सूर्य पर सब कुछ है निर्भर : नीतीश
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पर्व पर बिहार सहित पूरे देशवासियों को शुभकामना दी. उन्होंने विदेश में रहनेवाले बिहार केे मूल निवासियों को भी छठ पर्व की शुभकामना दी. एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में हो रहे छठ पर्व पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद व लेडी गवर्नर सविता कोविंद, पूर्व […]
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छठ पर्व पर बिहार सहित पूरे देशवासियों को शुभकामना दी. उन्होंने विदेश में रहनेवाले बिहार केे मूल निवासियों को भी छठ पर्व की शुभकामना दी. एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में हो रहे छठ पर्व पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल रामनाथ कोविंद व लेडी गवर्नर सविता कोविंद, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह सहित अन्य दिग्गज नेताओं के साथ खरना का प्रसाद ग्रहण किया.
मुख्यमंत्री खुद घूम-घूम कर लोगों से खरना का प्रसाद लेने का आग्रह करते दिखे. एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भाभी गीता देवी, भांजी विभा कुमारी, भगिन पूतोह रेखा व सरहज छठ पर्व कर रही हैं. खरना का प्रसाद लेनेवाले का तांता शाम से ही शुरू हो गया था. पूर्व सीएम राबड़ी देवी अपने दोनों बेटे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के साथ पहुंची.
इसके बाद राज्यपाल रामनाथ कोविंद अपनी पत्नी सविता कोविंद के साथ पहुंचे. उनके आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आगवानी की. खरना का प्रसाद ग्रहण करनेवाले में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, मंत्री ललन सिंह, बिजेंद्र प्रसाद यादव, शैलेश कुमार, महेश्वर हजारी, आलोक मेहता, जय कुमार सिंह, अशोक चौधरी व विजय प्रकाश, विधान पार्षद दिलीप चौधरी, सीपी सिन्हा, जदयू नेता छोटू सिंह, नंद किशोर कुशवाहा सहित अन्य राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए. इसके अलावा मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
प्रेम-सहयोग व सद्भाव के साथ मनाया जाता है पर्व
खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि छठ पर्व आत्मानुशासन का पर्व है. इसमें सूर्य की पूजा होती है. सबको मालूम है कि सूर्य के ऊपर ही सब कुछ निर्भर करता है. इस पर्व में अस्ताचलगामी व उदीयमान सूर्य को अर्ध दिया जाता है. इस पूरे पर्व की खासियत यही है कि हर व्यक्ति आत्मानुशासन का परिचय देता है. मैं तो यही प्रार्थना करता हूं कि इस पर्व में जिस स्तर का आत्मानुशासन देखने को मिलता है, उसका एक दशांश भी शेष अवधि में हो तो मैं समझता हूं कि हम कहां और कितनी तरक्की कर लेेंगे. यह पर्व प्रेम, सहयोग व सद्भाव के साथ मनाया जाता है.