बिहार में RBI के विशेष बक्से का कमाल, सभी को मिल रहे हैं नये नोट

पटना : 500 व हजार की नोटबंदी की घोषणा के बाद 10 नवंबर से बैंकों में पुरानी करेंसी बदलने या जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई. एटीएम समेत अन्य बैंकिंग व्यवस्था कई पाबंदियों और नियम-कानूनों के साथ काम कर रही हैं. इन 10 दिनों में आरबीआइ ने सभी बैंकों में तमाम मूल्यवर्ग (डेनामनेशन) के नोटों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 21, 2016 7:41 AM

पटना : 500 व हजार की नोटबंदी की घोषणा के बाद 10 नवंबर से बैंकों में पुरानी करेंसी बदलने या जमा करने की प्रक्रिया शुरू हुई. एटीएम समेत अन्य बैंकिंग व्यवस्था कई पाबंदियों और नियम-कानूनों के साथ काम कर रही हैं. इन 10 दिनों में आरबीआइ ने सभी बैंकों में तमाम मूल्यवर्ग (डेनामनेशन) के नोटों की आपूर्ति सुचारु रखने के लिए एक हजार बक्से से ज्यादा नोट का वितरण किया है.

आरबीआइ एक निश्चित किस्म के बक्से में नोटों का वितरण बैंकों तक करता है. इस एक बक्से में किसी मूल्यवर्ग के एक लाख पीस या गड्डी आती है. सभी बैंकों के मुख्य करेंसी चेस्ट तक आरबीआइ एक निर्धारित कोटे में नोटों को पहुंचाता है. पिछले 10 दिनों के दौरान आरबीआइ ने सभी बैंकों के बीच सामान्य रूप से सभी डेनामनेशन के नोटों के बक्से का वितरण किया है, जिनकी संख्या एक हजार से ज्यादा है. नोटों का वितरण बिहार व झारखंड में मांग के अनुरूप किया गया है. बिहार में आबादी ज्यादा होने की वजह से यहां इनका वितरण ज्यादा हुआ है. फिर भी ग्रामीण इलाकों में पैसों की किल्लत रही.
बिहार व झारखंड में 14 करोड़ की आबादी : सबसे ज्यादा दो हजार के नोट के आधार पर ही हिसाब लगाते हैं. एक बक्से में दो हजार रुपये के नोटों की गड्डी की संख्या एक लाख है, जिसका मूल्य 20 करोड़ रुपये आता है. अगर सभी एक हजार बक्सों में दो हजार नोट मान लिये जायें, तो इस आधार पर इसका कुल मूल्य 20 हजार करोड़ रुपये होगा. अब चूकिं सभी मूल्यवर्ग के नोट इन एक हजार बक्से में शामिल हैं, तो इस आधार पर इसका औसत चार हजार करोड़ आता है. अब इन चार हजार करोड़ को बिहार और झारखंड की करीब 14 करोड़ की आबादी के बीच बांटने पर यह करीब साढ़े तीन हजार रुपये प्रति व्यक्ति का औसत आता है. इस आधार पर पिछले 10 दिनों के दौरान बिहार के एक व्यक्ति को करीब तीन हजार 500 रुपये ही मिल पाये हैं.
ग्रामीण इलाकों में मोबाइल एटीएम का परिचालन शुरू : ग्रामीण इलाकों में पैसे की किल्लत बरकरार है. ऐसे इलाकों में मोबाइल एटीएम या मोबाइल कार्ड स्वैप मशीन पहुंचाने की व्यवस्था की गयी है. पेट्रोल पंप और अस्पतालों में भी इस तरह की मोबाइल वैन को लगाने की कवायद शुरू कर दी गयी है. एसबीआइ, पीएनबी, सेंट्रल बैंक समेत अन्य बैंकों ने ऐसे इलाकों का चयन कर मोबाइल वैनों की तैनाती करने का काम शनिवार से शुरू कर दिया गया.
पटना. नोटबंदी के बाद ब्लैकमनी को व्हाइट करने वाले शहर के दो स्वर्ण व्यापारियों के यहां आयकर विभाग ने 17 नवंबर को छापेमारी की थी. इसमें बाकरगंज मोहल्ले में स्थित शकुंतला ज्वेलर्स एंड कंपनी और माधुरी ज्वेलर्स के ठिकानों को सर्च किया गया था. इस दौरान दोनों व्यापारियों के यहां से करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आयी है. इन लोगों के बिना एकाउंट वाले पैसे तो मिले ही.
इसके अलावा 500 और हजार रुपये के पुराने नोटों को लेकर सोना बेचने के मामले भी सामने आये हैं. शकुंतला ज्वेलर्स एंड कंपनी के पास दो नंबर वाले कैश बुक में पांच करोड़ से ज्यादा के कैश के लेन-देन का हिसाब अंकित था, लेकिन हकीकत में इसके आधे करीब तीन करोड़ रुपये ही कैश मिले हैं, जिन्हें आयकर ने जब्त कर लिया है.
इसमें तकरीबन सभी 500 और हजार रुपये की पुराने करेंसी ही थे. इसके पास से तीन करोड़ रुपये से ज्यादा का गलत स्टॉक भी मिला है, जो सोना या अन्य धातुओं के रूप में मौजूद है. दूसरे व्यापारी माधुरी ज्वेलर्स के यहां भी पुराने नोट लेकर सोना बेचने की बात सामने आयी है. इसके पास से भी स्टॉक से ज्यादा रुपये मिले हैं. पुराने नोट लेकर गलत स्टॉक या बिना स्टॉक वाले सोना को बेचने की बात सामने आयी है. इसके यहां एक करोड़ से ज्यादा रुपये जब्त किये गये हैं. ये सभी रुपये पुरानी करेंसी के रूप में हैं.
पटना. पुराने पांच सौ और हजार के नोट को टैक्स के रूप में स्वीकार करने से नगर निकायों की आय बढ़ी है. इसको लेकर नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने निकायों को निर्देश दिये थे. केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने आठ नवंबर को निर्देश जारी किया था. पहले 14 नवंबर तक पुराने नोट जमा लेने का प्रावधान किया गया था. यह समय सीमा बैंकों और पेट्रोल पंपों के तर्ज पर 24 नवंबर तक बढ़ा दी गयी थी. शुरू में नगर निकायों ने पुराने नोट को स्वीकार नहीं किया, पर बाद में इसे स्वीकार िकया जाने लगा.
पटना. सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिप के अलावा तमाम मेरिट स्कॉलरशिप के आवेदन भरने की तिथि बढ़ा दी गयी है. सीबीएसइ ने अभिभावकों के आग्रह करने पर यह तिथि बढ़ायी है. अब अभिभावक 30 नवंबर तक किसी भी स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर पायेंगे. पहले यह तिथि 11 नवंबर निर्धारित की गयी थी. सीबीएसइ की मानें तो नोटबंदी होने से कई अभिभावक आवेदन नहीं भर पाये हैं. इसकी शिकायत बोर्ड के पास कई अभिभावकों ने की. सीबीएसइ ने सिंगल गर्ल चाइल्ड के अलावा तमाम मेरिट स्काॅलरशिप की तिथि बढ़ा दी है. जहां सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए दो सालों तक हर महीने पांच-पांच सौ की राशि दी जाती है. मेरिट स्कॉलरशिप के तहत एक हजार तक की राशि हायर एजुकेशन के लिए दी जाती है.
पटना. यूजीसी नेट के आवेदन भरने में नोटबंदी के कारण अभ्यर्थी को परेशानी नहीं हो, हर अभ्यर्थी आवेदन भर सकें, इसके लिए सीबीएसइ ने यूजीसी नेट के आवेदन की तिथि 23 नवंबर तक बढ़ा दी है. वहीं, सुधार के लिए अभ्यर्थी को 28 नवंबर से तीन दिसंबर तक का समय दिया गया है. पहले यह प्रक्रिया 15 नवंबर तक हो जानी थी. परेशानी को देखते हुए सीबीएसइ ने यह निर्णय लिया है. 22 जनवरी 2017 को होने वाले यूजीसी नेट के लिए ऑनलाइन पेमेंट 24 नवंबर तक किया जा सकेगा.
पटना. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने शिक्षकों को नवंबर के वेतन का कुछ हिस्सा (10 हजार) स्कूल के कैश काउंटर से देने का विचार किया है. तमाम केंद्रीय विद्यालय को इसकी सूचना भेज दी गयी है. विद्यालय में पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए केवीएस की ओर से यह सुविधा शिक्षकों को दी गयी है. केवीएस पटना जोन के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक एमएस चौहान ने बताया कि शिक्षकों के लिए एटीएम या बैंक में जाने से स्कूल में पढ़ाई बाधित होगी. इस कारण शिक्षकों को यह सुविधा दी गयी है.

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