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बिहार में बाढ़ का कहर: मौसम विभाग ने जारी किया 72 घंटे का अलर्ट, 9 हजार लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

लगातार हो रही भारी बारिश से उत्तरी और दक्षिणी बिहार में स्थिति असामान्य होती जा रही है. कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ में फंसे 9 हजार लोगों को जिला प्रशासन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 26, 2021 5:41 PM

पटना. लगातार हो रही भारी बारिश से उत्तरी और दक्षिणी बिहार में स्थिति असामान्य होती जा रही है. कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ में फंसे 9 हजार लोगों को जिला प्रशासन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इस बीच मौसम विभाग ने राज्य में 72 घन्टे का अलर्ट जारी कर दिया है. मौसम विभाग ने वज्रपात के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है. अगले 6 घन्टे में सारण, वैशाली, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, नवादा और जमुई में भारी बारिश होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विभाग और आपदा विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है.

खुले स्थानों या पेड़ की नीचे बिल्कुल नहीं रहने को कहा गया है. क्योंकि बारिश के साथ भारी वज्रपात की संभावना है. वहीं राज्य के 4 जिलों के 16 प्रखंडों के निचले इलाके बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं. पश्चिमी चंपारण के 2 प्रखंड, बगहा के 2 प्रखंड, पूर्वी चंपारण जिले के 5 प्रखंड जिसमें अरेराज, संग्रामपुर, केसरिया, सुगौली और बंजरिया में जहां बाढ़ की स्थिति उत्तपन्न हो गई है.

9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया

इसके साथ ही गोपालगंज में भी 6 प्रखंड वैकुंठपुर, बरौली, कुचायकोट, मांझा, सिंघबलिया और सारण के 3 प्रखंड पानापुर, तरैया और मकेर में कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और यातायात ठप पड़ गया है. इन सभी जिलों में जिला प्रशासन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मदद से बाढ़ में फंसे 9 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. सभी प्रभावित जिलों में आपदा विभाग की ओर से जहां कैम्प लगाए गए हैं, वहीं सामुदायिक किचन भी काम कर रहा है.

आवागमन को सुलभ बनाने के लिए 25 से 30 छोटी नाव से लोगों को पार लगाया जा रहा है. फिलहाल 72 घन्टे तक कई अन्य जिले भी अलर्ट पर हैं, क्योंकि नदियों के जलस्तर में वृद्धि की संभावना जताई गई है. ऐसे में 24 घन्टे जिला प्रशासन की टीम और पर्याप्त पुलिस बल , मजिस्ट्रेट कटाव वाले क्षेत्रों में बांधों की निगरानी करने में जुटे हैं.

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