जेंडर के भेदभाव को समाप्त करें
फुलवारीशरीफ. संवेदीकरण, जागरूकता और उन्मुखीकरण के जरिये समाज से जेंडर आधारित भेदभाव व हिंसा को खत्म किया जा सकता हैं. पशु व मत्स्य संसाधन विभाग में महिलाओं के प्रति उत्पीड़न की सुनवाई के लिए एक कोषांग का गठन किया गया है. उक्त बातें सोमवार को बिहार कृषि प्रबंधन व प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना के […]
फुलवारीशरीफ. संवेदीकरण, जागरूकता और उन्मुखीकरण के जरिये समाज से जेंडर आधारित भेदभाव व हिंसा को खत्म किया जा सकता हैं. पशु व मत्स्य संसाधन विभाग में महिलाओं के प्रति उत्पीड़न की सुनवाई के लिए एक कोषांग का गठन किया गया है. उक्त बातें सोमवार को बिहार कृषि प्रबंधन व प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना के सभागार में जेंडर रिसोर्स सेंटर व महिला विकास निगम की ओर से पदाधिकारियों-कर्मचारियों व क्षेत्रीय कार्यालयों के कर्मियों के लिए जेंडर आधारित विकासात्मक सोच पर एक कार्यशाला का उद्घाटन ने दौरान सचिव एन विजया लक्ष्मी ने कहीं.
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति किसी प्रकार के उत्पीड़न की शिकायत मिलने पर दोनों पक्षों की बात सुन कर यथोचित निर्णय लेनी चाहिए. उन्होंने महिला व पुरुष कर्मचारियों व पदाधिकारियों को आपस में मिल-जुल कर व बिना किसी भेदभाव के कार्य करने का आह्वान किया.
मौके पर जेंडर रिसोर्स सेंटर के प्रमुख आनंद माधव ने राज्य में जेंडर रिसोर्स सेंटर की ओर से किये जा रहे कार्यों की विस्तार से चर्चा की. सुंदली ठाकुर व राव ने विशेषज्ञ के रूप में महिला उत्पीड़न की परिभाषा व अन्य संबंधित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावे राधेश्याम साह, निदेशक पशुपालन व मत्स्य निशांत अहमद, निदेशक मत्स्य, कार्यक्रम के समन्वयक डॉ रमेश कुमार, डॉ दिवाकर प्रसाद, सहायक निदेशक, पशुपालन सूचना व प्रसार, डॉ सतानंद ब्रह्मचारी, निदेशक पशु स्वास्थ्य व उत्पादन संस्थान, पटना, डॉ जागेश्वर लाल, संयुक्त निदेशक, डॉ प्रमीला शरण, डॉ अनूप अग्रवाल, श्री अमिताभ सिंह, डॉ गायत्री मुखर्जी, डॉ रेणु सिन्हा, डॉ मंजू सिन्हा, डॉ प्रिया राज, डॉ सुनील कुमार राय आदि मौजूद थे.