कैसे स्वस्थ रहे शहर पर मंथन
कार्यक्रम. इकली व नगर निगम ने आयोजित की कार्यशाला पटना : शहर के क्लाइमेट में बदलाव होने के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है. क्लाइमेट में हो रहे बदलाव या फिर बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने में शहरी प्रणाली व्यवस्था कितना सक्षम है. इसको लेकर गुरुवार को एशियन सिटीज क्लाइमेटचेंज रेसिडेंसी नेटवर्क के सहयोग से […]
कार्यक्रम. इकली व नगर निगम ने आयोजित की कार्यशाला
पटना : शहर के क्लाइमेट में बदलाव होने के साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ रहा है. क्लाइमेट में हो रहे बदलाव या फिर बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने में शहरी प्रणाली व्यवस्था कितना सक्षम है. इसको लेकर गुरुवार को एशियन सिटीज क्लाइमेटचेंज रेसिडेंसी नेटवर्क के सहयोग से इकली व नगर निगम ने कार्यशाला आयोजित की. कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि शहरी प्रणाली यानी नगर निगम द्वारा किये जाने वाले ठोस कचरा प्रबंधन, कचरा ट्रांसपोर्टेशन, सीवरेज व ड्रेनेज व्यवस्था और स्टॉर्म वाटर मेंनेजमेंट आदि ध्वस्त है, जिससे शहर का क्लाइमेट में बदलाव हो रहा है. साथ ही प्रदूषण भी बढ़ रहा है.
सामाजिक संस्था इकली के सीनियर प्रोजेक्ट ऑफिसर केशव कुमार झा ने बताया कि शहर के घरों से निकलने वाला कचरा और हॉस्पिटल से निकलने वाला कचरा एक ही साथ रखा जा रहा है. इसके निस्तार को लेकर अलग-अलग व्यवस्था नहीं की गयी है. वहीं, सीवरेज नेटवर्क व ड्रेनेज सिस्टम फेल है. यह स्थिति खराब है. यही वजह है कि शहर के सामान्य तापमान में वृद्धि हुई है और बारिश कम हुई है. नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने कहा कि कार्यशाला में पांच-छह प्वाइंट उजागर किये गये हैं. इस पर नगर निगम और विभिन्न विभागों के साथ मिलकर काम करेगा. इसको लेकर रोडमैप तैयार किया जायेगा.
सामाजिक संस्था इकली से कहा गया है कि वार्ड स्तर पर लोगों के साथ-साथ एनजीओ, विभाग आदि से विचार-विमर्श कर रिपोर्ट तैयार करें और 15 दिसंबर तक रिपोर्ट दें. इस रिपोर्ट के आधार पर निगम व सरकार के माध्यम से रोडमैप तैयार किया जायेगा, ताकि बदल रहे क्लाइमेट और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. कार्यशाला में चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, एनजीओ, प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारी, वन एवं पर्यावण के अधिकारी आदि उपस्थित थे.
पटना : शहर का विकास हो सकें. इसके लिए पेड़ -पौधों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है. इसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है. हवा में धूल कणों के बादल तैर रहे हैं. जी हां, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से जारी माॅनीटरिंग रिपोर्ट के मुताबिक राजधानी की हवा पूरी तरह दूषित हो चुकी है.
यानी हवा में धूल कण की मात्रा पीएम 2.5 की आदर्श स्थिति 60 माइक्रोग्राम घन मीटर है, जो बढ़ कर 120 से 191 हो गयी है.संबंधित विभागों को लिखा जा रहा है पत्र : सड़क पर बढ़ते वाहनों के लोड और सड़क व पुल-पुलिया के निर्माण के कारण वायु गुणवत्ता मानक से अधिक पार कर रही है. इससे निबटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद संबंधित विभागों को पत्र लिखकर अपील कर रही है.
सचिव एस चंद्रशेखर ने बताया कि सड़क निर्माण विभाग और नगर-निगम को पत्र लिखा गया है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके. पुल-निर्माण निगम को सड़कों की सफाई जल छिड़काव करने संबंधी अपील की जा रही है. जिले के पांच प्रखंडों में नये ईंट-भट्टों के संचालन पर रोक लगा दी गयी है. जो ईंट-भट्टे चल रहे हैं, उन्हें भी नयी तकनीक से संचालित करने का निर्देश दिया गया है.