इसकी देशी बाजार में कीमत डेढ़ करोड़ और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 14 करोड़ बतायी जा रही है. इसके अलावा यहां से बड़े स्तर पर ड्रग्स को संरक्षित और परिष्कृत करनेवाली मशीनें और पदार्थ बरामद हुए हैं. प्राप्त सूचना के अनुसार, इस स्थान पर यह धंधा काफी समय से चल रहा था और इसके तार नेपाल समेत अन्य देशों से भी जुड़े होने की आशंका है. चूकिं बिहार में चरस का उपयोग ड्रग्स के रूप में कम होता है, इसलिए यह तय माना जा रहा है कि इस मिनी फैक्ट्री से माल तैयार होकर दूसरे राज्य या पड़ोसी देश तक जाता होगा.
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वैशाली में 15 करोड़ के गांजा-चरस समेत अन्य ड्रग्स बरामद
पटना:बिहार में अब तक अवैध शराब का जखीरा ही बरामद होता था, लेकिन पहली बार ड्रग्स बनाने की मिनी फैक्टरी पकड़ी गयी है. वैशाली जिले के सराय थाने के पुराना बाजार नामक मोहल्ले में गुप्त सूचना के आधार पर डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की विशेष टीम ने बुधवार की दोपहर छापेमारी की. इसमें किसी […]
पटना:बिहार में अब तक अवैध शराब का जखीरा ही बरामद होता था, लेकिन पहली बार ड्रग्स बनाने की मिनी फैक्टरी पकड़ी गयी है. वैशाली जिले के सराय थाने के पुराना बाजार नामक मोहल्ले में गुप्त सूचना के आधार पर डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआइ) की विशेष टीम ने बुधवार की दोपहर छापेमारी की. इसमें किसी की गिरफ्तारी तो नहीं हो सकी, लेकिन मिनी फैक्टरी में ड्रग्स और अन्य तरह के नशीले पदार्थों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ. 144 किलो चरस, 42 किलो गांजा के अलावा 45 किलो चरस तैयार करनेवाला कैमिकल और 300 पैकेट नाइट्रावेट (नींद की दवा, जो भारत में प्रतिबंधित है) बरामद किया गया है.
जांच के लिए भेजा जायेगा सीआरसीएल
यहां से बरामद होनेवाले तमाम केमिकल्स, चरस और अन्य सामान को नयी दिल्ली स्थित सेंट्रल रेवेन्यू कंट्रोल लेबोरेटरी (सीआरसीएल) में जांच के लिए भेजा जायेगा, जिससे यह पता चल सके कि इसे तैयार करनेवाला कच्चा माल कहां से आया है. जिस स्थान का यह कच्चा माल होगा, वहां तक इसके नेटवर्क जुड़े होने का पक्का सबूत मिल सकेगा. इसका नेटवर्क कहां तक फैला है, यह भी पता चलेगा.
मास्टरमाइंड फरार
इस स्थान पर अवैध रूप से मिनी फैक्टरी ही चलायी जा रही थी. यहां चरस पैक करनेवाली मशीन के अलावा चरस तैयार करनेवाली विशेष किस्म की मशीन भी बरामद हुई है. इस मशीन में कैनबिस (धतूरा) और चरस ऑयल को मिला कर चरस को ठोस रूप दिया जाता था. इस चरस को तैयार करके इसकी पैकेजिंग कर अन्य स्थानों पर सप्लाइ की जाती थी. फैक्टरी संचालन, मास्टरमाइंड और मकान मालिक एक ही व्यक्ति है, जो वैशाली जिले के ही मंझौली का रहनेवाला है. इसकी गिरफ्तारी फिलहाल नहीं हुई है. कई टीमें इसे पकड़ने के लिए दर्जनों स्थान पर छापेमारी कर रही है. यह भी सूचना मिली है कि आसपास को दो-तीन अन्य मकानों में भी इस तरह की फैक्टरी बना रखा है. इन स्थानों पर भी छापेमारी चल रही है.
आधार, वोटर कार्ड व बैंक पासबुक बरामद
इस स्थान से कोई धंधेबाज तो गिरफ्त में नहीं आ सका, लेकिन कई लोगों के आधार कार्ड, वोटर आइडी, 15 से ज्यादा बैंक एकाउंट समेत अन्य कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं. जिसके मकान में यह धंधा चल रहा था, उसका आधार कार्ड भी बरामद कर लिया गया है. बैंक पासबुकों की जांच से पता चला है कि इनके खातों में 25 लाख से ज्यादा रुपये हैं और सभी खाते स्थानीय बैंकों में ही हैं. पिछले एक साल के दौरान दो खातों में एक करोड़ से ज्यादा रुपये का लेन-देन भी हुआ है. इसके अलावा 15 लाख रुपये पोस्ट ऑफिस में जमा करने और एलआइसी, बजाज एलाइंस समेत अन्य कई माध्यमों में निवेश के कागजात भी बरामद हुए हैं. डीआइआइ के अधिकारियों ने बताया कि सभी बैंक खातों को सील करने की कार्रवाई गुरुवार को की जायेगी. साथ ही सीओ से जमीन का पूरा रिकॉर्ड मंगवाया जायेगा.
एनसीबी ने पांच किलो चरस के साथ दो को पकड़ा
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रक्सौल के पास नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा से पांच किलो चरस जब्त किया है, जिसकी कीमत करीब चार लाख रुपये है. चरस की इस खेप के साथ दो लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों आरोपित मोतिहारी के ही रहनेवाले हैं. फिलहाल इनसे गहन पूछताछ की जा रही है. दोनों चरस की खेप लेकर नेपाल से आ रहे थे.
तस्करों की जब्त होगी तमाम संपत्ति
डीआरआइ ने यह मामला नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक्स सब्सटांस (एनडीपीएस ) एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. इसके बाद अब सभी आरोपितों की तमाम संपत्ति भी जब्त की जायेगी. इस संबंध में कार्रवाई शुरू की जायेगी.
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