बच्चों की उपस्थिति नहीं बढ़ी तो प्राचार्यों का कटेगा वेतन
जीविका की दीदियों की रिपोर्ट पर शिक्षा विभाग ने दिया फरमान पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घट गयी है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग में आये जीविका की दीदियों की रिपोर्ट से हुआ है. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सभी जिलों को बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया है. साथ […]
जीविका की दीदियों की रिपोर्ट पर शिक्षा विभाग ने दिया फरमान
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घट गयी है. इसका खुलासा शिक्षा विभाग में आये जीविका की दीदियों की रिपोर्ट से हुआ है. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर सभी जिलों को बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया है. साथ ही सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को जिम्मेदारी दी है कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाये. अगर बच्चों की उपस्थिति नहीं बढ़ी तो प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को वेतन कटेगा. जीविका की दीदियों की रिपोर्ट से आया है स्कूलों में 45 फीसदी बच्चे ही नियमित स्कूल आ रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यपकों को निर्देश दिया है कि बच्चों के घर जाकर अभिभावकों से बात करें और बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह करें. उन्हें शिक्षा की अहमियत बताये कि कैसे उनका भविष्य बनेगा. साथ ही स्कूलों बच्चों को दी जाने वाली सरकारी सुविधाओं की भी जानकारी दें. इसके लिए वे कार्ययोजना बनायें. साथ ही जीविका की दीदियों की बैठक बुलाकर यह कारण तलाशे कि बच्चे स्कूल क्यों नहीं आ रहे हैं. स्कूल के प्रधानाध्यापक व शिक्षक स्कूल से पहले और बाद बच्चों के घर जाये. अगर इसके बावजदू स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नहीं बढ़ती है तो प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों की वेतन की राशि काटी जायेगी. राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद शिक्षकों की उपस्थिति की जांच के लिए जीविका की दीदियों की लगाया था. उन्हें हर सप्ताह तीन या उससे अधिक स्कूलों का निरीक्षण करना था और हर महीने रिपोर्ट तैयार कर जिला के माध्यम से शिक्षा विभाग में भेजना था. जीविका की दीदियों ने अक्तूबर महीने में की गयी जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम है.
योजनाओं का लाभ देने में होगी समस्या: स्कूली बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ देने में समस्या होगी. क्योंकि मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना में 75 फीसदी उपस्थिति होने पर भी इसका लाभ बच्चों को मिलना था.