पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों की मनमानी पर कसी जायेगी नकेल, हाईकोर्ट जायेगा अस्पताल प्रशासन
पटना : पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल और मारपीट का मामला अब हाईकोर्ट में जायेगा. अस्पताल प्रशासन ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट को देने का फैसला किया है. पीएमसीएच प्रशासन ने फैसला यह भी किया है कि अब अदालत के निर्देश के बाद ही हड़ताल से हुए नुकसान और मारपीट में शामिल लोगों के खिलाफ […]
पटना : पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल और मारपीट का मामला अब हाईकोर्ट में जायेगा. अस्पताल प्रशासन ने इसकी जानकारी हाईकोर्ट को देने का फैसला किया है. पीएमसीएच प्रशासन ने फैसला यह भी किया है कि अब अदालत के निर्देश के बाद ही हड़ताल से हुए नुकसान और मारपीट में शामिल लोगों के खिलाफ कोईकदम उठाया जायेगा. प्रशासन ने बीते बुधवार को जूनियर डॉक्टरों द्वारा सरेआम अस्पताल परिसर में मारपीट, हंगामा और उसके बाद हड़ताल से हुईमरीजों की परेशानी और उनके जानमाल के नुकसान के मामले को गंभीरता से लिया है.
पीएमसीएच प्रशासन ने इस मामले की जानकारी कोर्ट को देने का निर्णय किया है. इतना ही नहीं, अधीक्षक स्तर पर भी मामले की जांच करने का आदेश जारी किया गया है. जांच के लिए एक टीम गठित की गयी है, जो अपनी रिपोर्ट अस्पताल के अधीक्षक डॉ लखींद्र प्रसाद को देगी. इसके बाद अधीक्षक की ओर से उस रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग में सौंपा जायेगा.
10 डॉक्टर अनुपस्थित घोषित : पीएमसीएच में मारपीट के बाद जूनियर डॉक्टर आलोक के पक्ष में उरते 10 डॉक्टरों ने शुक्रवार को ड्यूटी ज्वाइन किया. हालांकि, उनको ज्वाइनिंग करा दिया गया है. लेकिन 16 व 17 नवंबर को अस्पताल प्रशासन ने उनको अनुपस्थित घोषित कर दिया है. ये सभी 10 डॉक्टर जूनियर डॉक्टर के सपोर्ट में थे. उधर, शुक्रवार से एक बार फिर पीएमसीएच में मरीजों के आने का सिलसिला शुरू हो गया. पीएमसीएच के सर्जरी विभाग व ओटी नंबर एक, दो व तीन में कुलमिला कर 32 ऑपरेशन किये गये. वहीं, 18 सौ से अधिक मरीजों का ओपीडी में इलाज हुआ. गौरतलब है कि 16नवंबर को पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा व अस्पताल के ही एक जूनियर डॉक्टर आलोक कुमार के साथ मारपीट हुआ था. इसके बाद दो दिन तक मरीजों को इलाज में बाधा उत्पन्न हो गयी थी.