नदी क्षेत्र के गांव होंगे रोशन, दूर हुईं बाधाएं

पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया को लाभ अगले साल मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का रखा गया है लक्ष्य पटना : सूबे के चार जिले पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया के दियारे और नदी क्षेत्र के सौ गांवों में बिजली आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अगले साल के मार्च तक इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2016 7:59 AM
पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया को लाभ
अगले साल मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का रखा गया है लक्ष्य
पटना : सूबे के चार जिले पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया के दियारे और नदी क्षेत्र के सौ गांवों में बिजली आने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अगले साल के मार्च तक इन गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इन गांवों में टावर के जरिये बिजली पहुंचायी जायेगी. टावर लगाने के लिए संवेदक को काम आवंटित कर दिया गया है. राज्य के सूदूरवर्ती गांवों में दो तरह से बिजली पहुंचायी जानी है. जिन जगहों पर तार-पोल से बिजली नहीं पहुंच सकती है, वहां आॅफ ग्रिड बिजली पहुंचेगी.
आॅफ ग्रिड बिजली चंपारण के जंगली क्षेत्र व कोसी इलाके के नदी के पेट में बसे गांवों में बिजली पहुंचेगी. इसके अलावा पटना, छपरा, सहरसा व खगड़िया के दियारे और नदी के भीतरी इलाके में टावर के जरिये
बिजली पहुंचायी जायेगी. बताया जाता है कि एेसे 100 के करीब गांव है जहां टावर के जरिये बिजली पहुंचायी जायेगी. ग्रिड 33 केवीए का लाइन
टावर के जरिये पहुंचेगा और फिर सब स्टेशन के जरिये लोगों के घरों तक पहुंचेगी. 30 टावरों का निर्माण होगा. संवेदक को काम अावंटित कर दिया गया और मार्च तक काम पूरा
करने को कहा गया है. एक टावर के निर्माण पर 30 से 35 लाख खर्च होता है. इन गांवों की भौगोलिक संरचना ऐसी है कि यहां पर पोल के जरिए बिजली नहीं पहुंच सकती थी. इसके लिए टावर का निर्माण आवश्यक था. पटना व छपरा जिला के इन गांवो की दूरी राजधानी पटना से चंद किलोमीटर है.
लेकिन वहां अभी तक बिजली नहीं पहुंच सकी थी. सरकार ने अगले साल के अंत तक राज्य के सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 15 नवंबर से बिजली कनेक्शन के लिए सहायक अभियंता के स्तर पर कैंप लगेगा.

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