प्रदेश के शहरी इलाके में बढ़े डायबिटीज के मरीज
आज विश्व डायबिटीज डे पर विशेष पटना : बिहार में तेजी से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं. प्रदेश के शहरी इलाकों में डायबिटीज मरीजों की संख्या गांवों की तुलना में दोगुनी है. शहरों में युवाओं और बच्चों में डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण खान-पान और अनियमित दिनचर्या है. प्रदेश […]
आज विश्व डायबिटीज डे पर विशेष
पटना : बिहार में तेजी से डायबिटीज के मरीज बढ़ रहे हैं. प्रदेश के शहरी इलाकों में डायबिटीज मरीजों की संख्या गांवों की तुलना में दोगुनी है. शहरों में युवाओं और बच्चों में डायबिटीज तेजी से बढ़ रहा है. इसका सबसे बड़ा कारण खान-पान और अनियमित दिनचर्या है. प्रदेश में यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक है. खासतौर पर नौकरी, बिजनेस व दुकानदार लोग इस रोग से ज्यादा ग्रसित हैं.
स्वास्थ्य विभाग ने डायबिटीज कंट्रोल के लिए एक निजी एजेंसी को राज्य के 20 जिलों के 43 जगहों पर जांच केंद्र स्थापित करने की अनुमति दी है. एजेंसी ने एक साल में 2.50 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की, जिसमें पाया गया कि 66 फीसदी लोग डायबिटीज की दवा का सेवन कर रहे हैं, लेकिन यह नियंत्रित नहीं हो पा रही है. इसका मुख्य कारण बीच-बीच में दवा छोड़ देना एवं खान-पान नियमितता नहीं बरतना है. वहीं स्क्रीनिंग में 24 फीसदी ऐसे लोग भी पाये गये, जो बीमारी होने के बाॅर्डर लाइन पर हैं. डॉक्टरों ने ऐसे लोगों को संयमित भोजन और नियमित व्यायाम की सलाह दी है.
पटना. डायबिटीज एक चुनौती बन गयी है. 30 सालों में पूरे भारत में डायबिटीज के मरीज दोगुने हो गये हैं. जिस तेजी से यह बीमारी फैल रही है, आशंका है कि 2035 में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 30 करोड़ पहुंच जायेगी. यह कहना है डॉ सुभाष कुमार का. विश्व डायबिटिज डे की पूर्व संध्या पर रविवार को शहर के कई अस्पतालों व निजी संस्थानों ने निशुल्क जांच व जागरूकता कैंप लगाया. महिला विकास स्वावलंबी सहकारी समिति की ओर से नि:शुल्क जांच कैंप का आयोजन किया गया. वहीं एमपी जैन ने बताया कि कैंप में 100 से अधिक मरीजों ने खून व अन्य जांच कराये. इसमें 37 लोगों में डायबिटिज पाया गया.
बच्चों में भी इसके लक्षण पाये गये. इस मौके पर सम्मेलन के अध्यक्ष अमर अग्रवाल, अरुण रुंगटा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे. इसी प्रकार आइएमए की ओर से नि:शुल्क कैंप का आयोजन किया गया. आइएमए के अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह व सचिव डॉ हरिहर दीक्षित ने बताया कि आइएमए हाॅल में आयोजित इस कैंप में 200 लोगों की जांच की गयी.