नोटबंदी के खिलाफ बंद का बिहार में दिखा मिला-जुला असर
पटना : नोटबंदी के खिलाफ बंद के दौरान बिहार में राजद, कांग्रेस और वामदलों के कार्यकर्ताओं द्वारा कई जगहों पर ट्रेन सेवा को बाधित किया गया. बंद के बावजूद सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में सामान्य उपस्थिति को देखते हुए इसका मिला-जुला असर दिखा. बिहार विधानमंडल में नोटबंदी का विरोध कर रहे कांग्रेस, राजद और भाकपा […]
पटना : नोटबंदी के खिलाफ बंद के दौरान बिहार में राजद, कांग्रेस और वामदलों के कार्यकर्ताओं द्वारा कई जगहों पर ट्रेन सेवा को बाधित किया गया. बंद के बावजूद सरकारी दफ्तरों और स्कूलों में सामान्य उपस्थिति को देखते हुए इसका मिला-जुला असर दिखा.
बिहार विधानमंडल में नोटबंदी का विरोध कर रहे कांग्रेस, राजद और भाकपा माले सदस्यों ने 500 और 1000 रुपये के नोट पर रोक लगाए जाने के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं भाजपा सदस्यों ने विपक्ष के भारत बंद के आह्वान को गलत ठहराया और विमुद्रीकरण के पक्ष में नारेबाजी की. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में और इन सदनों के बाहर नोटबंदी को लेकर बंद का मुद्दा गूंजा.
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विमुद्रीकरण का लगातार समर्थन के चलते जदयू ने स्वयं को विपक्ष के आज के बंद से स्वयं को अलग रखा. बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व मुख्य द्वार पर बंद समर्थक राजद, कांंग्रेस और भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने हाथों में प्ले कार्ड लिए नारेबाजी की. जिसका प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने नोटबंदी के पक्ष में नारेबाजी कर प्रतिकार किया.
बिहार विधान परिषद की आज की कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी की उपस्थिति में भाजपा सदस्य रजनीश कुमार ने अपने सीट से खड़े होकर केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस, राजद और वामदलों द्वारा बिहार में बंद और प्रदर्शन के कारण आम जन-जीवन के अस्त-व्यस्त होने की संभावना जताते हुए नोटबंदी और भ्रष्टाचार जनित कालेधन पर विचार-विमर्श को लेकर लाए गये अपने कार्यस्थगन का मामला उठाया.
रजनीश के बोलने के क्रम में ही अपने सीट से खड़े होकर सदन में मौजूद संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने सभापति अवधेश नारायाण सिंह से कहा कि यह मामला केवल से बिहार से नहीं बल्कि पूरे देश से जुड़ा है, इसलिए इसे यहां उठाए जाने के बजाए इस पर लोकसभा में चर्चा होनी चाहिए.
नोटबंदी को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के तकरार शुरू होने के बीच ही भाजपा सदस्य अपने हाथों में प्लेकार्ड लिए सदन के बीचों बीच आकर कांग्रेस, राजद और वामदलों के बिहार में बंद और प्रदर्शन के विरोध में नारेबाजी करने लगे.
भाजपा सदस्यों ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्लेकार्ड पर नारे लिखकर नारेबाजी करने पर सभापति ने कहा कि किसी दूसरे सदन के माननीय सदस्यों का नाम नहीं लें और इसे कार्यवाही में शामिल नहीं किया जाएगा.
भाजपा सदस्यों की इस नारेबाजी के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और सदन सदस्य राबड़ी देवी, उनके पुत्र एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी उपस्थित थे. भाजपा सदस्यों की इस नारेबाजी का विरोध करते हुए अशोक चौधरी सहित उनके दल के मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने सभापति से कहा कि यह गलत परंपरा और परिपाटी की शुरूआत की जा रही है. सत्तापक्ष की ओर से जदयू सहित अन्य महागठबंधन के सदस्यों ने अपनी सीट से खड़े होकर भाजपा सदस्यों की नारेबाजी का विरोध किया.
सभापति अवधेश नारायण सिंह द्वारा रजनीश के कार्यस्थगन को अस्वीकृत करते हुए भाजपा सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने का आग्रह किया,लेकिन उनके द्वारा इसे अनसुनी कर दिए जाने पर अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही अपराह्न ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
बाद में अपने कक्ष में पत्रकारों को संबोधित करते हुए प्रतिपक्ष के नेता सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के निर्णय को देश के साथ बिहार में अपार जनसमर्थन मिला है,लेकिन कांग्रेस, राजद और वामदल द्वारा इसका विरोध में बंद और प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित कर आम नागरिकों को परेशान करनेका प्रयास करे है.
राजद प्रमुख लालू प्रसाद और कांग्रेस नेताओं की चर्चा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि जो भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं वे नोटबंदी नहीं कालेधन की नाकेबंदी के खिलाफ हैं और इसके विरोध में एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं तथा नोटबंदी के मूल सिद्धांत को चुनौती दे रहे हैं.
सुशील मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नोटबंदी का समर्थन किए जाने पर उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि इसका राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार को नोटबंदी के कारण लोगों को हो रही कठिनाईयों से राहत पहुंचाने के लिए एक टास्कफोर्स का गठन करना चाहिए तथा बैंकों एवं आरबीआइ के अधिकारियों के साथ बैठक कर नोट की किल्लत का निदान निकालना चाहिए.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेत्री राबड़ी देवी ने केंद्र सरकार के नोटबंदी को गलत ठहराते हुए कहा कि बिना तैयारी के इसे लागू किए जाने से लोगों को काफी कठिनाईयों का समाना करना पड़ रहा है. राबड़ीदेवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश से कालाधन लाकर गरीब के खाते में 15-15 लाख रुपये जमा करने का अपना वादा पूरा करने के बजाय इस नोटबंदी के जरिए गरीब और आमलोगों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश के गरीब लोगों के पैसे ‘लूटने’ वाले विजय माल्या को प्रधानमंत्री विदेश पहुंचा दिया.
केंद्रीय खाद्य एवं जनवितरण मंत्री और लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस, राजद और वामदलों के बंद और प्रदर्शन को पूरी तरह फ्लॅाप रहा. लोजपा की स्थापना दिवस के अवसर पर पटना स्थित पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पासवान ने दावा किया कि नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस, राजद और वामदलों के बंद और प्रदर्शन को पूरी तरह फ्लॅाप रहा और देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस निर्णय के साथ है.
कांग्रेस, राजद और भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने नोटबंदी के विरोध में प्रदेश की राजधानी पटना में जुलूस निकाला और कुछ चौक-चौराहों पर यातायात को बाधित किया. बंद के बावजूद सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य दिखी तथा कार्यालयों, बैंकों और स्कूल-कालेजों में उपस्थिति प्रभावित नहीं हुई. बंद समर्थकों का मुख्य रूप से निशाना दरभंगा, मधुबनी, पटना जिला के मसौढी, आरा, जहानाबाद और अन्य स्थानों पर ट्रेनें रहीं.
पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अरविंद कुमार रजक ने बताया कि बंदी के कारण बिहार में विभिन्न स्थानों पर करीब एक दर्जन ट्रेनें बाधित हुईं. दरभंगा, आरा, मसौढी और मधुबनी में भाकपा कार्यकर्ता ट्रेनों को रोकने के लिए रेल पटरी पर बैठ गये.