बृजनाथी हत्याकांड. पहले दुश्मनों को मिलाया, फिर हत्या
पटना : लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या के मामले में फरार मास्टरमाइंड मुन्ना सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उसके फतुहा के जेठुली में होने की जानकारी मिलने पर उसे पकड़ने के लिए गुरुवार की रात घेराबंदी की गयी. लेकिन, वह पुलिस पर फायरिंग कर फरार होने लगा. पुलिस […]
पटना : लोजपा नेता बृजनाथी सिंह की हत्या के मामले में फरार मास्टरमाइंड मुन्ना सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. उसके फतुहा के जेठुली में होने की जानकारी मिलने पर उसे पकड़ने के लिए गुरुवार की रात घेराबंदी की गयी. लेकिन, वह पुलिस पर फायरिंग कर फरार होने लगा. पुलिस ने भी फायरिंग की. पुलिस की घेराबंदी इतनी तगड़ी थी और वह पिस्टल के साथ पकड़ा गया.
पूछताछ में मुन्ना ने बताया कि उसने पहले बृजनाथी सिंह के एक-एक दुश्मनों को अपने साथ मिलाया और फिर हत्या की योजना बनायी. बृजनाथी की हत्या करने के लिए वह छह महीनों से लगातार योजना बना रहा था और सभी ग्रुपों से संपर्क में था. उसने बृजनाथी के चालक और फतेहपुर के किराना दुकानदार रवींद्र को भी मिला लिया था. ताकि, बृजनाथी सिंह की गतिविधियों की जानकारी मिल सके. इसके लिए उसने दोनों को ढाई लाख भी दिये थे.
सिपाही अनिल सिंह से खरीदी एके-47 : मुन्ना के अनुसार उसने हाजीपुर के एक सिपाही अनिल सिंह से एके-47 राइफल खरीदी थी और दूसरी राइफल कुख्यात बुलकन राय के पास थी. मुन्ना सिंह का आरोप है कि उसके मित्र, चाचा की हत्या व पिता पर जानलेवा प्रयास करने में बृजनाथी सिंह का हाथ था और उसकी भी हत्या करवाने का प्रयास वह कर चुके थे. इसलिए वह बदला लेने के फिराक में था.
इसके लिए उसने राजनीतिक विरोधी सुबोध कुमार, सुनील कुमार को अपने साथ लिया. साथ ही बबलू, भौसिया, बुलकन, सत्या, डब्लू को भी शामिल किया. वे सभी भी बृजनाथी के विरोधी थे. मुन्ना के अनुसार उसका साथ ठेकेदार अजय सिंह ने भी दिया था. क्योंकि, बृजनाथी सिंह उससे पचास हजार रुपये रंगदारी वसूलता था. बृजनाथी सिंह के प्रभाव के कारण ही सुबोध का राघोपुर इलाके में राजनीतिक प्रभाव कम हो गया था.
घटना में 11 अपराधी थे मौजूद : जिस समय घटना को अंजाम दिया गया, उस समय 11 अपराधी मौजूद थे. जिसमें से दस की गिरफ्तारी हो चुकी है और पूर्व जिला पार्षद का पति सुबोध कुमार फिलहाल फरार है. चालक व किराना दुकानदार ने लाइनर की भूमिका अदा की थी और यह जानकारी दी थी कि बृजनाथी सिंह कितने बजे घर से पटना के लिए निकलेंगे. यह जानकारी मिलते ही तीन टीम बन गयी, जो फतेहपुर से लेकर कच्ची दरगाह तक फैल गयी. उन सभी की मंशा थी कि फतेहपुर बृजनाथी सिंह की हत्या कन्हाई चौक पर ही कर दिया जाये. लेकिन, वहां पुलिस की गश्ती गाड़ी पहुंच गयी और वे लोग वहां से पीछा करते हुए आगे बढ़ गये. इसके बाद सेवक चौक पर घेर कर मारने की योजना बनायी. लेकिन वहां भी योजना पुलिस के कारण फेल हाे गयी.
अब इन लोगों के पास कच्ची दरगाह में ही हत्या करने का अंतिम प्रयास था. इसके बाद सुनील उर्फ लंगड़ा ने वहां रास्ते में ट्रैक्टर लगवा दिया और बृजनाथी सिंह के चालक ने गाड़ी रोक दी और उतर गया और इसी दौरान अंधाधुंध फायरिंग की गयी. मुन्ना के अनुसार एक एके-47 वह चला रहा था और दूसरा बुलकन राय चला रहा था. उसने बृजनाथी सिंह को सात गोलियां मारी थी और बाकी ने अन्य गोली मारी थी.
मुन्ना के खिलाफ दो दर्जन मामले दर्ज : मुन्ना सिंह कुख्यात अपराधी रहा है और इसके खिलाफ मुजफ्फरपुर, वैशाली व पटना जिला में दो दर्जन से अधिक हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी के मामले दर्ज है. पैक्स अध्यक्ष मनोज सिंह की हत्या भी इसने ही की थी. बृजनाथी सिंह के कारण राधोपुर में इसकी कुछ नहीं चलती थी, जिसके कारण भी यह अंदर ही अंदर खफा था.
छापेमारी जारी
घटनास्थल पर 11 लोग मौजूद थे. जिसमें से दस को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. जांच के क्रम में घटना को अंजाम देने में सहयोग करने, लाइनर की भूमिका अदा करने, हथियार का इंतजाम करनेवाले का नाम भी सामने आया है और उन सभी को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि एके-47 को बरामद करने का प्रयास जारी है.
मनु महाराज, एसएसपी, पटना