पटना : देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट पर रोक लगने के बाद बिहार के निजी और सरकारी अस्पतालों में अराजक स्थिति पैदा हो गयी है. कोई भी अस्पताल मरीजों के परिजनों से पुराने बड़े नोट लेने को तैयार ही नहीं हैं. अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों की इन्हीं हरकतों की वजह से पूरे प्रदेश में कई लोगों को अपनी जाने से हाथ धोना पड़ गया है. बिहार की राजधानी पटना में भी पुराने नोट की वजह से समय पर अल्ट्रासाउंड नहीं होने की वजह से एक गर्भस्थ शिशु की जान चली गयी.
सूचना के अनुसार, पुराने बड़े नोट के चलते समय पर अल्ट्रासाउंड नहीं होने से कंकड़बाग स्थित अशोकनगर के रामलखन पथ निवासी महिला के गर्भ में ही बच्चे की मौत हो गयी. उसके पति राजीव रंजन सिंह का कहना है कि सोमवार को पत्नी के पेट में दर्द हुआ. डॉक्टर ने कन्फर्मेशन के लिए अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा, लेकिन अल्ट्रासाउंड वाले ने 500 व 1000 के पुराने नोट लेने से मना कर दिया. इस कारण महिला का समय से अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका और बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गयी.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी में उन्होंने अपना बच्चा खो दिया. उन्होंने बताया कि जिस समय देश में नोटबंदी का एलान हुआ था, उस समय वे पटना से बाहर थे. मैंने सोचा कि पटना आने के बाद समस्या का समाधान हो जायेगा, लेकिन मुझे क्या पता था कि इस नोटबंदी के माहौल में मैं अपना बच्चा ही खो दूंगा. उनका कहना है कि मरीज को देखने के बाद डॉक्टर भी समझ चुके थे कि हालत बिगड़ गयी है, लेकिन किसी ने समय रहते उसका इलाज नहीं कर सके.