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पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट का आदेश तीन माह में जांच पूरी करे सीबीआइ

नयी दिल्ली : बिहार में सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीबीआइ कोजांचके लिए तीनमहीनेकासमय दिया है.हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत से छह महीने का समय जांच के लिए मांगा था. इससे पहलेइसमामलेमें सुप्रीम कोर्ट से मिली नोटिस का बिहार सरकार ने जवाब दे दिया […]

नयी दिल्ली : बिहार में सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीबीआइ कोजांचके लिए तीनमहीनेकासमय दिया है.हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत से छह महीने का समय जांच के लिए मांगा था. इससे पहलेइसमामलेमें सुप्रीम कोर्ट से मिली नोटिस का बिहार सरकार ने जवाब दे दिया था.सुप्रीमकोर्ट में आज इस मामले की अहम सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है.

इस मामले में बिहार सरकार के मंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप ने भी सफाई दी. तेज प्रताप का इस मामले के आरोपी मोहम्मद कैफ के साथ फोटो के सवाल पर उनकी ओर से दलील दी गयी कि जिस वक्त फोटो खिंचाई थी, उस समय वह भगोड़ा नहीं थावउसके खिलाफ गैर जमानती वारंट नहीं जारी हुआ था और यह संयोगवश हुआ था. इस मामले में मोहम्मद कैफ व जावेद के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट भी मांगी. अबतक इस मामले में सीबीआइ 40 गवाहों से पूछताछ कर चुकी है.

मालूम हाे कि राजदेव रंजन हत्याकांड के मामले में उनकी पत्नी आशा रंजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट मेंयाचिका दाखिल की गयी है. सुप्रीम कोर्ट में आशा रंजन की याचिका पर मिली नोटिस का बिहार सरकार ने अपनी ओर से जवाब दे दिया था. जवाब में बिहार सरकार ने अपनी ओर से ओर सिवान जिला पुलिस की ओर से की गयी कार्रवाई का पूरा ब्याैरा दे दिया है. आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला सुनाते हुए सीबीआइ को जांच के लिए तीन महीने का समय दिया है.

उल्लेखनीय है कि पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नीआशा रंजन ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की सुनवाई बिहार से बाहर करने के साथ सूबे के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव पर हत्यारों को संरक्षण देने और राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन पर हत्या की साजिश रचने के साथ हत्यारों को बचाने और उन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया था. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मो.शहाबुद्दीन, तेज प्रताप यादव, सीवान पुलिस और बिहार सरकार को नोटिस जारी किया था. बिहार सरकार का जवाब इसी संदर्भ में आयाहै.वहींजानकारी के मुताबिक मो. शहाबुद्दीन और तेज प्रताप यादव की और से अभी जवाब नहीं आया है.

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