भोजपुर के पीरो में दो पक्षों में हिंसक झड़प, उपद्रव-आगजनी के बाद तनाव
आरा/पीरो : पीरो के दुसाधी बधार में ताजिया निकालने के दौरान दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गयी. एक पक्ष के लोगों ने सड़क पर खड़े वाहनों व एक दुकान में आग लगा दी. भीड़ के हिंसक रूप को देख समझाने गये पीरो डीएसपी व अन्य पुलिस भी ईंट-पत्थर लगने से जख्मी हो गये. इससे […]
आरा/पीरो : पीरो के दुसाधी बधार में ताजिया निकालने के दौरान दो पक्षों में हिंसक झड़प हो गयी. एक पक्ष के लोगों ने सड़क पर खड़े वाहनों व एक दुकान में आग लगा दी. भीड़ के हिंसक रूप को देख समझाने गये पीरो डीएसपी व अन्य पुलिस भी ईंट-पत्थर लगने से जख्मी हो गये. इससे पुलिस को कुछ देर के लिए बैकफुट पर आना पड़ा. इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी की गयी. ईंट-पत्थर फेंके जाने से नाराज एक पक्ष के लोगों ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर भागलपुर मोड़ के पास बिहिया-पीरो मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.
बाजार में तनाव का आलम, आगजनी
बुधवार की देर शाम पीरो के दुसाधी बधार से ताजिया निकाली गयी. आरोप है कि भीड़ में किसी ने ईंट-पत्थर फेंक दिया, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. इसके बाद हिंसक भीड़ ने किसी को नहीं बख्शा. सड़क पर खड़े कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. समझाने गये पीरो डीएसपी जेपी राय एवं पुलिस के जवानों पर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस घटना में डीएसपी के अलावे सैप के जवान सुरेश प्रसाद व बिहार पुलिस के जवान नंद किशोर यादव जख्मी हो गये. घायलों को इलाज पीरो अनुमंडलीय अस्पताल में कराया गया. आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ी बुलानी पड़ी. घटना के बाद से दुसाधी बधार पर स्थिति तनावपूर्ण हो गया. रुक-रुक कर कई राउंड हवाई फायरिंग हुई. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
आरा में भी स्थिति तनावपूर्ण
स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद डीएम डॉ बीरेंद्र प्रसाद यादव एवं पुलिस कप्तान क्षत्रनील सिंह मौके पर पहुंचे. समाचार लिखे जाने तक दोनों अफसर लोगों को समझाने में लगे थे. उधर आरा के महावीर टोला में प्रतिमा विसर्जन के दौरान भी पूजा समिति के अध्यक्ष व नवादा थाना प्रभारी के साथ काफी देर तक बक-झक हुआ. कुछ पलों के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गयी थी. दूसरी ओर शिवगंज में डीजे बजाने पर रोक लगी, तो पूजा समिति के सदस्यों ने इसका विरोध किया और प्रशासन के साथ बकझक भी की. जिसके कारण वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी थी. बाद में जिलाधिकारी बीरेंद्र प्रसाद यादव के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो सका.