पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजगीर में जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कहना कि तीन तलाक के मामले को मुसलिम समाज पर छोड़ देना चाहिए, मुसलिम महिलाओं का अपमान है. तुष्टिकरण की नीति के कारण नीतीश कुमार ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के सामने घुटना टेक दिया है. नीतीश कुमार बतायें कि अगर सती प्रथा जैसी बुराइयों को समाज पर छोड़ दिया गया होता तो यह कुप्रथा कभी खत्म हो पाती.
श्री मोदी ने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने और हिंदू कोड बिल पर यदि हिंदुओं के विरोध का ध्यान रखा जाता तो क्या ये कानून कभी लागू हो पाता. क्या समाज में कोई भी बदलाव विरोध के डर से नहीं होना चाहिए. महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू करने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री बतायें कि क्या मुसलिम महिलाओं को सम्मान और समानता का अधिकार नहीं चाहिए. तीन तलाक का मामला कोई भाजपा ने नहीं बल्कि मुस्लिम महिला संगठनों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया है. केंद्र सरकार ने तो न्यायालय के निर्देश पर महिलाओं के सम्मान, स्त्री–पुरुष समानता और धर्म की आड़ में महिलाओं के अधिकारों के हनन पर केवल अपना मंतव्य दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री का बयान न केवल प्रतिगामी बल्कि मुसलिम महिलाओं के खिलाफ भी है.