राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लिए केंद्र ने नहीं दिया समुचित बजट

पटना. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को आये 3 वर्ष पूरा हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए अभी तक समुचित बजट की व्यवस्था नहीं की गयी है. कानून के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाली सेवाओं का सर्वव्यापीकरण करना था, जिसके लिए और आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने थे. फंड के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2016 5:37 AM
पटना. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को आये 3 वर्ष पूरा हो चुका है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसे लागू करने के लिए अभी तक समुचित बजट की व्यवस्था नहीं की गयी है. कानून के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाली सेवाओं का सर्वव्यापीकरण करना था, जिसके लिए और आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाने थे.

फंड के अभाव में ये नहीं हो सका. वर्तमान में राज्य के 0 से 6 वर्ष के केवल 24% बच्चों को ही आंगनबाड़ी से सीधे लाभ मिल पाता है. उसी प्रकार मातृत्व लाभ के तहत 6 हजार रुपए के प्रावधान कानून में किये गए हैं जिसके लिए अभी तक केंद्र द्वारा कोई बजट नहीं दिया गया है. भोजन के अधिकार से सम्बंधित केस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट आयुक्त के राज्य सलाहकार रूपेश के द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून, 2016 के क्रियान्वयन की स्थिति पर अध्ययन रिपोर्ट जारी की.

इस अवसर पर अभियान के द्वारा एक परिचर्चा का आयोजन किया गया. जिसमें एक्शन एड की डॉ. शरद, जदयू विधायक श्याम रजक, कांग्रेस विधायक शकील अहमद, कपिलेश्वर राम, अजित कुमार सिंह, कासा से सतीश कुमार, सी.डब्लू.एस. के अजय, डी.एम. दिवाकर, डॉ. शकीलआदि मौजूद थे.

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