लालू समधी के साथ, नीतीश अखिलेश के साथ, बिहार में बवाल बहुत जल्द : सुमो

दीपक मिश्रापटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी समाजवादियों का शीत युद्ध बहुत जल्द सिर फुटौव्वल में बदलने वाला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सिर फुटौव्वल के बीच बिहार में महागंठबंधन का एक घटक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2016 6:29 PM

दीपक मिश्रा

पटना :
पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी समाजवादियों का शीत युद्ध बहुत जल्द सिर फुटौव्वल में बदलने वाला है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के सिर फुटौव्वल के बीच बिहार में महागंठबंधन का एक घटक जहां चाचा-भतीजा की एका चाह रहा है, वहीं दूसरा घटक अखिलेश को मुलायम से तोड़ कर एक नये महागंठबंधन का सपना देख रहा है. लालू जी समधी के साथ हैं तो नीतीश कुमार भतीजे के साथ हैं. मोदी ने कहा कि राजद का उपमुख्यमंत्री जरूर हैलेकिन वह दूसरे विभाग के प्रधान सचिव तो दूर एक सिपाही, किरानी को भी तलब नहीं कर सकता है. वह अपने विभाग की बैठक के अलावा न तो किसी अन्य विभाग की समीक्षा कर सकता है और न ही किसी अन्य विभाग को कोई निर्देश दे सकता है.

महागंठबंधन परिवार में भी घमसान- सुमो

उन्होंने कहा कि सरकारी विज्ञापनों में केवल मुख्यमंत्री का फोटो छपता है. सबसे बड़े घटक दल के उपमुख्यमंत्री का छोटा फोटो भी नहीं लगता है. प्रतिक्रिया में उपमुख्यमंत्री ने अपने विभाग के विज्ञापनों में मुख्यमंत्री काफोटो देना बंद कर दिया है. कायदे से बड़ी बहन या बड़े भाई होने के नाते मीसा भारती या तेज प्रताप को उपमुख्यमंत्री बनना चाहिए था. लेकिन, लालू प्रसाद ने मान्य परंपरा को दरकिनार कर छोटे बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया है. अब बड़ा भाई कुंवारा रहेगा और छोटे भाई की शादी पहले होगी. लालू-राबड़ी परिवार में मुलायम सिंह के परिवार के समान मचे घमसान को आखिर लालू कब तक दबा पायेंगे.

बिहार में बहुत जल्द बवाल

मोदी ने कहा कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में मुलायम की छाया से अखिलेश बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. उसी तरह बिहार में लालू प्रसाद दोनों बेटों को अपनी छाया से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं. उत्तर प्रदेश में अखिलेश ने मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी का विरोध करने की हिम्मत तो दिखायी. परंतु बिहार में दोनों बेटों ने शहाबुद्दीन के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. लोहिया जी के शिष्यों के बारे में कहावत प्रचलित है कि वे दो साल से ज्यादा साथ नहीं रह सकते और 5-10 साल से ज्यादा अलग नहीं रह सकते. यूपी को दोहराने में बिहार को बहुत समय नहीं लगेगा.

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