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नीतीश की महागठबंधन को सलाह, आत्मसंयम की जरूरत

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागंठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में जदयू-राजद व कांग्रेस के सदस्यों को आत्मसंयम रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष महागंठबंधन के लोगों की अलग-अलग राय पर मतभेद पैदा कर रहा है. वे अंदरूनी कलह बढ़ाना चाहते हैं और झगड़ा लगाना चाहते हैं. इससे लोगों को आत्मसंयम रखना […]

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागंठबंधन विधानमंडल दल की बैठक में जदयू-राजद व कांग्रेस के सदस्यों को आत्मसंयम रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष महागंठबंधन के लोगों की अलग-अलग राय पर मतभेद पैदा कर रहा है. वे अंदरूनी कलह बढ़ाना चाहते हैं और झगड़ा लगाना चाहते हैं. इससे लोगों को आत्मसंयम रखना चाहिए. लेकिन राज्य में आठ-10 लोग ऐसे हैं जो आत्मसंयम रखने वाले नहीं हैं. उन्हें कोई रोक भी नहीं सकता है. बिहार विधान परिषद् के एनेक्सी में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश में काम करने वाले लोग काम कर रहे हैं.

सरकार में भूमिका भी निभा रहे हैं और लोगों को राजनीतिक तौर पर गाइड भी कर रहे हैं. सरकार ने ऐसा कोई निर्णय या नीति का निर्धारण बगैर महागंठबंधन के घटक दलों राजद व कांग्रेस की सहमति से नहीं लिया है. सभी निर्णय सब की सहमति से लिये जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के दिमाग में रहता है कि कैसे महागंठबंधन में दरार हो, खींचतान चलती रहे, वे भ्रम में हैं. महागंठबंधन के क्रियाकलापों में कोई अंतरविरोध नहीं है. प्रदेश में सात निश्चय, शराबबंदी, इंफ्रास्ट्रक्चर, गरीबों के उत्थान को लेकर काम हो रहे हैं. बड़े-बड़े कानून हैं कहां मतभेद हैं. आने वाले दिन में बहुत कुछ होने वाला है. शराबबंदी के दूरगामी परिणाम सामने आने वाले हैं. कुछ लोगों जिन्हें यह काम अच्छा नहीं लगता है वे झगड़ा लगाने की कोशिश करते रहते हैं. शराबबंदी से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. इसके कानून के प्रावधान को हवाला देकर शराबबंदी का विरोध करने का किसी को अवसर नहीं देना है.
अगर कोई शराबबंदी के मुहिम को झटका देने की कोशिश करेगा तो यह बरदास्त नहीं होगा. शराबबंदी का बड़ा इंपैक्ट पड़ा है, लेकिन इसे लागू करने के लिए सुझाव का स्वागत करना चाहिए. यह संसदीय लोकतंत्र का हिस्सा है. शराबबंदी कानून पर विचार-मंथन चल रहा है. अंतिम तौर पर क्या होगा अभी कहना मुश्किल है. बैठक में जदयू, राजद, कांग्रेस के मंत्री, विधायक-विधान पार्षद मौजूद थे.
हमारी संवेदनशीलता को नहीं दे सकता कोई चुनौती : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यूपी के कानपुर के पास रेल दुर्घटना हुई थी. उस दिन हमें एक साल का रिपोर्ट कार्ड जारी करना था, लेकिन हमने उसे स्थगित कर दिया. अगर ऐसी दुखद घटना के बाद हम अपनी उपलब्धि बताते तो पूरा देश हंसता. हमलोग संवेदनशील हैं और हमारी संवेदनशीलता को कोई चुनौती नहीं दे सकता है. उसी दिन प्रधानमंत्री यूपी के दूसरे शहर में ही राजनीतिक कार्यक्रम कर रहे थे. वहीं, एनडीए के ही एक नेता सोनपुर में रथ की सवारी कर रहे थे.
यह राजनीतिक नैतिकता तो नहीं है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी व यूपी चुनाव पर लोग अलग-अलग राय रख रहे हैं. यूपी चुनाव क्या बिहार में है क्या? नोटबंदी गलत नहीं है, लेकिन क्रियान्वयन के तरीके को उठाना चाहिए. सवाल उठाना चाहिए.
विधायक-विधान पार्षद करें प्रश्न : मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानमंडल में कई विधेयक पारित कराना है. गैर सरकार संकल्प पर भी चर्चा होगी. इसके लिए सदस्य सदन में रहे. वाद विवाद में भाग लेने के लिए सदन में रहना जरूरी है. सदन में मौजूद रहेंगे तो विपक्ष के सवालों व अनर्गल बयान पर जवाब दे सकेंगे. साथ ही सरकारी नीतियों व कार्यों की जानकारी मिल सकेगी. अगर क्षेत्र में कोई आपताकाल या फिर व्यक्तिगत कोई समस्या न हो तो सदन की कार्यवाही न छोड़ें. क्षेत्र की जनता भी चाहती है कि उनका प्रतिनिधि सदन में रहे और क्षेत्र की समस्याओं को उठाये. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के भी सदस्य प्रश्न जरूर करें. सरकार के संचालन में यह जरूरी है. यह सदस्यों का विशेषाधिकार भी है. क्षेत्र में सक्रियता के साथ-साथ राजनीतिक रूप से सक्रिय रहने की भी जरूरत है. जोश में रहें.
विपक्ष के रवैये में सुधार नहीं, चौकन्ना रहें: तेजस्वी
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि महागंठबंधन की सरकार ने एकता के साथ एक साल पूरा किया है. महागंठबंधन एकजुट रहेगा. हमें टारगेट पर ध्यान देना होगा. विपक्ष के रवैये पर कोई सुधान नहीं हो रहा है. वे जंगलराज, अपराध का ही मुद्दा उठायेंगे. मंत्री व विधायक को बदनाम करेंगे. हमें सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करना है. लोग जानेंगे तो जागरूक होंगे. हमलोगों में अपनी उपलब्धि लोगों को ठीक से नहीं बनाने की कमी है. महागंठबंधन का भविष्य अच्छा है औरर यह भविष्य में अच्छा काम करेगा.
विपक्ष के मंसूबों को करना है चकनाचूर : अशोक
शिक्षा सह आइटी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि विपक्ष के मंसूबों को चकनाचूर करना है. सरकार ने एक साल में सात निश्चय शुरू किया, शराबबंदी कर ऐतिहासिक काम किया है. सरकार का जिस प्रकार एेतिहासिक एक साल बीता उसी तरह अगला चार साल भी बीतेगा. कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि सदस्यों को विधायी कार्यों के प्रति गंभीर होना चाहिए. वहीं, संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन में सदस्य मुस्तैदी से रहे और विपक्ष के सवालों का जवाब दें.

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