पटना : दो दिन की बंदी के बाद शुक्रवार को एटीएम खुलने की उम्मीद धरी की धरी रह गयी. शहर के लगभग 85 फीसदी सार्वजनिक व निजी बैंक की एटीएम पर या तो ताले लटके रहे या आउट आॅफ ऑर्डर के बोर्ड लगे रहे. जबकि, सुबह से ही लोग एटीएम के खुलने का इंतजार करते रहे. हालत यह थी कि तैनात गार्ड भी यह बताने में सक्षम नहीं दिख रहे थे एटीएम कब खुलेगी. लोग देर शाम तक एटीएम खुलने का इंतजार करते रहे. लेकिन, बैंक अधिकारियों का बार-बार एक ही जवाब मिल रहा था कि हम लगे हैं.
एटीएम सेवा जल्द शुरू हो जायेगी. वहीं, कई एटीएम में नकदी नहीं होने के कारण भी लोगों में नाराजगी देखी गयी. बैंक अधिकारियों का कहना था कि एटीएम सेवा पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम चार-पांच दिन लगेंगे. बैंक प्रबंधकों ने एटीएम की बंदी के लिए नये नोट को लेकर एडजस्ट में तकनीकी परेशानी व करेंसी की उपलब्धता में कमी को कारण बताया.
सहदेव महतो मार्ग से लेकर पाटलिपुत्रा तक सभी एटीएम बंद :
बोरिंग रोड के सहदेव महतो मार्ग से लेकर व पाटलिपुत्रा चौराहा तक एक भी एटीएम खुला नहीं दिखी. कुरजी से गांधी मैदान के रास्ते पर भी दीघा, मैनपुरा आदि मोहल्ले में सभी बैंकों की एटीएम पर ताले लटके रहे. कई जगह गार्ड भी नहीं थे. कुछ जगहों पर बताया गया कि एटीएम में अभी तक नकदी नहीं डाली गयी है. मौर्यालाेक परिसर स्थित स्टेट बैंक की एटीएम से लगभग दोपहर एक बजे से सेवा शुरू हुई.
एसबीआइ मुख्यालय के बाहर भारी भीड़ : सबसे अधिक लंबी लाइन गांधी मैदान स्थित स्टेट बैंक मुख्यालय की एटीएम के बाहर रही. यहां बड़ी संख्या में एटीएम होने की वजह से सुबह छह बजे से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गयी थी. अधिक पैसे निकालने के कारण कई एटीएम कुछ ही घंटों में खाली हो गयी.
सुबह सात बजे से ही इंतजार :
पोस्टल पार्क के निवास राजेश झा ने बताया कि वह सुबह सात बजे से पैसा निकालने के लिए मीठापुर बस अड्डा स्थित यूनियन बैंक के एटीएम गये, लेकिन वहां पहले से ही लोगों की काफी भीड़ थी. वहीं, आर ब्लाॅक स्थित कौटिल्य विहार के स्टेट बैंक के सामने खड़े अरविंद रजक ने बताया कि कुछ ही जगह पर एटीएम काम कर रही है, लेकिन लंबी लाइनें लगी हैं. सचिवालय शाखा में सुबह सात बजे से ही लोग पहुंचने शुरू हो गये थे. शाम चार बजे पैसा दोबारा डाला गया. लेकिन देर शाम सात बजे तक यहां लोगों की लंबी लाइनें लगी रहीं. लोगों ने बताया कि बहुत दिन बाद सौ रुपये का नया नोट देखने का मिल रहा है.
बुद्ध मार्ग स्थित इंडियन बैंक की एटीएम सेवा दाेपहर दो बजे शुरू हुई. यहां भी लोगों की लंबी कतारें देखी गयीं. मौर्यालोक परिसर में सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया व देना बैंक के एटीएम के शटर देर रात तक गिरे रहे. बोरिंग रोड स्थित केनरा बैंक की एटीएम देर शाम खुली. वहीं सचिवालय स्थित पंजाब नेशनल बैंक और बैंक आॅॅफ इंडिया की एटीएम बंद रही. जबकि, स्टेट बैंक आॅफ बिकानेर की एटीएम दोपहर दो बजे तक खुली रही. श्रीकृष्णा नगर में स्टेट बैंक व यूनियन बैंक की एटीएम के बाहर लोगोें की लंबी लाइनें लगी रहीं.
पटना : बैंकों में शुक्रवार को भी पुराने 500-1000 के नोट बदलने के लिए लगी रही लंबी लाइनें. कुछ बैंकों ने गुरुवार को लोगों को हुई परेशानी को देखते हुए अपने यहां विशेष काउंटर खोले.
सबसे अधिक भीड़ बड़े बैंकों देखी गयी. आज भी लोग बैंक खुलने से पहले पहुंच गये और देखते-ही-देखते लोगों की लंबी कतार लग गयी. आम दिनों की अपेक्षा चार गुना भीड़ देर शाम तक देखी गयी. वहीं, कुछ बैंकों में काम की गति धीमी होने के कारण लोगों को अधिक समय तक लाइन में खड़ा रहना पड़ा. बोरिंग रोड चौराहे पर स्थित पंजाब नेशनल बैंक में पुराने नोट बदलने आये अजय ने बताया कि एक व्यक्ति को नोट बदलने में 15 मिनट से अधिक का समय लग रहा है. बार-बार नोट को गिन रहे थे और जांच रहे थे. ऐसी शिकायत हर प्रमुख बैंक में सुनने का मिली.
उपद्रवियों ने की तोड़फोड़
बैंक ऑफ इंडिया के मुरादपुर, दानापुर तथा सगुना मोड़ शाखा में कुछ उपद्रवियों ने कैश काउंटर का शीशा तोड़ दिया. बैंक के उप अंचलप्रबंधक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि बैंक के कर्मचारी व अधिकारी लोगों की सेवा में लगातार लगे हुए थे. ऐसे में कुछ लोग काम में बाधा पहुंचा रहे थे. वहीं कई बैंकों के कर्मचारी अपने परिचितों और रिश्तेदार को पीछे के दरवाजे से लाकर पुराने नोट बदलवाने के जुगाड़ में देखे गये. इससे लाइन में घंटों से खड़े लोगों ने विरोध करने की कोशिश की. बढ़ते आक्रोश को देखते हुए पीछे के दरवाजे को बंद करना पड़ा.
बैंक सूत्रों के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार हर बैंक को पहले से लगे एटीएम साॅफ्टवेयर में बदलाव करना था. अधिकतर बैंक समय सीमा के अंदर यह कर पाने में विफल रहे.
इस कारण ज्यादातर बैंकों की एटीएम सेवा बाधित रही. अधिकारियों का कहना था कि एटीएम में लगे कंफिगरेशन का काम हो रहा है. इसके लिए रिजर्व बैंक ने बैंकों को पांच दिनों का समय दिया है. एटीएम में पैसा डालने का काम सूबे में चार-पांच निजी कंपनियां करती हैं. उसके पास भी सीमित लोग हैं. उन्हें पहले एटीएम में पड़े पैसे को निकाला है, जो पूरा नहीं हो पाया है. उम्मीद है कि देर रात तक पैसा निकालने का काम पूरा हो.
शनिवार से सभी एटीएम सेवा शुरू हो जायेगी. भारतीय रिजर्व बैंक के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि जहां-जहां रुपये बदलने का काम हो रहा है, उसकी लगातार माॅनीटरिंग की जा रही है. इसके लिए दस सदस्यीय टीम गठित की गयी है. पटना स्थित रिजर्व बैंक के अधिकारियों को दावा है कि हर बैंक की करेंसी चेस्ट को लगातार पैसे भेजे जा रहे हैं. वहीं, बैंकों के अधिकारी ने बताया कि रिजर्व बैंक से लगातार पैसे उपलब्ध करना का आग्रह किया जा रहा है रिजर्व बैंक के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार की देर शाम तक 200 करोड़ रुपये एटीएम के लिए जारी किये जा चुके थे.
पटना : नोटों की बंदी केवल उन पर ही भारी नहीं पड़ रही, जिन्होंने अपनी वैध-अवैध कमाई को अपने घर में दबा कर
रखा था. इसका असर उन पर भी पड़ रहा है, जिन्होंने अपने रुपये बैंक के लॉकरों में दबा कर रखे थे. बीते तीन दिनों में आश्चर्यजनक रूप से लोग बैंक को सालों से बंद पड़े और बेहद सुरक्षित लॉकरों को भी खंगालना शुरू कर दिया है. नोटों की वैधता समाप्त होने के बाद तीन दिनों में राजधानी के बैंक में ग्राहकों ने 50 फीसदी लॉकर ऑपरेशन बढ़ा दिये हैं. मौर्यालोक के एक नामी बैंक के लॉकर इंचार्ज बताते हैं कि लॉकर का ऑपरेशन काफी गुप्त रहता है. बैंक लोगों से मूल्य या उसकी संख्या की जानकारी नहीं मांगता. अब लॉकरों को तेजी से खाली किया जा रहा है, तो इसके पीछे बड़े नोटों की बंदी ही हो सकती है.
पहले दो से तीन लॉकर ग्राहक आते थे प्रतिदिन
रामनगरी स्थित केनरा बैंक के बड़े अधिकारी बताते हैं कि प्रतिदिन अमूमन दाे से तीन लोग लॉकर में अपना सामान रखने या निकालने आते थे, लेकिन जब से बड़े नोट बंद हुए हैं लोगों का लॉकर के लिए आने का आंकड़ा 15 से 20 हो गया है. अधिकारी बताते हैं कि हम लोग इन सामानों की विशेष पड़ताल नहीं करते, लेकिन देखने से समझ में आता है कि लोग बैंक से लॉकर में पड़े पुराने नोट निकाल कर बदलने के लिए ही आ रहे हैं.
प्रिंसिपल की मौजूदगी में हुआ मरीजों का इलाज
पटना. 500 व 1000 के नोट बंद होने से परेशान मरीजों को शुक्रवार को थोड़ी बहुत राहत मिली. पीएमसीएच में सिटी स्कैन को लेकर परेशान हुए मरीजों ने बड़े नोट नहीं लेने की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की है. शिकायत के बाद पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा की मौजूदगी में मरीजों का सिटी स्कैन हुआ. इतना ही नहीं इमरजेंसी वार्ड के सिटी स्कैन कैश काउंटर पर लगे बड़े नोट नहीं लेने के आदेश को भी उन्होंने हटाने का आदेश दिया. मौजूदगी का असर रहा कि नोट बंदी के तीसरे दिन 48 मरीजों का सिटी स्कैन हुआ. सभी मरीजों ने 500 व 1000 के नोट चलाये. वहीं आइजीआइएमएस में भी बड़े नोट चले इसको लेकर कैश काउंटर पर अलग से टीम तैनात की गयी थी. टीम की मौजूदगी में बड़े नोट लिये गये. अस्पताल परिसर में लगी दवाओं के दुकानों को बड़े नोट लेकर दवा देने का आदेश जारी किया गया.
दूसरे दिन भी कतार, नहीं हुआ नये नोट का दीदार
फुलवारीशरीफ. एक हजार और पांच सौ के पुराने नोट जमा करने और उसके बदले में नया नोट पाने की जद्दोजहद में लगातार दूसरे दिन भी बैंक के बाहर सड़कों से लेकर काउंटर तक लोगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ा. काफी देर बाद काउंटर तक पहुंचे, तो केवल दो हजार के दो नोट मसलन चार हजार रुपये ही दिये जा रहे थे. दूसरे दिन भी पांच सौ के नये नोटों का दीदार ग्राहकों को नहीं हुआ. एसबीआइ शाखा में घंटों कतार में खड़े उपभोक्ता को लंबा इंतजार करने के बावजूद भी पैसा लेन और देन से इनकार करने के बाद लोगों ने हंगामा कर दिया.
दुल्हिनबाजार के बैंकों में नहीं दिखी भीड़ : दो दिनों पूर्व केंद्र सरकार की ओर से 500 व 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा के बाद सभी बैंकों में नोट जमा करने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी, पर शुक्रवार को दुल्हिनबाजार के बैंकों में भीड़ देखने को नहीं मिली.
पालीगंज में ग्राहकों ने किया बैंक में हंगामा : केंद्र ने बैंकों में ग्राहकों को पैसा-जमा निकासी व बदलने के लिए अलग काउंटर लगाने का निर्देश दे रखा है, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो, लेकिन शुक्रवार को एसबीआइ की स्थानीय शाखा में सुबह से ही भीड़ लगी रही़ शाम पांच बजे तक लाइन में लगे लाेगों को पैसे बदलने व निकासी में परेशानी होने लगी, तो उनका सब्र का बांध टूट गया और हंगामा करने लगे.
बड़े डाकघरों में मिली एक्सचेंज की सुविधा, छोटे डाकघरों में केवल जमा किये गये रुपये
पटना : डाकघरों में पहले दिन पुराने नोटधारियों को कोई सुविधा नहीं मिलने के बाद दूसरे दिन शुक्रवार को हालत थोड़े सुधरे हुए नजर आये. बड़े डाकघरों में नोट एक्सचेंज करने के साथ ही पुराने 500 और 1000 के नोट को जमा कराने की सुविधा मिली. हालांकि इन सबके बीच छोटे डाकघरों में हालात बुरे थे. उप डाकघरों में केवल नोट को जमा लिया जा रहा था.
इस वजह से उन डाकघरों में कम भीड़ समझकर आये लोग बुरी तरह निराश हुए. उन्हें लौट कर बड़े डाकघर या फिर बैंकों की शरण लेनी पड़ी. वहां आये लोग कर्मचारियों से बहस कर लौट रहे थे. पटना के मुख्य डाक निदेशक अदनान अहमद ने कहा है कि लोग बड़े डाकघरों में आते हैं, तो यहां पर तुरंत सेवा मिलेगी. हम ग्राहक बढ़ने पर ज्यादा काउंटर भी लगायेंगे.
जीपीओ और बांकीपुर इन दो मुख्य पोस्ट ऑफिसों में व्यवस्था ज्यादा दुरुस्त थी. जीपीओ में तीन काउंटर लगाये गये थे और एक काउंटर बुजुर्गों और महिलाओं के लिए रखा गया था.
इसके कारण महिलाओं और बुजुर्गों को काफी आसानी हो रही थी. इसके साथ ही दो काउंटर पर तेजी से नोट एक्सचेंज करने का काम किया जा रहा था. स्पीड तेज होने के कारण यहां दोपहर एक बजे तक महज 50-60 लोग ही लाइन में लगे हुए थे. दूसरी ओर बांकीपुर पोस्ट ऑफिस का हॉल पूरी तरह भरा हुआ था. यहां पर पांच काउंटर होने के बावजूद तकरीबन 250 से ज्यादा लोग कतारबद्ध दिखाई दे रहे थे. यहां पर रुपया जमा कराने के लिए भी आये लोगों को सहूलियत हुई. रुपया जमा कराने वाले की भीड़ इक्का-दुक्का ही थी. ज्यादातर पुराने नोटों को एक्सचेंज कराने आये थे. छोटे पोस्टऑफिस में कलेक्ट्रेट का उप डाकघर और किदवइपुरी के उप डाकघर में लोगों को केवल जमा कराने की परची सटी हुई मिली. इसके कारण एक्सचेंज कराने आये लोग निराश होकर वापस लौट गये.