पहुंची ड्रेजर मशीन, गाद निकालने का काम शुरू

मोकामा : फतुहा-मोकामा टाल में जमा पानी निकालने के लिए जल संसाधान विभाग की टीम ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. टाल से पानी को निकालने के लिए जल संसाधान विभाग ने वरीय अभियंताओं की टीम का गठन कर इस कार्य में लगा दिया है. रविवार को टाल से पानी निकालने के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2016 7:15 AM
मोकामा : फतुहा-मोकामा टाल में जमा पानी निकालने के लिए जल संसाधान विभाग की टीम ने युद्ध स्तर पर काम शुरू कर दिया है. टाल से पानी को निकालने के लिए जल संसाधान विभाग ने वरीय अभियंताओं की टीम का गठन कर इस कार्य में लगा दिया है. रविवार को टाल से पानी निकालने के लिए जलसंसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख इंदुभूषण के नेतृत्व में एक दर्जन अभियंताओं ने लखीसराय के रेहुआ गांव के पास ड्रेजर मशीन के सहारे हरोहर नदी में जमा गाद को निकालने का काम शुरू किया.
हरोहर नदी से ही टाल का पानी निकल कर गंगा में जाता है. हरोहर नदी में गाद होने के कारण पानी के जाने की रफ्तार काफी कम थी. गाद को हटाने के बाद टाल का पानी तेजी से गंगा में जायेगा.
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा बहुत जल्द हरोहर नदी से गाद को निकाल दिया जायेगा और हरोहर नदी की धारा तेज होते ही टाल का भी पानी निकल जायेगा. टाल का पानी निकाले जाने के बाद किसान मोकामा टाल में दलहन की खेती कर सकेंगे. हरोहर नदी से गाद को निकालने वाली टीम में मुख्य अभियंता हरिनारायण,अधीक्षण अभियंता शैलेंद्र कुमार, कार्यपालक अभियंता भोला शरण व कनीय अभियंता श्लोक कुमार शामिल हैं.
सरकार की पहल स्वागत योग्य : मरांची गांव के किसान नेता अरविंद सिंह ने कहा कि सरकार और जल संसाधान विभाग की पहल स्वागतयोग्य है. अरविंद सिंह की मानें, तो हरोहर नदी में सिल्ट निकालने से नदी की धारा तेज होगी और उतनी ही तेजी से टाल का पानी निकलेगा.
पहली बार किया जा रहा ऐसा काम : मरांची निवासी पवन कुमार ने बताया कि ड्रेजर मशीन से पहली बार हरोहर नदी से गाद को निकालने का काम किया जा रहा है. पवन कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री ललन सिंह के सहयोग से मोकामा टाल में किया जा रहा काम ऐतिहासिक है.
सरकार से काफी उम्मीद : बड़हिया निवासी अमरेश कुमार अनीष ने बताया कि मोकामा -बड़हिया टाल के किसानों को सरकार से काफी उम्मीदें हैं. किसानों के हित में सरकार ने त्वरित पहल की है. दाल का कटोरा कहे जाने वाले मोकामा टाल में दलहनी फसलों की खेती की संभावनाओं को बल मिला है.

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