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छठ महापर्व : डेडलाइन खत्म, बैरिकेडिंग के अंदर दलदल

प्रभात रंजन/प्रहलाद पटना : छठपूजा में गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. गंगा घाटों पर छठव्रतियों को दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने जिला, बुडको व निगम प्रशासन को सख्त आदेश दिये थे. घाटों पर किये जा रहे काम तीन नवंबर तक हर हाल में पूरा होना […]

प्रभात रंजन/प्रहलाद
पटना : छठपूजा में गंगा घाटों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. गंगा घाटों पर छठव्रतियों को दिक्कत नहीं हो, इसको लेकर प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने जिला, बुडको व निगम प्रशासन को सख्त आदेश दिये थे. घाटों पर किये जा रहे काम तीन नवंबर तक हर हाल में पूरा होना था. लेकिन, डेडलाइन के अंतिम दिन गुरुवार तक किसी घाट पर शत-प्रतिशत काम पूरा नहीं किया जा सका. हालांकि, बुडको व निगम अधिकारी अपने-अपने घाटों पर अंतिम तैयारी में जुटे थे.
कलेक्ट्रेट व महेंद्रु घाट : महेंद्रु घाट जाने के लिए दो रास्ते हैं. एक बीएन कॉलेज के बगल से और दूसरा बीएन कॉलेजिएट से. बीएन कॉलेज के बगल से जानेवाली सड़क पर का अतिक्रमण नहीं हटाया गया है. वहीं, घाट पर दो पीपा पुल है और गंगा किनारे तक जाने वाली सड़क भी बन कर तैयार है.
साथ ही सड़क पर जगह-जगह वाच टावर भी बना लिये गये हैं. हालांकि, इस घाट पर अब तक लाइटिंग की व्यवस्था नहीं की गयी है. जबकि, कलेक्ट्रेट घाट से गंगा किनारे तक पहुंचने वाली सड़क बन कर तैयार है. लाइटिंग का काम किया जा रहा था. कई जगहों पर हैलोजन बल्ब भी लगाये जा चुके हैं. गंगा किनारे बैरिकेडिंग और साफ-सफाई का काम चल रहा था.
दरभंगा हाउस यानी काली घाट : इस घाट से कदम और वंशी घाट जुड़ा है, जिससे इस घाट की लंबाई काफी है. घाट पर बैरिकेडिंग पूरी कर ली गयी है. इस घाट को तैयार करने में बुडको प्रशासन के साथ साथ चौहट्टा नवयुवक संघ पूजा समिति भी जुटी है. पूजा समिति ने इस घाट की साफ-सफाई और लाइटिंग का काम पूरा कर लिया है. घाट पर चेंचिंग रूम बनाया जा रहा है. इस घाट पर आने-जाने वाली सड़क दुरुस्त कर ली गयी है.
पटना कॉलेज घाट : इस घाट पर कॉलेज के रास्ते पहुंच सकते हैं, लेकिन घाट पर जाने वाली सीढ़ी खड़ी है. इसलिए संभल कर सीढ़ी पर चढ़ना व उतरना होगा. साथ ही घाट पर अब तक बैरिकेडिंग और समतलीकरण का काम पूरा नहीं किया जा सका है. इससे घाट पर डाला रखने में परेशानी हो सकती है. घाट पर बुडको के कार्यपालक अभियंता प्रभाष चंदा मुस्तैद थे, जो समतलीकरण और बैरिकेडिंग की देखरेख कर रहे हैं. साथ ही लाइटिंग भी अभी अधूरी है.
गांधी घाट : इस घाट पर बैरिकेडिंग व लाइटिंग का काम लगभग पूरा कर लिया गया है. लेकिन, साफ-सफाई अब तक अधूरा ही है. घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. कंट्रोल रूम अभी नहीं बन सका है. चेंजिंग रूम भी अधूरा ही है. हालांकि, घाट पर आलाधिकारी के साथ-साथ एजेंसी के कर्मी काम में जुटे थे.
बहरवा व गोलकपुर घाट : गांधी घाट के बगल में ही दोनों घाट है. दोनों घाट एक-दूसरे से जुड़े हैं. हालांकि, बहरवा व गोलकपुर घाट पर पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ता है, लेकिन गांधी घाट से भी इन घाटों पर पहुंचा जा सकता है. घाट पर डाला रखने के लिए पर्याप्त जगह है और समतल घाट है, जिससे छठव्रतियों को पूजा करने में आसानी होगी. हालांकि, घाट पर अब तक बैरिकेडिंग का काम अधूरा है. लाइटिंग का काम अब तक शुरू भी नहीं हुआ है. निगम कर्मी बैरिकेडिंग और साफ-सफाई में जुटे थे.
लॉ कॉलेज घाट : यह घाट भी समतल है. इस घाट पर भी बड़ी संख्या में छठव्रती व श्रद्धालु पहुंचते हैं. समतलीकरण का काम पूरा कर लिया गया है. बैरिकेडिंग का काम भी लगभग पूरा हो गया है.
लेकिन, लाइटिंग काम अधूरा है. ससमय काम पूरा हो, इसके लिए नगर निगम के भूसंपदा पदाधिकारी कुमारी आरती कैंप की हुई थीं. कर्मी बैरिकेडिंग, लाइटिंग और साफ-सफाई के काम को पूरा करने में जुटे थे.
रानी घाट : यह घाट लॉ कॉलेज घाट से सटा है, लेकिन घाट पर पहुंचने के लिए अलग रास्ता है. घाट पर पहुंचने वाली सड़क संकरी है, जिससे भीड़ बढ़ने पर दिक्कत हो सकती है. हालांकि, घाट के समतलीकरण का काम पूरा हो गया है. बैरिकेडिंग का भी काम हो गया है. लाइटिंग और चेंजिंग रूम बनाने का काम अधूरा है.
कृष्णा घाट : इस घाट के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. घाट पर जगह की कमी है. इस घाट को जिससे जिला प्रशासन ने खतरनाक घोषित किया है. इसकी सूचना सिर्फ घाट पर ही लगायी गयी है. जबकि, अशोक राजपथ से इस घाट की ओर जाने वाली सड़क पर कोई सूचना नहीं लगायी गयी है. इससे छठव्रतियों व श्रद्धालुओं को दिक्कत हो सकती है. अशोक राजपथ से इस घाट की दूरी करीब पांच सौ मीटर है.
नासरीगंज घाट : इस घाट तक पहुंचने के लिए तीन मुख्य रास्ते हैं. इसमें से एक रास्ता मुख्यमंत्री के आगमन के कारण बंद रहता है. लेकिन, जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री के जाने के बाद रास्ता खोल दिया जाये. घाट का कुछ हिस्सा खतरनाक है, जिसकी बैरिकेडिंग की गयी है. कुछ हिस्सों में छठपूजा होगी, लेकिन घाट से गंगा में जाने का रास्ता बेहतर नहीं है. क्योंकि, नदी में पहुंचने के लिए ऊपर से नीचे आने में बोरियां रखी हैं, जहां से उतरने में श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है. घाट के किनारे दलदल की स्थिति है.
जहाज घाट व रामजी घाट : दोनों घाटों पर काफी जगह है, लेकिन गंगा में बैरिकेडिंग के पास ही ज्यादा गहराई है. इसलिए सावधानी से पर्व करना होगा. जहां पानी कम हो रहा है, वहां दलदल है.
जिसे ठीक करना होगा. शुक्रवार की सुबह से ही लोग घाट पर पहुंचने लगेंगे. इस घाटों की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तालाब खोदवाये हैं. इन तालाबों में गंगा का पानी डाला गया है. यहां भी व्रती आराम से छठ कर सकते हैं. घाट पर लाइट, बाथरूम, चेंजिंग रूम, कंट्रोल रूम व वाच टावर का काम पूरा कर लिया गया है. लेकिन, डीएम के आदेश के बावजूद घाट से नीचे उतरने के लिए सीढ़ी ठीक से नहीं बनायी गयी है.
मीनार घाट : मीनार घाट पर गंगा के कटाव के कारण बैरिकेडिंग महज पांच फुट पर की गयी है, जहां से पानी धीरे-धीरे कम भी हो रहा है. इस घाट पर भी कई जगहों पर दलदल की स्थिति है. जिसे ठीक करने के लिए बोरा में बालू भरकर डाला जा रहा है, लेकिन वह धंस जा रहा है. इस घाट पर भी विकल्प के रूप में तालाब खोदा गया है.
निर्बाध बिजली आपूर्ति अस्थायी कंट्रोल रूम
पटना. सामान्य दिनों में 450 से 500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जाती है, लेकिन छठपूजा के दौरान राजधानी में 600 से 625 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जायेगी. मांग के अनुरूप बिजली आपूर्ति हो, इसको लेकर पेसू प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. पेसू प्रशासन ने फीडर स्तर पर अभियंताओं की तैनाती की है, ताकि फीडर से निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा सके. साथ ही घाटों पर दो शिफ्टों में दो सौ अभियंताओं की तैनाती की गयी है.
बनाया गया अस्थायी कंट्रोल रूम : पेसू प्रशासन ने पटना सिटी से लेकर दानापुर तक पूजा के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति हो, इसको लेकर पेसू क्षेत्र में नौ अस्थायी कंट्रोल रूम बनाने के साथ-साथ नंबर भी जारी किया है.
पटना. महापर्व छठ की विधिवत शुरुआत शुक्रवार को नहाय-खाय से होगी. इस दिन छठव्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात विशेष रूप में तैयार करेंगी. साथ ही अगस्त फूल का बचका बनायेंगी. इस कारण छठ पर पर्व सबसे अधिक मांग कद्दू की होती है. खुदरा बाजार में गुरुवार को कद्दू 30 से 35 रुपये प्रति किलो बिका, जबकि थोक मंडी में कद्दू का भाव 20-25 रुपये किलो रहा.
लंबे कद्दू की मांग ज्यादा रही. वहीं, अगस्त फूल तीन सौ से चार सौ रुपये प्रति किलो तक बिके. इस कारण लोगों ने 100-200 ग्राम खरीद कर परंपरा निभायी. सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि इस बार अगस्त फूल का बाजार में आवक कम होने से भाव में तेजी है. अगस्त का फूल मुख्य रूप से गया और वैशाली से आता है. फूलगोभी के भाव में आज 10 से 15 रुपये की तेजी देखी गयी. खुदरा बाजार में फूलगोभी 40 रुपये से साठ रुपये जोड़ा तक बिके. साथ ही नया आलू 35 से 40 रुपये प्रति किलो बिके.
घाटों पर छह वाटर एंबुलेंस
पटना. छठ घाटों पर श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. घाटों पर डॉक्टरों की टीम लगायी गयी है. स्वास्थ्य विभाग की सूची में शामिल सभी 80 डॉक्टर शनिवार की सुबह से ही तैनात रहेंगे. डॉक्टर के साथ ही नर्सों की टीम भी रहेगी. छह वाटर एंबुलेंस अलग-अलग घाटों पर तैनात कर दिये गये हैं.
दीघा घाट की तैयारियों का जदयू ने किया निरीक्षण
पटना. छठ महापर्व को लेकर जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद के नेतृत्व में पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं ने दीघा घाट का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर दीघा घाट समेत पटना के सभी घाटों पर व्रतियों और अन्य श्रद्धालुओं की सुविधा व सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं.

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