पटना : बिहार की राजधानी पटना में स्थित सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल में कोष की कमी से मरीजों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने में समस्या उत्पन्न हो गयी है. पटना स्थित सरकारी आयुर्वेदिक अस्पताल को वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान स्वीकृत 20 लाख रुपये की राशि में मात्र 6.60 लाख रुपये ही प्राप्त हुए हैं जिसके कारण मरीजों को उपलब्ध कराए जा रहे दूध और अन्य खाद्य पदार्थों के आपूर्तिकताओं को बकाया राशि का भुगतान करने में कठिनाई हो रही है.
आयुर्वेदिक अस्पताल में मरीजों को मुफ्त नाश्ता, दोपहर और रात का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया कि दूध आपूर्तिकर्ता जिनका गत जुलाई महीने से दो लाख रुपये से अधिक का बकाया हो गया है, ने भुगतान नहीं होने पर दूध की आपूर्ति करने में असमर्थता जतायी है. उन्होंने बताया कि अन्य खाद्य पदार्थों की बकाया राशि करीब 12 लाख रुपये पहुंच गयी है.
आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों को प्रत्येक दिन नाश्ते में आधा लीटर गाय का दूध, ब्रेड और सेब दिया जाता है जिसकी लागत 50 रुपये प्रति मरीज आती है तथा दोपहर तथा रात के भोजन में चावल, रोटी, मूंग दाल और सब्जी उपलब्ध करायी जाती है जिसपर भी लागत करीब 50 रुपये प्रति रोगी आती है.
100 बेड वाले पटना आयुर्वेदिक अस्पताल के अधीक्षक देवानंद प्रसाद सिंह ने भी कोष की उपलब्ध की कमी की बात स्वीकारते हुए बताया कि समय पर राशि जारी करने और वरिष्ठ चिकित्सक, आपातकाल मेडिकल अधिकारी, योग प्रशिक्षक और एक्सरे टेक्नीशियन सहित 22 विभिन्न पदों पर रिक्तियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया है ताकि अस्पताल में काम सुचारु रुप से चल सके। उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में बाह्य रोगी सहित करीब 500 मरीज आते हैं.
बिहार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन से संपर्क साधे जाने पर उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जल्द ही कोष उपलब्ध कराया जाएगा.