450 में चल रहे हैं 500 के नोट, दुकानदारों का बड़े नोट लेने से इनकार
पटना : पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1000 के नोट बंद किये जाने के बाद बिहार के कई जिलों से विभिन्न तरह की रिपोर्ट आ रही है. लोगों में हजार और पांच सौ के नोटों को जल्द-जल्द से जल्द खर्च कर देने की होड़ मची है. यही नहीं उत्तर बिहार […]
पटना : पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 और 1000 के नोट बंद किये जाने के बाद बिहार के कई जिलों से विभिन्न तरह की रिपोर्ट आ रही है. लोगों में हजार और पांच सौ के नोटों को जल्द-जल्द से जल्द खर्च कर देने की होड़ मची है. यही नहीं उत्तर बिहार के कई शहरों में 500 के नोट 450 में लिये जाने की सूचना मिल रही है. वहीं कई दुकानदारों द्वारा पांच सौ और हजार के नोट लिये जा रहे हैं, बाकी पैसे के लिये कागज का पूरजा थमाया जा रहा है. दुकानदारों द्वारा लोगों को कहा जा रहा है कि बाकी बचे पैसे का सामान वह महीने भर में कभी भी आकर ले जा सकते हैं. केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक के फैसले के बाद से लोगों में कई तरह के भ्रम की स्थिति उतपन्न हो गयी है. खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग जल्द से जल्द पैसा खपा देना चाहते हैं.
अफरा-तफरी का माहौल
जानकारी के मुताबिक बिहार के कई इलाकों में पेट्रोल पंप और दुकानों ने अपना शटर दो दिन के लिये गिरा दिया है. कई जगहों पर दैनिक जीवन से संबंधित सामग्री नहीं मिल रही है. पटना में कई निजी अस्पतालों में पांच सौ और हजार के नोट नहीं लिये जा रहे हैं. महावीर कैंसर संस्थान से भी इस तरह की सूचना मिली है. कई सिटी स्कैन सेंटर और जांच घरों में भी पैसे नहीं लिये जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर रेलवे स्टेशन पर 50 रुपये और 100 रुपये के टिकट के लिये हजार और पांच सौ रुपये के नोट देने की चर्चा बनी हुई है.
कम पैसे में चल रहे नोट
जानकारी की माने तो इस खेल में कई तरह के पैसे वाले ब्रोकर भी शामिल हो गये हैं. वह 100 रुपये और 50 रुपये काटकर बाकी के पैसे बाद में देने या बैंक में जमा करा देने की बात कह रहे हैं. सूत्रों की माने तो पटना सहित मुजफ्फरपुर, भागलपुर और सीवान के अलावा पूर्णिया में भी लोगों में अफरा-तफरी की स्थिति है. हाल में दीपावली में पटाखा कारोबार कर चुके बड़े व्यापारी अपने पैसे लेने से बच रहे हैं. कई व्यापारियों ने पांच सौ और हजार के नोट लेने से मना कर दिया है.