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नीतीश बोले : सपा-बसपा साथ आये तभी यूपी में महागंठबंधन संभव

सीएम ने कहा, गंठबंधन को लेकर कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं हुई है. जो बातचीत होगी, उसके लिए कांग्रेस को पहल करनी होगी. पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महागंठबंधन संभव नहीं है. वहां किसी भी दल का किसी के साथ गंठबंधन ही होगा. अगर सपा और बसपा एक साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2016 5:55 AM
सीएम ने कहा, गंठबंधन को लेकर कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं हुई है. जो बातचीत होगी, उसके लिए कांग्रेस को पहल करनी होगी.
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महागंठबंधन संभव नहीं है. वहां किसी भी दल का किसी के साथ गंठबंधन ही होगा. अगर सपा और बसपा एक साथ चुनाव लड़ेंगी, तभी वहां महागंठबंधन संभव है, लेकिन ऐसी स्थितियां दिख नहीं रही हैं. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव में जदयू भी चुनाव लड़ेगा. यह एक राज्य विशेष का चुनाव है.
जदयू ने यूपी के पांच प्रमंडलों में सभाएं की हैं. उसे जनसमर्थन मिला है. अन्य जगहों पर भी जदयू पहले से मजबूत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी चुनाव में जदयू के गंठबंधन को लेकर राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) से बातचीत चल रही है, लेकिन अंतिम स्वरूप नहीं दिया जा सका है. फरवरी-मार्च में भी बात आगे बढ़ी थी, लेकिन नतीजा नहीं निकला था. आरएलडी ने रैली में बुलायी है, बातचीत हुई है. आरके चौधरी के बीएस फोर से भी बात हुई है. नीतीश कुमार ने कहा कि गंठबंधन को लेकर कांग्रेस से कोई बातचीत नहीं हुई है. जो बातचीत होगी, उसके लिए कांग्रेस को पहल करनी होगी. वह बड़ी और पुरानी पार्टी है. यूपी चुनाव में आगे क्या हो सकता है, किसी संभ‌ावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. हमने संघमुक्त भारत का नारा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा का स्थापना समारोह पांच नवंबर को है. पटना में मेरे आवास पर छठ महापर्व होगा. इसमें पटना से बाहर रहना मेरे लिए संभव नहीं है.
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव की ओर से आमंत्रण मिला है. इस मामले पर आरएलडी के अजीत सिंह से भी चर्चा हुई है. इस समारोह में पार्टी की ओर से किसी के जाने का निर्णय बातचीत कर लिया जायेगा. अभी समय है, फैसला हो जायेगा.
झारखंड में भी झाविमो से मिल कर काम कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, ओड़िशा में नवीन पटनायक से बातचीत होती रहती है. देश के बड़े मुद्दों पर हम एक हैं और राजनीतिक रूप से इस पर कोई चर्चा नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू शुरू से एकता का पक्षधर रहा है. इसके लिए पहल भी की. छह पार्टियों के विलय की बात हुई, लेकिन वह आगे नहीं बढ़ सकी. इससे यह उम्मीद नहीं लगायी जा सकती कि बात आगे नहीं बढ़ पायी, तो संभावना खत्म हो गयी. बिहार में 117 सीटें रहने के बाद भी जदयू के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि बिहार में परिस्थिति ऐसी थी, इसलिए किया. यूपी में भी लोग बड़ा दिल दिखाएं. मजबूत स्तंभ बनाने का प्रयास करें. सभी को मजबूत स्थान मिले. फिलहाल उत्तर प्रदेश में सपा में विवाद चल रहा है. इसमें हमलोग नहीं पड़ना चाहते हैं. उनके जो भी मतभेद हैं, वे दूर हों. अभी सपा में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हैं. जो आपसी मनमुटाव दिख रहा है, वह प्रकट हो रहा है. मुलायम सिंह यादव सीनियर और देश के बड़े नेता हैं. अपने अनुभव के आधार पर समस्या का समाधान करेंगे.
छठ के कारण सपा के समारोह में नहीं होंगे शामिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मध्य प्रदेश की जेल से आतंकवादियों के भागने, फिर एक साथ पकड़े जाने व एनकाउंटर की पूरी घटना अजीब सी लगती है. इसमें स्पष्टता की जरूरत है. जिस प्रकार आतंकवादी जेल से भागे और एक ही जगह सभी मिले, कुछ वीडियो भी सामने आये हैं, इससे लोगों के मन में जो शंकाएं हैं, उसे मध्य प्रदेश की सरकार दूर करे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस मामले पर पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाना चाहिए और निष्पक्ष व स्वतंत्र एजेंसी से जांच करानी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह केंद्र की कोई घटना नहीं, बल्कि राज्य में हुई घटना है. बिहार में भी 2014 में ब्लास्ट हुए तो कार्रवाई की गयी. उस समय भी विरोध होता था. सरकार ने मामले को सुलझाया और आरोपियों को पकड़ा. मध्य प्रदेश के मामले में सरकार ने खुद संज्ञान लिया है. जो भी पहलू हैं उसका समाधान कर लेना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक देश की रक्षा का सवाल है तो हमलोग केंद्र के साथ हैं. सेना के द्वारा की जाने वाले कार्रवाई को पूरा समर्थन है. सैनिकों की बहादूरी की प्रशंसा करते हैं. हमें उन पर नाज है.
सपा को करना है भाजपा के विरोध में एक होने का फैसला : तेजस्वी
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद भाग लेंगे. उनका प्रोग्राम तय हो गया है. सपा की ओर से जदयू को भी न्योता मिला है. जदयू को अपना फैसला लेना हैं. जदयू अपना तय करेगा कि यूपी में उन्हें क्या करना है?
इसके लिए उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर अन्य नेता मौजूद हैं. यूपी में एंटी बीजेपी फोर्सेज बनाने की चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हमारा भी प्रयास रहा था कि सब कोई एक हो जाएं. फिर से चीजें एक हो सकती है. समाजवादी पार्टी को इस पर फैसला लेना होगा कि वह भाजपा के विरोध में एक होना चाहती है या फिर अपने हिसाब से चुनाव लड़ना चाहती है. समाजवादी पार्टी की गुटबाजी उनका अंदरुनी मामला है.

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