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दिव्यांगों की राह हुई और आसान, अब मिलेगी आर्थिक मदद
दिव्यांगों की देखभाल व उनके जीवन-यापन के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है. जिससे वह आगे की पढ़ाई कर सकें. इसके लिए सरकार प्रतिमाह पेंशन का भुगतान कर रही है. ताकि 18 साल बाद वह अपनी देख-रेख कर सकें. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 2009-10 में की गयी है. समाज […]
दिव्यांगों की देखभाल व उनके जीवन-यापन के लिए सरकार आर्थिक मदद कर रही है. जिससे वह आगे की पढ़ाई कर सकें. इसके लिए सरकार प्रतिमाह पेंशन का भुगतान कर रही है. ताकि 18 साल बाद वह अपनी देख-रेख कर सकें. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्तता पेंशन योजना की शुरुआत वर्ष 2009-10 में की गयी है. समाज कल्याण विभाग के सामाजिक सुरक्षा एवं नि:शक्तता निदेशालय की ओर से राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के रूप में इसे संचालित किया जा है. इस योजना का कार्यान्वयन भारत सरकार द्वारा प्राप्त राशि के आधार पर किया जाता है.
ये हैं उद्देश्य: योजना के तहत दिव्यांगों को समान अवसर, अधिकारों का रक्षा करने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है. ताकि स्कूलिंग करने के बाद दिव्यांग पेंशन राशि से आगे की पढ़ाई जारी रख सकें. साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैसे शिक्षण संस्थानों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. जिससे वह पढ़ाई कर रोजगारोन्मुख कार्यों से जुड़ सकें.
इन्हें मिलता है लाभ
18 से 79 वर्ष के 80 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांग होने पर प्रतिमाह 400 रुपये पेंशन भुगतान किया जाता है. इसमें 300 रुपये भारत सरकार और 100 रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है. योजना का लाभ केवल बीपीएल परिवार के व्यक्ति को ही दिया जाना है. पेंशन का भुगतान डाकघर के बचत खाता के माध्यम से किया जाता है.
यहां करें आवेदन : इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए जारी आवेदन पत्र की दो प्रतियां,विकलांगता प्रमाणपत्र के साथ प्रखंड विकास अधिकारी के पास जमा कराना होता है. लोकसेवा अधिकार अधिनियम कानून को भी लागू किया गया है. प्रखंड विकास पदाधिकारी आवेदन के जांच के बाद स्वीकृति हेतु अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन पत्र भेज दिया जाता है. अनुमंडल पदाधिकारी की स्वीकृति के बाद आवेदक की संबंधित प्रति डाकघर को भेज दी जाती है.
जहाँ बचत खाता खोलकर पेंशनधारियों के पेंशन का भुगतान किया जाता है.इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 120150 रुपये एवं राज्य सरकार द्वारा 113221 रुपये खर्च किया जाना है. वहीं वित्तीय वर्ष 2016-17 में केंद्र सरकार द्वारा 141550 रुपये तथा राज्य सरकार द्वारा 59000 रुपये का बजट प्रस्तावित है.
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