पंचायत भवन जुआरियों का अड्डा

उपेक्षा : 90 लाख की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण लगभग तीन साल पूर्व शुरू हुआ था जयमणी कुमार बाढ़ : बाढ़ प्रखंड के शहरी गांव में 90 लाख की लागत से बन रहा अर्धनिर्मित पंचायत सरकार भवन वर्तमान में जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. दिन भर जुआरी इस भवन में बैठ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2016 7:14 AM
उपेक्षा : 90 लाख की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण लगभग तीन साल पूर्व शुरू हुआ था
जयमणी कुमार
बाढ़ : बाढ़ प्रखंड के शहरी गांव में 90 लाख की लागत से बन रहा अर्धनिर्मित पंचायत सरकार भवन वर्तमान में जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. दिन भर जुआरी इस भवन में बैठ कर जुआ खेलते हैं. इस भवन को रकम आवंटित नहीं होने के कारण पूरा नहीं किया जा सका है. इसके लिए सरकारी कागजी घोड़े अपनी चाल से दौड़ रहे हैं, लेकिन एक साल बाद भी इस पर विभाग की नजर नहीं पड़ी है.
वहीं, प्रखंड के बेढ़ना पश्चिमी के ग्रामीणों को सरकारी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्राम सचिवालय की योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए करीब 90 लाख रुपये की लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण लगभग तीन साल पूर्व शुरू किया गया था. इस भवन में ग्राम पंचायत प्रतिनिधि तथा राजस्व कर्मचारी के साथ बैठ कर गांव से जुड़ी समस्याओं तथा योजनाओं के संबंध में विचार- विर्मश करने की सुविधा है.
वहीं, इससे ग्रामीणों को सरकारी दफ्तरों की परिक्रमा करने से भी मुक्ति मिल जायेगी. एनएच 30 ए के किनारे स्थित बेढ़ना गांव में बने इस भवन को पंचायत को हस्तांतरण नहीं किये जाने के कारण धीरे-धीरे खंडहर में बदलता जा रहा है. इस भवन की देखरेख में लापरवाही होने से इसमें लगी तमाम खिड़कियां तथा रोशनदान पूरी तरह से बरबाद हो चुके हैं. वहीं, कई जगहों पर जंगल उग आये हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि एक छत के नीचे गांव में ही सरकारी सेवा मुहैया कराने की योजना प्रशासनिक लापरवाही के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है. वहीं, लाखों रुपये का खर्च भी अब तक हो चुका है.
बाढ़ पूर्वी जिप सदस्य विजय शंकर ने बताया कि बेढ़ना का पंचायत सरकार भवन बन कर तैयार है. इसे ग्राम पंचायत प्रशासन को सौंप दिया जाना चाहिए ताकि इसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके. वहीं, इस योजना का उद्देश्य भी पूरा हो सके.
वहीं, बाढ़ के बीडीओ डाॅ मून आरिफ रहमान ने बताया कि इस योजना का संचालन जिला स्तर पर किया जा रहा है, उन्हें इस संबंध में कोई भी विभागीय निर्देश अबतक नहीं मिला है . निर्देश मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. बहरहाल लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी पंचायत सरकार भवन का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है.

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