घपला करनेवाले 32 फर्जी संस्थानों पर एफआइआर
पटना, जहानाबाद, गया और औरंगाबाद के फर्जी संस्थानों पर एफआइआर दर्ज हो गयी है. जबकि, बक्सर, पूर्वी चंपारण, अरवल व नालंदा के फर्जी संस्थानों पर प्राथमिकी नहीं हुई है. विभाग ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह में कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है. पटना : अनुसूचित जाति-जन जाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के नाम पर घपला और छात्रों […]
पटना, जहानाबाद, गया और औरंगाबाद के फर्जी संस्थानों पर एफआइआर दर्ज हो गयी है. जबकि, बक्सर, पूर्वी चंपारण, अरवल व नालंदा के फर्जी संस्थानों पर प्राथमिकी नहीं हुई है. विभाग ने संबंधित अधिकारियों को एक सप्ताह में कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है.
पटना : अनुसूचित जाति-जन जाति प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के नाम पर घपला और छात्रों के साथ धोखाधड़ी करनेवाले 32 फर्जी संस्थानों की पहचान की गयी है. अनुसूचित जाति जन-जाति कल्याण विभाग फर्जी संस्थानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायेगा. छह जिलों में अब तक एससी-एसटी विभाग के अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है. विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा ने जल्द-से-जल्द फर्जी संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश जिलों के कल्याण पदाधिकारियों को दिया है.
प्रेम सिंह मीणा ने स्पष्ट कहा है कि यदि कल्याण पदाधिकारियों ने एफआइआर दर्ज नहीं करायी, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. बक्सर, पूर्वी चंपारण, गया, अरवल, जहानाबाद और नालंदा के फर्जी संस्थानों पर अब तक जिला कल्याण पदाधिकारियों ने कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है.
विभाग के सचिव ने छह जिलाें के कल्याण पदाधिकारियों को एक सप्ताह में सभी फर्जी संस्थानों पर प्राथमिकी दर्ज कर मुख्यालय को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. एससी-एसटी प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति दिये जाने के नाम पर कई जिलों में फर्जी संस्थान चलाये जाने की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी ने नौ जिलों में फर्जी संस्थानों की पहचान की है.
पटना, जहानाबाद, गया और औरंगाबाद के फर्जी संस्थानों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो गयी है, लेकिन, छह जिलों के फर्जी संस्थानों पर अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर विभाग के सचिव ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने एससी-एसटी स्कूलों में प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति मुहैया कराने की धीमी रफ्तार पर भी चिंता जतायी है.
पदाधिकारियों को लक्ष्य हासिल करने का टास्कअक्तूबर तक अरवल में 79.56, समस्तीपुर में 87.66, वैशाली में 88.52,सहरसा में 90. 51 और दरभंगा में 90. 97 प्रतिशत ही छात्रवृत्ति का भुगतानहुआ है. पांचों जिलों के कल्याण पदाधिकारियों से इसको लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. एससी-एसटी प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए विभाग को 1,11,804 आवेदन ऑनलाइन मिले तो जरूर, लेकिन भुगतान महज 92,800 छात्र छात्राओं को ही हुए हैं.एक माह में एससी-एसटी प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का टास्क सभी जिला कल्याण पदाधिकारियोंको दिया गया है.