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यूपी चुनाव में अजित सिंह और आरके चौघरी के साथ सभाएं करेंगे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
पटना : उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और बहुजन समाज संघर्ष समिति के साथ नया मोरचा बनने के बाद जदयू अब वहां अपना चुनाव अभियान तेज करेगा. मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार वहां के छोटे राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उतरेंगे. वह 17 दिसंबर […]
पटना : उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और बहुजन समाज संघर्ष समिति के साथ नया मोरचा बनने के बाद जदयू अब वहां अपना चुनाव अभियान तेज करेगा. मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार वहां के छोटे राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ चुनाव प्रचार में जोर-शोर से उतरेंगे.
वह 17 दिसंबर को लखनऊ जायेंगे और वहां अतिपिछड़ा चेतना मंच के कार्यक्रम में शामिल होंगे. दिसंबर में ही नीतीश कुमार लखनऊ के अलावा मथुरा, बुंदेलखंड और अवध के इलाकों में रालोद अध्यक्ष अजित सिंह और बहुजन समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष आरके चौधरी के साथ संयुक्त सभाएं भी करेंगे. इसकी तारीखों का एलान जल्द ही किया जायेगा.
जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता केसी त्यागी ने बताया कि यूपी के ये संगठन बिहार में पंचायतों में अतिपिछड़ों के लिए 20% आरक्षण, बेहतर छात्रवृत्ति आदि कार्यक्रमों से प्रभावित हैं.
उनके आमंत्रण पर ही नीतीश कुमार ने लखनऊ जाने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि यूपी 76 पिछड़ी जातियां हैं और इनका 54% वोट हैं. इनमें 30% अतिपिछड़े भी शामिल हैं, जिनकी यूपी की सत्ता में बड़ी भागीदारी नहीं है. अतिपिछड़ों के नये मोरचे की गोलबंदी की जायेगी. जदयू या गंठबंधन के घटक दलों का उद्देश्य सपा और बसपा को नुकसान पहुंचाना नहीं है, बल्कि भाजपा को कमजोर करना है.
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