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सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए अब तक जमीन नहीं : सुशील कुमार मोदी

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में एक और एम्स जैसे दूसरे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को दो साल बाद भी राज्य सरकार जमीन नहीं दे पायी . केंद्र सरकार ने वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में बिहार में एक और एम्स जैसे संस्थान खोलने […]

पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राज्य में एक और एम्स जैसे दूसरे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को दो साल बाद भी राज्य सरकार जमीन नहीं दे पायी . केंद्र सरकार ने वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में बिहार में एक और एम्स जैसे संस्थान खोलने की घोषणा की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए 200 एकड़ जमीन का चयन करने के लिए आधे दर्जन से अधिक पत्र लिखा, मगर राज्य सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं, जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने विपक्ष के इस बयान पर जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार बताये कि उसके किस जिले में एम्स खोलना है. राज्य सरकर उसे जमीन उपलब्ध करायेगी.
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के लगातार पत्र लिखे जाने के बाद अब मामले को उलझाने के लिए राज्य सरकार केंद्र को जिला का चयन करने के लिए कह रही है. जिला का चयन व जमीन उपलब्ध कराना राज्य का दायित्व है. संस्थान के निर्माण व संचालन पर होने वाला व्यय भारत सरकार को वहन करना है. दरअसल राज्य सरकार नहीं चाहती है कि बिहार में केंद्र का कोई बड़ा संस्थान खुले. इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले. जानबूझ कर दोसाल में भी राज्य सरकार ने जमीनऔर जिला का चयन नहीं किया. अब वह केन्द्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है.पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से अपील है कि विकास कार्यों को लेकर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. राज्य सरकार केंद्र को एम्स जैसे संस्थान की स्थापना के लिए तीन-चार वैकल्पिक स्थानों पर 200 एकड़ जमीन का चयन कर सूचित करें.

केंद्र बताये कि किस जिले में खोलना चाहता है एम्स : संजय

जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार बताये कि बिहार के किस जिले में एम्स खोलना चाहती है? एम्स के लिए जमीन देने से बिहार सरकार ने कभी मना नहीं किया. बिहार के लोगों को सस्ता गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले, इसके लिए प्रस्तावित एम्स के निर्माण को बिहार सरकार जमीन मुहैया करायेगी.केंद्र सरकार अगर एम्स के लिए राशि देने को तैयार है तो राज्य सरकार जमीन उपलब्ध कराने में देर नहीं करेगी. केंद्र सरकार और भाजपा के नेता इस पर सिर्फ बयानबाजी कर रहे हैं. कौन सरकार नहीं चाहती है कि उनके यहां एम्स जैसे संस्थान खुले. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार अपने स्तर से पांच नये मेडिकल कॉलेज अस्पताल खोल रही है. बिहार में चार नये मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए जमीन भी मिल गयी है. संबंधित जिला प्रशासन ने जमीन उपलब्ध होने की रिपोर्ट भी भेज दी है.
ये मेडिकल कॉलेज सीतामढ़ी, मधुबनी, भोजपुर, बेगूसराय और महुआ में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया गया है. सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की योजना है कि चार सालों में नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा और पांचवें साल उसे चालू कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम में ये पांच नए मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. सरकार ने सूबे में कुल 23 नये निजी और सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया है. वहीं, केंद्र सरकार ने तीन मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी है.ये मेडिकल कॉलेज छपरा, समस्तीपुर व पूर्णिया में खोले जायेंगे. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. जब इनको बिहार सरकार जमीन दे रही है तो फिर एम्स जैसी संस्थान को जमीन कैसे नहीं दिया जायेगा? उन्होंने कहा कि केंद्र बताये कि बिहार के किस जिले में एम्स खोलना चाहती है. इसके लिए राज्य सरकार वहीं जमीन उपलब्ध करायेगी. जिन जिले में केंद्र सरकार नया एम्स खोलना चाहेगी उसी जिले में राज्य सरकार जमीन उपलब्ध करा देगी.

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