पूर्ण संतुष्टि के बाद ही छात्रावासों का आवंटन

पटना: पटना उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया कि जब तक वह पूर्ण रूपेण संतुष्ट नहीं हो जाती है कि पीयू का सैदपुर और अंबेदकर छात्रावास में सीटो का आवंटन नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमदद अंसारी और जस्टिस डा रवि रंजन की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि वह पूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2016 7:18 AM
पटना: पटना उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया कि जब तक वह पूर्ण रूपेण संतुष्ट नहीं हो जाती है कि पीयू का सैदपुर और अंबेदकर छात्रावास में सीटो का आवंटन नहीं होगा. मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमदद अंसारी और जस्टिस डा रवि रंजन की कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और कहा कि वह पूर्ण संतुष्ट होने के बाद ही 24 अक्तूबर के बाद जिला प्रशासन को छात्रावासों में सीटों के आवंटन की अनुमति देंगे.

इसके पहले जिला प्रशासन की ओर से कोर्ट को भरोसा दिलाया गया कि दोनों ही छात्रावासों को पूरी तरह असामाजिक तत्वों से खाली करा लिया गया है. प्रशासन जब नये सिरे से सीटों के आवंटन की अनुमति मांगी तो कोर्ट ने मना कर दिया. गौरतलब है कि एक अगस्त को सैदपुर छात्रावास में बम और गोली चलने की खबर को कोर्ट ने गंभीरता से लिया था और पीयू प्रशासन को भी कड़ी फटकार लगायी थी.

हरिहरनाथ के दस्तखत की एफएसएल जांच
हाईकोर्ट ने टापर्स घोटाले के आरोपित पूर्व सचिव हरिहरनाथ झा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए बोर्ड के दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर की जांच कराने का आदेश दिया है. जस्टिस सुधीर सिंह की कोर्ट ने जेल में बंद श्री झा की ओर से जमानत याचिका दायर कर कहा कि टापर्स घोटाले की जांच कर रही एसआइटी ने हरिहरनाथ झा के जाली दस्तखत कर उन्हें फंसाया है. श्री झा के वकील वरीय अधिवक्ता वाइवी गिरि ने कोर्ट से एफएसएल से उनके हस्ताक्षर की जांच कराने कीा अनुरोध किया जिसे काेर्ट ने स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने एफएसएल से कहा कि वह दो सप्ताह के भीतर यह जांच करे कि जिन दस्तावेजों पर हरिहरनाथ झा के जाली दस्तखत की बात कही जा रही है, वह सही है या गलत. जांच रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जायेगी इसके बाद 24 अक्तूबर को उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट सुनवाई करेगी.

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