BJP कार्यालय जमीन खरीद मामला : JDU ने पूछे तीखे सवाल
पटना/दिल्ली : राज्य के 22 जिलों में भाजपा द्वारा अपने कार्यालयों के लिए खरीदी गयी जमीन को लेकर शुक्रवार को एक लोकल न्यूज चैनल पर खबर दिखाये जाने के बाद सूबे की राजनीति गरमा गयी है. जदयू ने इस पर सवाल उठाते हुए भाजपा से सफाई मांगी है. वहीं, भाजपा ने जदयू की मांग को […]
पटना/दिल्ली : राज्य के 22 जिलों में भाजपा द्वारा अपने कार्यालयों के लिए खरीदी गयी जमीन को लेकर शुक्रवार को एक लोकल न्यूज चैनल पर खबर दिखाये जाने के बाद सूबे की राजनीति गरमा गयी है. जदयू ने इस पर सवाल उठाते हुए भाजपा से सफाई मांगी है. वहीं, भाजपा ने जदयू की मांग को ठुकराते हुए कहा है कि उसे क्यों हिसाब दे. यह मामला एेसे समय आया है, जब नोटबंदी को लेकर देश में सियासी तूफान मचा हुआ है. नीतीश कुमार द्वारा नोटबंदी का समर्थन किये जाने के बीच उनकी पार्टी ने भाजपा से पूछा है कि इसके लिए पैसा कहां से आया? जो जमीन खरीदी गयी, उसका भुगतान चेक से हुआ या कैश से? जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह, प्रवक्ता नीरज कुमार और राजीव रंजन प्रसाद ने पार्टी कार्यालय में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर इस मुद्दे को लेकर तीखे सवाल दागे.
संजय सिंह ने कहा कि जिलों में कार्यालय के नाम पर भाजपा निवेश कर रही है. नोटबंदी से पहले जिलों में पार्टी दफ्तरों के लिए जिस तरह से जमीन खरीदी गयी, इससे यह बात सच हो गयी कि भाजपा के बड़े नेताओं से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं तक को नोटबंदी की खबर थी. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि भाजपा का देश में हजार से अधिक संगठनात्मक जिले है. सभी जगह कार्यालय बनाना है. सरकार पहले भी जमीन खरीदने का फैसला ले सकती थी, लेकिन नोटबंदी से पहले लेना यह शक पैदा करता है. उन्होंने कहा कि इसकी जेपीसी जांच हो तथा भाजपा 20 हजार से ज्यादा दान देनेवालों के नाम वह सार्वजनिक करे.
नीरज कुमार ने कहा कि भाजपा हर जिला इकाई को जमीन व भवन के लिए एक.एक करोड़ दे रही है. प्रदेश कार्यालय के लिए 15 करोड़ दिये गये हैं. भाजपा की सालाना आय 970. 43 करोड़ हैं. जमीन खरीदने व कार्यालय बनाने में 1914 करोड़ खर्च होंगे. इतनी राशि कहां से आयेगी. भाजपा आर्थिक फर्जीवाड़ा कर रही हैं. कांग्रेस ने कहा, काले धन में भाजपा का भी हिस्सा : कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने न्यूज चैनल आज तक से कहा कि ‘जमीन सौदे के लिए आठ नवंबर के आसपास राशि का ट्रांजेक्शन हुआ.
प्रधानमंत्री ने गोपनीयता का हवाला देकर नोटबंदी के बारे में किसी को नहीं बताया, लेकिन अमित शाह से ये गुप्त जानकारी जरूर साझा की थी. इसलिए प्रधानमंत्री संसद आने से घबरा रहे हैं. काले धन को जेवरात और संपत्ति के रूप में छुपा लिया गया है. इन सबमें भाजपा का भी हाथ है और इसकी जानकारी प्रधानमंत्री को पहले से ही थी.इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “यह स्तब्ध कर देने वाला है. बीजेपी ने अपना पैसा ठिकाने लगा लिया. शर्मनाक.”
जदयू को हम हिसाब क्यों दें : सुशील मोदी
पटना. भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने साफ कहा है कि पार्टी जदयू को क्यों हिसाब दे. कार्यालय के लिए जमीन की खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं है. नोटबंदी से इसका कोई लेना-देना नहीं है. पटना में अपनी जमीन पर पार्टी का कार्यालय तक नहीं है, जबकि कांग्रेस और अन्य दलों का कार्यालय अपनी जमीन पर है.
कार्यालय के लिए जमीन की खरीदारी का निर्णय पार्टी ने दो माह पूर्व ही लिया था. इस मामले में जिसे हिसाब देना होगा दिया जायेगा. भाजपा समेत सभी पार्टियां एक-एक पैसे का हिसाब रिटर्न फाइल करती हैं और इसका ब्योरा चुनाव आयोग को दी जाती है.