पटना. छह जनवरी को हाथ की हड्डी टूटने के बाद बेतिया से एचआइवी पॉजिटिव मरीज पीएमसीएच के हड्डी विभाग में पहुंचा. पहले डॉक्टरों ने उसका इलाज सामान्य तरीके से शुरू किया. लेकिन जैसे ही डॉक्टर को मालूम चला कि मरीज एचआइवी पॉजिटिव है, उसे घर जाने को कह दिया.
तीन दिनों तक परिसर में चक्कर लगाने के बाद भी जब उसे भरती नहीं लिया गया, तो उसने बिहार नेटवर्क फोर पीपुल लिविंग विथ एचआइवी एड्स सोसाइटी से संपर्क साधा. इसके बाद भी उसका ऑपरेशन आज तक नहीं हो पाया है.
डॉक्टर ऐसे कर सकते हैं बचाव
बचाव के लिए हाथ, चेहरा व शरीर को ढंक कर रखे.
एचआइवी मरीज का वायरल लोड देख ले, अगर ब्लड में वायरस की संख्या कम रहती है तो सामने वाले को संक्रमण होने की संभावना शून्य हो जाती है.
एचआइवी संक्रमण मरीजों को सूई लगाते समय किसी तरह से सूई चुभ जाये, तो इसके उपरांत 1000 में तीन लोगों को संक्रमण होने की संभावना रहती है
सूई चुभने के 72 घंटे के अंदर दवा का सेवन किया जाये, तो 80 प्रतिशत कम हो जाती है संक्रमण की संभावना
ऑपरेशन के पहले प्री एक्सपोजर प्रोफेलेक्सी की दवा खाने से संक्रमण की संभावना और कम हो जाती है.