पटना : बिहार के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षव राज्य की नीतीश कुमार सरकार में शिक्षामंत्रीअशोक चौधरी ने बुधवार को महागंठबंधन पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी के खिलाफ प्रतिबंधित क्षेत्र कारगिल चौक पर कांग्रेस के विरोध मार्च के दौरान कहा कि बिहार में गंठबंधन कांग्रेस के आलाकमान की सहमति से हुआ है. उन्होंने कहा कि यदि आलाकमान की ओर से निर्देश मिलेगा, तो आज भी गंठबंधन टूट सकता है. चाैधरी के इस बयान सेबिहार में राजनीति गरमागयी है.
इसबयानने जहां विपक्ष को आलोचना का मौका दे दिया है. वहीं,उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बयान कौन दे रहा है, यह भी महत्वपूर्ण होता है. जब तक कांग्रेस आलाकमान की ओर से कोई बयान नहीं आता, अशोक चौधरी का बयान बेमायने है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहाथा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन पार्टी के साथ है और कौन उसका विरोध कर रहा है. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमारी पार्टी जनता के मुश्किलों के साथ है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से अगर जनता को परेशानी हो रही है, तो हम जनता के साथ खड़े हैं.
बुधवार को बिहार कांग्रेस के नेता प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के नेतृत्व में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में पोस्टर-बैनर के साथ कांग्रेसी नेता केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए मार्च किया. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी के नेतृत्व में पटना के प्रतिबंधित क्षेत्र कारगिल चौक पर भी कांग्रेसियों की ओर से बैनर-पोस्टर के साथ मार्च निकाला गया.
नोटबंदी के एलान के 14वें दिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष की ओर से बिहार में गंठबंधन को लेकर दिये गये बयान को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नोटबंदी के मामले परनरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया. हालांकि, इसके बाद जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद शरद यादव ने केंद्र सरकार की नोटबंदी के खिलाफ बयान दिया था.
उधर, जदयू ने उत्तरप्रदेश चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय लोक दल से गंठबंधन भी किया है. जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एक क्षेत्रीय चैनल से बातचीत में कहा कि अशोक चौधरी को अपनी बात कहने का पूरा अधिकार है.