आइजीआइसी में खून रुकावट की जांच हुई बंद अटैक का बढ़ा खतरा

पटना : इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में हृदय में खून के रुकावट की जांच नहीं हो पा रही है. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज प्राइवेट जांच कराने को मजबूर हो गये हैं. दरअसल, खून के रुकावट की जांच करनेवाली मशीन ट्रेड मिल टेस्ट खराब हो गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 6:46 AM
पटना : इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) में हृदय में खून के रुकावट की जांच नहीं हो पा रही है. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मरीज प्राइवेट जांच कराने को मजबूर हो गये हैं. दरअसल, खून के रुकावट की जांच करनेवाली मशीन ट्रेड मिल टेस्ट खराब हो गयी है. यह मशीन पिछले ढाई महीने से बंद पड़ी है. बड़ी बात तो यह है कि मरम्मत के लिए आये तकनीक कर्मियों ने मशीन को अब मरम्मत लायक भी नहीं बताया है. इसलिए संस्थान ने बीएमएसआइसीएल को नयी मशीन खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा है.
नहीं हो रही टीएमटी जांच : किसी भी मरीज के सीने में दर्द होने पर डॉक्टर उसे टीएमटी जांच कराने के लिए बोलते हैं. इस जांच से पता चल पाता है कि हृदय में खून की रूकावट है या नहीं. निगेटिव या पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर डॉक्टर उसी के अनुसार उपचार करते हैं. हृदय में खून की रुकावट होने पर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. इस टेस्ट के बाद ही डॉक्टर तय करते हैं कि मरीज को एंजियोग्राफी करनी है या नहीं. ऐसे में जांच नहीं होने पर जहां खून की रुकावट का पता नहीं चल पाता, वहीं दूसरी ओर इससे हार्ट अटैक का खतरा मंडरा रहा है.
प्राइवेट में 1500 रुपये में कराते हैं जांच : आइजीआइसी में प्रतिदिन 80 से 100 मरीज टीएमटी की जांच के लिए आते हैं. लेकिन डॉक्टर मशीन खराब होने की बात कह कर आइजीआइएमएस रेफर कर देते हैं. कई मरीज तो आइजीआइएमएस चले जाते हैं, लेकिन कुछ मरीज अस्पताल दूर होने या फिर वहां भी रुपये लगने के कारण पीएमसीएच के बाहर ही रुपये देकर जांच करा रहे हैं. नतीजा मरीजों को डेढ़ हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.

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