवक्ता अक्षय अमृतांशु ने कहा है कि उनके मुवक्किल अपने बयान पर कायम है कि नीतीश कुमार मो. शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2016 4:44 PM

पटना : जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार द्वारा मानहानि के मुकदमे के लिए भेजे गये कानूनी नोटिस का जवाब देते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के अधिवक्ता अक्षय अमृतांशु ने कहा है कि उनके मुवक्किल अपने बयान पर कायम है कि नीतीश कुमार मो. शहाबुद्दीन की पत्नी को जदयू में शामिल करा कर चुनाव में टिकट देना चाहते थे. मो. शहाबुद्दीन को बेल दिलाने में सरकार ने जिस तरह से मदद की और कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखने में कोताही बरती उससे भी उनका आरोप प्रमाणित होता है.

अधिवक्ता ने कहा है कि मो. शहाबुद्दीन की तरह ही सरकार ने नाबालिग से बलात्कार के आरोपित राजद के एक अन्य विधायक राजबल्लभ यादव की बेल का विरोध नहीं किया, परिणाम स्वरूप उसे हाईकोर्ट से बेल मिल गयी. मोदी के अधिवक्ता ने दावा किया है कि उनके मुवक्किल के दबाव का ही नतीजा रहा कि सरकार को इन दोनों की बेल को खारिज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने के लिए विवश होना पड़ा है. नोटिस के जवाब में कहा गया है कि जदयू को कभी भी आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों से कोई परहेज नहीं रहा है. एक दबंग और बाहुबलि छवि के व्यक्ति को बार–बार टिकट देकर चुनाव लड़ाया गया और बाद में गठबंधन के नेता के दबाव पर पार्टी से निलम्बित किया गया.

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