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होमियोपैथी परिषद के अध्यक्ष 20 लाख घूस लेते दिल्ली से गिरफ्तार

पटना:बिहार बोर्ड घोटाले के तर्ज पर ही होमियोपैथी कॉलेज मान्यता घोटाला उजागर हुआ है, जिसके तार बिहार से जुड़े हुए हैं. सीबीआइ ने केंद्रीय होमियोपैथी परिषद (सीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. रामजी सिंह को 20 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. शनिवार को डॉ. सिंह की गिरफ्तारी नयी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सीसीएच […]

पटना:बिहार बोर्ड घोटाले के तर्ज पर ही होमियोपैथी कॉलेज मान्यता घोटाला उजागर हुआ है, जिसके तार बिहार से जुड़े हुए हैं. सीबीआइ ने केंद्रीय होमियोपैथी परिषद (सीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. रामजी सिंह को 20 लाख रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. शनिवार को डॉ. सिंह की गिरफ्तारी नयी दिल्ली के जनकपुरी स्थित सीसीएच के कार्यालय से ही हुई.

वहां वह राजकोट (गुजरात) स्थित एक निजी होमियोपैथी कॉलेज को मान्यता दिलाने के नाम पर उसके संचालक से घूस ले रहे थे. डॉ. सिंह के साथ इस पूरे रैकेट में दलाली की मुख्य भूमिका निभाने वाले हरिशंकर झा को भी गिरफ्तार किया गया है. हरिशंकर बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाले हैं और वह वर्तमान में गुड़गांव में बस गये हैं. इसके अलावा पटना के रामकृष्ण नगर स्थित जीडी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और कंकड़बाग स्थित शंकर होमियो हॉल में भी सीबीआइ की टीम ने छापेमारी की है. यहां से कई अहम दस्तावेज बरामद किये गये हैं. कॉलेज और दुकान डॉ. सिंह की हैं. सीबीआइ ने गिरफ्तारी के बाद दोनों को पांच दिनों की न्यायिक हिरासत में ले लिया है. राजकोट होमियोपैथी कॉलेज के उपाध्यक्ष सीसीएच अध्यक्ष डॉ. सिंह से हरिशंकर झाके माध्यम से लगातार संपर्क में थे, जिसने पूरी दलाली का कारोबार सेट किया था. राजकोट के इस कॉलेज का निरीक्षण इस वर्ष सितंबर महीने में सीसीएच की तरफ से गठित तीन सदस्यीय टीम ने किया था. इस टीम ने नियमों को दरकिनार करते हुए रिपोर्ट को पूरी तरह से कॉलेज के पक्ष में तैयार कर दी. इस टीम में शामिल प्रोफेसर पर भी मामला दर्ज कर उनके अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की गयी, जहां से कई अहम दस्तावेज बरामद किये गये हैं. इस पूरे मामले में डॉ. सिंह के अलावा तीन अलग-अलग होमियोपैथी कॉलेज के प्रोफेसर तथा पांच अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ है.

पहले हुई थी यह कार्रवाई
इससे पहले सीबीआइ ने 2012 में एमसीआइ के अध्यक्ष को दो करोड़ रुपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था. यह भी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देने के लिए घूस लेने का मामला था.
जांच टीम ने जमा की गलत रिपोर्ट
राजकोट के होमियोपैथी कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए जिस टीम को तैयार किया गया था, उस तीन सदस्यीय टीम में जबलपुर (एमपी) के होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर के अलावा कोलकाता स्थित नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ होमियोपैथी (जीओआइ) और रोहतक (हरियाणा) स्थित होमियोपैथी कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एक-एक प्रोफेसर शामिल थे. इन लोगों ने भी तमाम नियमों को ताक पर रखकर रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट फेवर में तैयार कराने और मान्यता दिलाने के लिए सीसीएच के अध्यक्ष ने पूरा ठेका लिया था. प्राप्त सूचना के अनुसार, पूरा ठेका ज्यादा रुपये में लिया गया था. घूस की पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये का पेमेंट किया जा रहा था. होमियोपैथी कॉलेजों को मान्यता दिलाने के एवज में जो दलाली मिलती थी, उस व्यक्ति को उसकी भूमिका के हिसाब से रुपये मिलते थे.
यह थी इनकी भूमिका : पटना के जाने-माने चिकित्सक रामजी सिंह पूरे रैकेट के सबसे अहम सूत्रधार हैं. जिस कॉलेज से घूस के रुपये लेकर मामला सेट हो जाता था, उसके पक्ष में रिपोर्ट तैयार करवाने के लिए वह अपने चुनिंदा लोगों की टीम तैयार करते थे और फिर मान्यता दिलाने का काम करते थे.
हरिशंकर झा
यह मुख्य रूप से क्लाइंट पकड़ कर लाता था और घूस के रुपये तय करता था. पैसे दिलाने से लेकर अन्य काम यही करता था. वह गुड़गांव में रहता है. दिल्ली में इनके दो होटल हैं. सीसीएच से निजी कॉलेजों को मान्यता दिलाने में अध्यक्ष की तरफ से दलाल के रूप वह अहम भूमिका निभाता था.डॉ. आरडी पटेल
गुजरात सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आयुष में सहायक निदेशक (होमियोपैथी) के पद पर तैनात हैं. वह गुजरात में निजी कॉलेज की लाइजनिंग सीसीएच के साथ करते थे और राज्य स्तर पर मिलने वाली तमाम अनुमति दिलवाने का काम करते थे.
दानिष के. पटेल
राजकोट में भावनगर हाइवे के पास मौजूद कस्तूरबाधाम निजी विश्वविद्यालय के ट्रस्टी सह उपाध्यक्ष हैं. इन्हें ही अपने कॉलेज में होमियोपैथी के लिए मान्यता चाहिए थी. घूस का रुपये यही दे रहे थे. इनसे करीब 40 लाख में मामला तय हुआ था. पहली किस्त के रूप में 20 लाख रुपये दिये जा रहे थे.
राहुल श्रीवास्तव
जबलपुर (मध्य प्रदेश) होमियोपैथी मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर हैं. वे जांच कमेटी में सदस्य थे और बिना मापदंड रखने वाले कॉलेजों के पक्ष में रिपोर्ट तैयार करते थे. जिस कॉलेज के साथ जितने में बात होती थी, उस घूस के पैसे में इन्हें शेयर मिल जाता था.
डॉ. अशोक कोनर
कोलकाता के आयुष विभाग अंतर्गत नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ होमियोपैथी में प्रोफेसर हैं. यह भी सीसीएच की तरफ से बनायी जाने वाली जांच कमेटी में सदस्य के तौर पर भूमिका निभाते थे. कॉलेज की जरूरत और सेटिंग के हिसाब से रिपोर्ट तैयार करने में अहम रोल.
डॉ. अश्विनी आर्या
रोहतक (हरियाणा) के होमियोपैथी कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधिकारी हैं. कॉलेज का इंस्पेक्शन करने और अन्य विभागीय काम कराने में अहम भूमिका निभाते थे.
( इसके अलावा कुछ अन्य पर भी मामला दर्ज हुआ है)
सीबीआइ ने सात शहरों में कई ठिकानों पर की छापेमारी
एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने पटना के अलावा दिल्ली, रोहतक, गुड़गांव, राजकोट, गांधीनगर, जबलपुर और कोलकाता स्थित कई ठिकानों पर गहन छापेमारी की. इन स्थानों पर जांच टीम में शामिल प्रोफेसर के अलावा अवैध रूप से होमियोपैथी कॉलेजों को मान्यता दिलाने वाले इस रैकेट में शामिल लोगों के संबंधित ठिकानों पर भी सर्च किया गया है. इस पूरे प्रकरण में दलाली की भूमिका निभाने वाले हरिशंकर झा के गुड़गांव स्थित घर पर भी छापेमारी की गयी. यहां से 21.50 लाख रुपये नकद के अलावा कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं. इन दस्तावेजों की जांच चल रही है. इसमें कई निजी कॉलेजों के दस्तावेज और सीसीएच से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं, जो किसी निजी व्यक्ति के यहां नहीं होने चाहिए थे. शुरुआती जांच से यह पता चला है कि हरिशंकर निजी कॉलेजों को मान्यता दिलाने के लिए ठेका लेता था और इसकी सीसीएच में अच्छी सांठगांठ थी. अध्यक्ष समेत अन्य इसी के माध्यम से रुपये के लेन-देन का पूरा अवैध कारोबार करते थे.
पटना के जाने-माने चिकित्सक हैं डॉ रामजी सिंह
केंद्रीय होमियोपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ रामजी सिंह पटना के जानेमाने चिकित्सक हैं. पिछले 44 वर्षों से वह होमियोपैथी चिकित्सक के रूप में जबकि 34 वर्षों से होमियोपैथी शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. वह बिहार होमियोपैथी बोर्ड के सदस्य रहे और सात अगस्त, 2009 को केंद्रीय होमियोपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किये गये. इसके पूर्व उन्होंने केंद्रीय होमियोपैथी बोर्डके उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है. सीबीआइ द्वारा 20 लाख रुपये घूस लेने के आरोप में पकड़े गये डॉ रामजी सिंह बिहार के एक राजद नेता के निकट संबंधी भी हैं. एक होमियोपैथिक डाक्टर के रूप में उन्होंने डॉ बी भट्टाचार्य के सहायक के रूप में लंबे समय तक काम भी किया है. डॉ सिंह रामकृष्ण नगर,सोरंगपुर में स्थापित जीडी मेमोरियल होमियोपैथी मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के सचिव भी हैं. उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर से होमियोपैथी में डिप्लोमा की जबकि राजस्थान विश्वविद्यालय,जयपुर से पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री पास की है. पटना के कदमकुआं स्थित बिहार होमियोपैथी बोर्ड के मकान में किरायेदार के रूप में शंकर होमियो हाल में निजी प्रैक्टिस करते हैं.

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