कमेटी को नहीं मिला दोषी वार्निंग देकर छोड़ा गया
आइजीआइएमएस पटना : आइजीआइएमएस में नर्सों और जूनियर डाॅक्टरों के बीच मारपीट के मामले में जांच दल यह तय ही नहीं कर सका है कि आखिर किस पक्ष की गलती थी? छह सदस्यीय जांच दल इसे आरोप और प्रत्यारोप का मामला मानते हुए यह साबित नहीं कर सका कि गलती किसने की थी? तीन दिनों […]
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पटना : आइजीआइएमएस में नर्सों और जूनियर डाॅक्टरों के बीच मारपीट के मामले में जांच दल यह तय ही नहीं कर सका है कि आखिर किस पक्ष की गलती थी? छह सदस्यीय जांच दल इसे आरोप और प्रत्यारोप का मामला मानते हुए यह साबित नहीं कर सका कि गलती किसने की थी? तीन दिनों की जांच के बाद जांच दल ने अपनी रिपोर्ट निदेशक एनआर विश्वास को सौंप दी. इसके बाद निदेशक ने दोनों पक्षों को वार्निंग दी और कहा कि यदि अगली बार गलती हुई, तो कड़ी कार्रवाई होगी.
दंड स्वरूप दोनों पक्षों से तोड़फोड़ और नुकसान की वसूली की जायेगी. जांच दल के अध्यक्ष डीन डॉ केएस राघवेंद्र ने बताया कि दोनों पक्षों ने अपने बचाव के लिए आरोप-प्रत्यारोप किये, लेकिन यह साबित नहीं हो सका कि आखिर गलती की किसने. हमने अपनी रिपोर्ट निदेशक को सोमवार को सौंप दिया, जिसके बाद निदेशक ने वार्निंग और पनिशमेंट का फैसला किया. जांच दल में प्रो डॉ अरविंद कुमार, प्रो डॉ एसके सुमन, डाॅ संगीता पंकज, डॉ संजय कुमार और डॉ अनुजा डैनियल शामिल थे.
दोनों पक्षों ने आपस में किया समझौता : दोनों पक्षों ने इस मसले पर समझौता कर लिया. जांच दल के अध्यक्ष ने बताया कि दोनों पक्षों ने इस मामले में उनके सामने समझौता कर लिया है कि वे अब इस मसले को आगे नहीं बढ़ायेंगे. नर्सों ने इस मामले में केस किया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि वे काेर्ट में यह एफिडेविट दायर करेंगे कि मामले में समझौता कर लिया गया है और वे अब इस केस को वापस लेती हैं. छात्रों ने एफआइआर नहीं कराने का निर्णय लिया है.