नीतीश का एलान, शराबबंदी से समझौता नहीं करूंगा

राजगीर से मिथिलेश जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह किसी भी हाल में शराबबंदी से समझौता नहीं करेंगे़ शराबबंदी को लेकर जो भी कड़े कानून हैं, उनमें बदलाव चाहनेवालों के सुझाव मंजूर हैं, लेकिन इसके बहाने शराबबंदी को बंद कर दें, वह संभव नही़ं पार्टी की राष्ट्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2016 2:57 AM
राजगीर से मिथिलेश
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वह किसी भी हाल में शराबबंदी से समझौता नहीं करेंगे़ शराबबंदी को लेकर जो भी कड़े कानून हैं, उनमें बदलाव चाहनेवालों के सुझाव मंजूर हैं, लेकिन इसके बहाने शराबबंदी को बंद कर दें, वह संभव नही़ं पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अंतिम दिन खुले अधिवेशन में नीतीश कुमार ने कहा, आलोचना करनेवाले मेरी चमड़ी उधेड़ लें, मुझे इसकी चिंता नहीं, लेकिन मैं शराबबंदी से समझौता नहीं करूंगा़

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में विधिवत निर्वाचन के बाद अपने पहले संबोधन में नीतीश कुमार ने जहां एक ओर पाकिस्तान को दो टूक जवाब देने और आतंकवाद से निबटने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा उठाये गये किसी भी कदम का समर्थन देने का एलानकिया, वहीं दूसरी ओर किसान, रोजगार, दलित और अल्पसंख्ययकों के मसलों पर मोदी सरकार की जम कर खिंचाई भी की़ उन्होंने कहा कि बिहार में सरकार की जिम्मेवारी के साथ ही देश भर में घूमेंगे और जदयू के एजेंडे को लेकर जायेंगे.

सवा घंटे के अपने भाषण में जदयू अध्यक्ष ने शराबबंदी को लेकर सभी राज्यों में मुहिम चलाने के लिए जदयू कार्यकर्ताओं का आह्वान किया़ खचाखच भरे कन्वेंशन में उन्होंने जब कहा कि शराबबंदी कामयाब होगा, तो उत्साहित कार्यकर्ताओं ने ‘अबकी बार- नीतीश कुमार’ के जोरदार नारे लगाये. खुले अधिवेशन में झारखंड के पहले मुख्यमंत्री और जेवीएम के अध्यक्ष बाबू लाल मरांडी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे़.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से लोग खुश हैं. पीनेवाले भी कहते हैं आपने अच्छा काम किया़ एक-दो पेग पीनेवालों की नाराजगी है़ उन्हें लगता है कि मेरी आजादी छिन रही है़ जदयू अघ्यक्ष ने काॅमन सिविल कोड बनाने को लेकर छिड़ी बहस को बेकार बताते हुए कहा कि इसकी जिम्मेवारी मुसलिम संगठनों को सौंप देनी चाहिए़ वे खुद इस मसले का हल निकालेंगे, तो बेहतर होगा, दूसरा निकालेगा तो मन में कई शंकाएं होंगी. उन्होंने कहा कि बहस तो दलितों की समस्या और बेरोजगारी जैसे विषयों पर होनी चाहिए, लेकिन इसको भटकाने के लिए धारा 370, कॉमन सिविल कोड और राम मंदिर के मुद्दे उभारे जा रहे हैं.
उन्होंने एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों का हवाला देकर कहा कि बिहार अपराध के मामले में देश में 22वें पायदान पर है, जबकि केंद्र की नाक के नीचे दिल्ली पहले स्थान पर है़ मध्यप्रदेश तीसरे, हरियाणा पांचवें, महाराष्ट्र नौवें , छत्तीसगढ़ 12वें और गुजरात 16वें स्थान पर है़
नीतीश कुमार ने कहा कि हम काम करनेवाले लोग हैं, प्रचार में विश्वास नहीं करते.1967 में संविद सरकार बनी, तो डॉ लोहिया ने कहा था कि छह महीने काम करो, जनता खुद काम की चर्चा करने लगेगी. हमने इसी को आधार बनाया. अब काम बोल रहा है. महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकाय में 50% का आरक्षण दिया और उसकी चर्चा साल डेढ़ साल बाद शुरू हुई. बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा करते हुए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर इशारों-इशारों में कटाक्ष किया, वहीं प्रदेश भाजपा के नेताओं को ‘बयान बहादुर’ बताया. नीतीश कुमार ने कहा, विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा पीएम को सीधे उठा कर ले आती थी. आज तक किसी भी राज्य के चुनाव में देश के सर्वोच्च नेता को इतना नहीं घुमाया गया, लेकिन बिहार भाजपा के नेताओं ने पीएम को भी टहला दिया और उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. हम इसमें उनका दोष नहीं मानते.
खुला अधिवेशन को जेवीएम के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, केरल प्रदेश जदयू अध्यक्ष एमपी वीरेंद्र कुमार, बिहार जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने भी संबोधित किया. मंच संचालन पूर्व सांसद पवन कुमार वर्मा ने किया.
यूपी में अखिलेश शराबबंदी की हिम्मत दिखाएं, जदयू देगा साथ
अपने अध्यक्षीय संबोधन में नीतीश कुमार ने यूपी में नये समीकरण गढ़ने की ओर भी इशारा किया़ अपने पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवगोपाल यादव से बढ़ती दूरियों को लेकर चर्चा में आये अखिलेश यादव को उन्होंने शराबबंदी लागू करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव युवा हैं. यदि वह शराबबंदी लागू करने की हिम्मत दिखायेंगे, तो उन्हें किसी के साये की जरूरत नहीं होगी और जदयू भी उनके साथ हो जायेगा़ उन्होंने कहा कि ‘नो रिस्क, नो गेम’. वह हिम्मत करेंगे, रिस्क लेंगे तो नयी तारीख लिखने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को जोखिम उठाना चाहिए.

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले समाजवादी परिवार की एकजुटता को लेकर हुई पहल की चर्चा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि हम सबने मुलायम सिह यादव को अपना नेता मान लिया था. उन्हीं को संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाते हुए माला भी पहना दिया, लेकिन मुलायम खुद बाहर निकल गये. बिहार के चुनाव में उन्होंने जो रोल अदा किया, उसी का अभिशाप है कि आज यूपी में आपस में झगड़ा शुरू हो गया है. उन्हें लड़ना भाजपा के साथ चाहिए, लेकिन वे आपस में ही लड़ रहे हैं. पुराना संबंध है, इसलिए मुझे अच्छा नहीं लगता. उन्होंने कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव के लिए जदयू अपना काम कर रहा है. यूपी में अभी आठ सम्मेलन हो चुके हैं.

उन्होंने यूपी से आये जदयू नेताओं को पार्टी एजेंडे पर काम करते रहने का निर्देश दिया. कहा कि यूपी के साथ ही दिल्ली में भी काम हो रहा है. झारखंड में भी काम हो रहा है. झारखंड सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि वहां ऊपर से सरकार चल रही है. हमने वहां के मुख्यमंत्री से शराबबंदी लागू करने की अपील की, तो उन्होंने बिहार से सटे इलाके में शराब की आपूर्ति बढ़ा दी. उन्होंने कहा कि झारखंड में बाबू लाल मरांडी की अगुआई में अगली सरकार बनेगी और यह सरकार प्रदेश में शराबबंदी को लागू करेगी. उन्होंने दुमका में जेवीएम के कार्यक्रम में शामिल होने की घोषणा की.

सर्जिकल स्ट्राइक पर केंद्र के साथ होडिंग्स पर रोक लगाएं पीएम
नीतीश कुमार ने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की किसी भी कार्रवाई में जदयू केंद्र सरकार के साथ है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दीजिए, लव लेटर मत लिखिए. हमारी पार्टी आपके के साथ खड़ी है. हमलोग अगर-मगर में विश्वास नहीं करते. राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद से निबटने और विदेश नीति के मामले में पूरी तरह केंद्र के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम के आतंकवाद के मसले पर कही गयी बातों का समर्थन करते हुए कहा कि पीएम जैसा जरूरत समझें, हम उनके साथ हैं. सर्जिकल स्ट्राइक और सेना की कार्रवाई को समर्थन देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी थी. हमने पूछा कि ऑपरेशन सफल हुआ और उनका जवाब हां में आया, तो हमने बधाई दी. लेकिन हम पीएम से अनुरोध करते हैं कि वह किसी भी राजनीतिक दल को इसका श्रेय लेने या इस संबंध में होर्डिंग्स लगाने से रोकें. यह काम ठीक नहीं है. इसे देशभक्ति नहीं कहा जा सकता.

उन्होंने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि जो पार्टी एेसा कर रही है, उसे आप रोकिए. यह दूसरों को नहीं, सिर्फ आपको रोकना है. आप देश के प्रधानमंत्री हैं, अकेले भाजपा के नेता नहीं. पूरा राष्ट्र एक है. यदि कोई इस मसले को देश की अंदरूनी राजनीति का हिस्सा बनाना चाहता है, तो उसे आप रोकिए. उन्होंने कहा कि आप जय श्रीराम बोलिए, मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आपके बोलने के तुरंत बाद प्रवीण तोगड़िया ने मंदिर बनवाने की मांग भी कर दी.

प्रधानमंत्री के नाम का जिक्र किये बिना कहा कि जिस मुद्दे पर आपको वोट मिले, उस पर काम करिए. देश का फायदा, कॉमन सिविल कोड, धारा 370 और मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे से नहीं होगा, सबके विकास से होगा. देश की राष्ट्रीय विकास दर गिर कर सात प्रतिशत पर पहुंच गयी है. किसान निराश हो रहे हैं. रोजगार नहीं मिल रहा है. सालाना दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य कहीं नहीं रहा. किसानों की मजबूरी इस बात से समझी जा सकती है कि जाट, पाटीदार और मराठा जैसे सशक्त खेतिहर वर्ग भी अब आरक्षण की मांग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री को इसे देखना होगा. एग्रेगेरियन क्राइसिस का दौर है. जीएम सरसों को लाया जा रहा है. हमने पहले की सरकार में भी इसका विरोध किया था. वे लोग मान गये. अब जीएम सरसों थोपा जा रहा है, जबकि राज्यों की सहमति के बिना इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए. हम बिहार में किसी भी कीमत पर इसे लागू नहीं होने देंगे. जीएम सरसों का असर शहद पर भी पड़ेगा. देश अधिक दिनों तक इन चीजों को स्वीकार नहीं करेगा.

दिल्ली पर लंबे वक्त तक कब्जा करना है : शरद
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि इस बार दिल्ली पर लंबे समय तक कब्जा करना है. इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को अभी से गोलबंद होना होगा और जदयू की नीतियों को लेकर जनता के बीच जाना होगा. उन्होंने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि कश्मीर जल रहा है, पठानकोट और उड़ी जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं और हम हर दिन किसी-न-किसी शहीदों की चिता पर माला चढ़ाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अलावा सरकार के कई मुखिया हैं. रावण का उदाहरण देते हुए कहा कि उसके तो 10 मुख थे, लेकिन केंद्र सरकार के सैकड़ों मुख हैं. प्रधानमंत्री कुछ बोलते हैं और कोई चिमटा बाबा और भभूत लगाये आदमी कुछ और बोलता है. उन्होंने एक राष्ट्र, एक कानून के भाजपा के नारे की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि हिम्मत है, तो केंद्र सरकार को एक राष्ट्र और एक जाति का कानून बनाना चाहिए. अगर ऐसा वो करते हैं, तभी एक राष्ट्र एक कानून की बात सही होगी. उन्होंने कहा कि जनता संविधान को जानती है.

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की चर्चा करते हुए शरद यादव ने कहा कि वे कहते थे कि किसान जब अपनी खेत पर जाये, तो एक ओर फसल को देखे और दूसरी ओर दिल्ली की ओर देखे. दिल्ली में ही सब चीजों की चाबी है. 18 लाख करोड़ का बजट है. उन्होंने चुनाव में धन के प्रयोग पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अब पंचायत के चुनाव में भी दो से तीन करोड़ खर्च होने लगे हैं.

आज देश को नीतीश की जरूरत : मरांडी
जदयू के खुले अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में आये झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आज देश को नीतीश कुमार जैसे नेतृत्व की जरूरत है. देश में जहां कहीं भी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प की चर्चा होती है, नीतीश कुमार का नाम पहले आता है. नीतीश कुमार के जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि आज देश जिस दौर सेगुजर रहा है, राजनीति में विचार का अभाव है. सत्ता को प्राप्त करना अधिकार जैसा बन गया है. इससे नेताओं के प्रति विश्वास में कमी आयी है.

ऐसे समय में नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोगों की आस जगी है. संपूर्ण देश की जनता विकल्प को ढूंढ़ रही है. कौन नेता हमारा नेतृत्व करेगा, यह सवाल है. उन्होंने बिहार जदयू से अपील की कि बिहार के लिए नीतीश कुमार ने बहुत कुछ किया है, अब देश को उनकी जरूरत है. पिछले लोकसभा चुनाव की चर्चा करते हुए मरांडी ने कहा कि केंद्र की सत्ता में बैठी पार्टी और उसके नेता ने देश को सपने दिखाये और आज पूरी तरह से उन सपनों को उड़ा दिया. अब उसे जुमला करार देते हैं. दूसरी ओर लोग पूछ रहे हैं कि अब क्या होगा? अब कहां गये अच्छे दिन? किसान, मजदूर, नौजवान, आदिवासी, अल्पसंख्यक और पिछड़ा, हर कोई परेशान तबाह है.

भाजपा पहले नैतिकता की बात करती थी. उन्होंने कहा कि झारखंड में जब से सरकार बनी संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. देश में मजबूत विकल्प और विश्वसनीय नेतृत्व की जरूरत है. जदयू के पास नेता भी हैं और अनुभव भी. हम सब की जिम्मेवारी बनती है कि मजबूत विकल्प पेश करें और अच्छी सरकार बना सके. जब से नीतीश कुमार ने झारखंड का दौरा किया है, सबसे अधिक भाजपा के लोग परेशान होते हैं. संकट, विचार और विश्वसनीयता की दृष्टिकोण में इस रिक्तता को कोई भर सकता है तो वह नीतीश कुमार हैं.

नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि जब से वह पीएम बने हैं, तीन बार भूमि अध्यादेश कानून में संशोधन लाने की कोशिश की है. झारखंड में किसानों की जमीन जबरदस्ती छीनी जा रही है. विरोध करने पर लाठी और गोली चल रही है. आधा दर्जन लोग मारे गये हैं और सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं. भ्रष्टाचार की गंगोत्री बह रही है. काॅरपोरेट घरानों को लाभ देने के लिए हर दिन कानून को नये सिरे से परिभाषित करते हैं. उन्होंने कहा कि 60 महीने का समय प्रधानमंत्री ने मांगा था. आधा समय बीत गया है. उनके पास जनता के बीच जाने के लिए कोई भी मुद्दा नहीं है. किसानों को धोखा हुआ है. नौजवान निराश है और इसलिए उन्माद पैदा किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में अब अल्पसंख्यक वर्ग को गाय पालना भी मुश्किल हो गया है.

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