शराबबंदी अभियान भटक गया अपनी राह से : मंगल

पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य में शराबबंदी अभियान अपनी राह से भटक गया है, तालिबानी कानून की हनक बेअसर दिख रही है. शराबबंदी के सवाल पर मंगलवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में उन्होंने यह बात कही. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिये नौ सूत्री ज्ञापन में पांडेय ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2016 5:59 AM
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य में शराबबंदी अभियान अपनी राह से भटक गया है, तालिबानी कानून की हनक बेअसर दिख रही है. शराबबंदी के सवाल पर मंगलवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में उन्होंने यह बात कही.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दिये नौ सूत्री ज्ञापन में पांडेय ने कहा है कि भाजपा पूर्ण शराबबंदी की पक्षधर है. पार्टी ने सदन में शराबबंदी कानून में संशोधन के लिए सुझाव भी दिया.लेकिन जिस तालिबानी प्रावधानों के साथ इसे लागू किया गया भाजपा इसका विरोध करती है.
उन्होंने कहा कि इतने बड़े मुद्दे पर न तो राजनीतिक दलों की राय ली गयी और न ही सर्वानुमति लेने की आवश्यकता महसूस की गयी. पूर्ण शराबबंदी की नीति को लागू करने में सरकार ढीली पड़ती जा रही है. मजबूरी में सरकार शराबबंदी कानून को लागू करने के छह माह बाद सर्वदलीय बैठक कर रही है.
शराब माफियाओं के तंत्र पर हमला करे सरकार : माले विधायक महबूब आलम ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि पूर्ण शराबबंदी पर दृढ़ता से कायम रहते हुए उत्पाद अधिनियम, 2016 को आम जनता व शराब पीने वालों पर केंद्रित करने की बजाय राजनेताओं व प्रशासनिक संरक्षण में पल रहे शराब माफियाओं के तंत्र पर हमला करना चाहिए. शराबबंदी का मूल स्वर आम जनता के ही खिलाफ है. यह कानून शराब पीने वालों के लिए काफी सख्त है.
, शराब माफियाओं व शराब उत्पादकों पर उतनी ही नरम. कानून को राजनीतिक-प्रशासनिक संरक्षण में चल रहे शराब माफियाओं व उत्पादक तंत्र पर हमला करना चाहिए था. इसकी बजाय यह आम लोगों पर ही कहर बरपा रहा है. इसलिए इसपर नये सिरे से विचार की जरूरत है. उन्होंने बैठक में सरकार को प्रत्येक ब्लॉक में नशा मुक्ति केंद्र की शुरुआत करने का सुझाव दिया. जिन्हें शराब की लत है, उनके लिए मेडिकल, मनोवैज्ञानिक व हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध करायी जाये.
राय लेकर शराबबंदी कानून में हो विचार : सदानंद
प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि शराबबंदी कानून ऐतिहासिक कदम है. इससे लोगों को लाभ मिला है. उन्होंने कहा कि शराब पीनेवाले को दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन शराबबंदी कानून के कुछ प्रावधानों में विधि विशेषज्ञ से राय लेकर कानून पर दोबारा विचार करने की आवश्यकता है.
खासकर सामूहिक जुर्माना, परिवार के सभी सदस्यों को दंडित करने व जिला बदर मामले में दोबारा विचार की जरूरत है. किसी व्यक्ति को अगर पीने की आदत है ताे उसे जिला बदर करने से भी उनकी आदत नहीं छूट सकती है. ऐसे मामले में यह ‌व्यवस्था होनी चाहिए कि उसे समाज में रख कर उसकी आदत से छुटकारा दिलाने के लिए प्रयास हो.

Next Article

Exit mobile version