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GST का पंजीयन कल से, 15 दिसंबर तक कराना अनिवार्य

पटना : राज्य के सभी व्यापारियों को अनिवार्य रूप से वैट से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में माइग्रेट करना है. इसके लिए पंजीयन 30 नवंबर से शुरू हो जायेगा, जो 15 दिसंबर तक चलेगा. इसके बाद पंजीयन नहीं होगा. ये बातें वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार ने सोमवार को बिहार चैंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2016 7:30 AM
पटना : राज्य के सभी व्यापारियों को अनिवार्य रूप से वैट से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में माइग्रेट करना है. इसके लिए पंजीयन 30 नवंबर से शुरू हो जायेगा, जो 15 दिसंबर तक चलेगा. इसके बाद पंजीयन नहीं होगा. ये बातें वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त राजेश कुमार ने सोमवार को बिहार चैंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और वाणिज्यकर विभाग द्वारा आयोजित जीएसटी पंजीयन कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं. उन्हाेंने कहा कि एक अप्रैल से प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू होनी है. प्रथम चरण में वैट के तहत जो निबंधित कारोबारी हैं, उनका ही निबंधन होगा.
विभाग को कारोबारियों की सूची उपलब्ध करा दी गयी है. कारोबारियों से अनुरोध है कि अपने पैन कार्ड को अपडेट करा लें. सूबे के 80 फीसदी के पैन कार्ड सही पाये गये हैं. कुमार ने कहा कि सबसे पहले वैसे डीलर व कारोबारी का निबंधन जीएसटी के तहत होना है, जिन्होंने सीएसटी, इटी और टीन नंबर ले रखा है. उन्होंने बताया कि पंजीयन करने से पहले विभाग ने हर खामियों को दूर करने का प्रयास किया है. क्योंकि, वैट निबंधन में खामियों के कारण कारोबारी और विभाग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. वह समस्या जीएसटी पंजीयन में न हो इसके लिए काफी तैयारी की गयी है.
जीएसटी लागू नहीं होने तक वैट करेगा काम : उन्हाेंने कहा कि जब तक जीएसटी देश में लागू नहीं हो जाता है, तब तक वैट काम करेगा. जीएसटी में निबंधन किये जाने के पूर्व सभी मौजूदा कारदाताओं को खुद जीएसटी के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य है. पंजीयन का काम ऑनलाइन होगा. पंजीयन 30 नवंबर की सुबह 9.30 से शुरू होगा. पंजीयन से संबंधित आवश्यक कागजात जुटा कर स्कैन कर अपने पास रख लें. ऐसा करने से पंजीयन के समय पेरशानी नहीं होगी. पंजीयन में आधा घंटा का समय लगेगा. इस मौके पर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव शशि मोहनका, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश टिबड़िवाल, एमएन बरेडि़या, डाॅ रमेश गांधी, पीके अग्रवाल व वाणिज्य कर विभाग की ओर से संयुक्त आयुक्त संतोष कुमार, प्रमोद गुप्ता, शशांक मिश्रा, सहायक आयुक्त अजिताभ मिश्रा मौजूद थे.
पंजीयन करने की प्रक्रिया www.biharcommmercialtax.gov.in पर वैट के तहत वर्ततान आइडी व पासवर्ड के साथ लॉग इन करना होगा. इसके बाद जीएसटी का लिंक मिलेगा, उसे क्लिक करना होगा. यहां आपको जीएसटी के लिए औपबंधिक आइडी और पासवर्ड मिलेगा. इस आइडी और पासवर्ड से जीएसटी के पोर्टल www.gst.gov.in पर लॉग इन करना होगा. स्क्रीन पर एक फाॅर्म आयेगा. इसके बाइ इ-मेल आइडी और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करते हुए इसे सबमिट करना होगा. आपके मोबाइल और इ-मेल पर अलग-अलग दो वन टाइम पासवर्ड मिलेगा. पासवर्ड को फाॅर्म पर अलग-अलग स्थान पर अंकित करना होगा. इसके बाद जीएसटी के लिए स्थायी यूजर नेम और पासवर्ड बनाने का निर्देश प्राप्त होगा. फिर आपको अपने यूजर नेम और पासवर्ड से www.gst.gov.in पर लॉग इन करना होगा और पंजीयन आवेदन के मेन्यू पर जाना होगा. पंजीयन आवेदन में कारोबार का रूप, साझेदार, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता, मुख्य व्यवसाय स्थल, अतिरिक्त व्यवसाय स्थल, वस्तुओं या सेवाओं आदि की सूचनाएं भरनी हैं. अंतिम टैब वेरीफिकेशन व घोषणा से संबंधित है.
सभी टैब के भरने के दौरान अलग-अलग सेव और कंटीन्यू बटन को क्लिक करते जाना है. टैब में विभिन्न सूचनाओं को भरने के साथ संबंधित कागजात की स्कैन काफी और फोटोग्राफ अपलोड करना होगा. खास फाॅर्मेट व साइज में कागजात और फोटोग्राफ अपलोड करना होगा. गैर कंपनी कारोबारियों के मामले में पंजीयन को फिलहाल बगैर डिजिटल और इ हस्ताक्षर को भी सबमिट किया जा सकता है. पूरी जानकारी देने के बाद आपको एक यूनिक आवेदन रेफरेंस संख्या आपके मोबाइल एवं इ-मेल आइडी पर प्राप्त होगा व पोर्टल पर आपका स्टेटस माइग्रेटेड के रूप में दिखायी देगा. भविष्य में जीएसटी से संपर्क इसी आवेदन रेफरेंस संख्या से स्स्थापति किया जा सकेगा.
ये हैं आवश्यक कागजात कारोबार से संबंधित साक्ष्य, पार्टनरशिप के मामले में पार्टनरशिप डीड, अन्य मामलों में व्यावसायिक प्रतिष्ठान का निबंधन प्रमाणपत्र जो किसी अन्य राजकीय संस्था की ओर से जारी किया गया है, प्रमोटर्स, पार्टनर व एचयूएफकर्ता का फोटो, प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता बनाये जाने का साक्ष्य , प्राधिकृत हस्ताक्षरकर्ता का फोटो, बैंक पासबुक का पहला पन्ना, बैंक एकाउंट स्टेटमेंट, जिस पर खाता संख्या, बैंक शाखा का पता, खाताधारक का पता और लेन-देन का विवरण दर्ज हो.

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