दुष्कर्म पीड़िता का सामान्य मरीजों के साथ किया जा रहा इलाज

पटना. 25 अक्तूबर को बिहटा से आयी नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित छात्रा का इलाज पीएमसीएच में सामान्य प्रसूतियों के साथ रख कर किया जा रहा है. इसको लेकर पीड़िता व उनके परिजन परेशान हैं और उसे अलग वार्ड में रखने की गुहार डॉक्टरों से लगा रहे हैं. नियमानुसार देखा जाये, तो अस्पताल के वीआइपी वार्ड, एमएल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2016 7:02 AM
पटना. 25 अक्तूबर को बिहटा से आयी नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित छात्रा का इलाज पीएमसीएच में सामान्य प्रसूतियों के साथ रख कर किया जा रहा है. इसको लेकर पीड़िता व उनके परिजन परेशान हैं और उसे अलग वार्ड में रखने की गुहार डॉक्टरों से लगा रहे हैं.
नियमानुसार देखा जाये, तो अस्पताल के वीआइपी वार्ड, एमएल आदि वार्डों में रख कर इलाज किया जाना चाहिये. इतना ही नहीं, जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दुष्कर्म पीड़ित व तेजाब पीड़ित मरीजों को स्पेशल स्टेट गेस्ट की श्रेणी में रख कर इलाज करना है. उन्हें अलग से नि:शुल्क उपचार के साथ तमाम सुविधाएं उपलब्ध करानी है. इसमें दवा, पैथोलॉजिकल जांच आदि शामिल है.
लेजर लाइट के उपयोग पर कार्रवाई
एयरपोर्ट इलाके में लेजर लाइट के इस्तेमाल पर कार्रवाई होगी. इलाके में अगर आप शादी या पार्टी कर रहे हैं और उसमें लेजर लाइट का इस्तेमाल हो रहा है, तो आपको थाने का चक्कर लगाना पड़ सकता हैं. इतना ही नहीं आपको सजा भी हो सकती है. पटना एयरपोर्ट के निदेशक आरएस लाहौरिया ने बताया कि लेजर लाइट के इस्तेमाल से टेक ऑफ व लैंड करनेवाले विमानों को परेशानी होती है. वे अपने एयर रूट से भटक सकते हैं, जिससे यात्रियों के साथ-साथ, केबिन क्रू व प्लेन को खतरा हो सकता है. लेजर लाइट इस्तेमाल करनेवाले आयोजकों को इस बात का ख्याल रखना होगा कि लाइट की बीम आसमान की ओर न हो.
शुरू होनेवाला है शादियों का मौसम : कुछ हफ्तों में शादियों का मौसम शुरू होनेवाला है. अनिसाबाद, फुलवारीशरीफ, राजाबाजार, वेटनरी कॉलेज एरिया में कई बैंक्वेट हाल, उत्सव हाल व होटलों का निर्माण पिछले कुछ वर्षों में हुआ है. जाम व भीड़-भाड़ से दूर यह इलाका शादी व उत्सवों के लिए पसंद किया जा रहा है. ऐसे में लेजर लाइट का इस्तेमाल भी बढ़ा है. लेजर लाइट की रोशनी से फ्लाइट को असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है, जिससे वह गलत रास्ते पर जा सकता है.
कैसे होती है परेशानी : रात को उड़ान भरनेवाली विमान इंस्टूमेंट लैंडिंग सिस्टम के सिग्नल की मदद से लैंड करती है. यह इंस्टूमेंट 50 किलोमीटर दूर तक सिगनल भेजता है, जिसके सहारे विमान जमीन पर उतरते हैं. ऐसे में लेजर बीम लाइट इन्हें रास्ते से भटका सकती है.

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