विधानमंडल में हंगामा, सिर्फ 15 मिनट चली विप की कार्यवाही
नोटबंदी. दोनों सदन में हुई नारेबाजी, सदस्य वेल में आये भाकपा माले के सदस्यों ने वेल में आकर नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, कुछ ही देर बाद हंगामा कर रहे सदस्य अपनी-अपनी सीट पर लौट आये. पटना : नोटबंदी के सवाल पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. विधान परिषद की कार्यवाही […]
नोटबंदी. दोनों सदन में हुई नारेबाजी, सदस्य वेल में आये
भाकपा माले के सदस्यों ने वेल में आकर नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, कुछ ही देर बाद हंगामा कर रहे सदस्य अपनी-अपनी सीट पर लौट आये.
पटना : नोटबंदी के सवाल पर बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. विधान परिषद की कार्यवाही मात्र 15 मिनट ही चल पायी. सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा. विधानसभा में भी भाकपा माले के सदस्यों ने वेल में आकर नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि, कुछ ही देर बाद हंगामा कर रहे सदस्य अपनी सीट पर लौट आये. लेकिन, विधान परिषद में भोजनावकाश के पहले और बाद में हंगामा जारी रहा. भोजनावकाश के पहले मात्र पांच मिनट ही सदन में कामकाज हो सका. यहां भाजपा के सदस्यों ने हंगामे की शुरुआत की. बाद में कांग्रेस और जदयू के कुछ सदस्य भी अपनी सीट पर खड़े होकर नारेबाजी करते रहे.
भोजनावकाश के बाद विधान परिषद की कार्यवाही दस मिनट ही चल पायी. इसके बाद सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सदन की कार्यवाही मंगलवार को दिन के 12 बजे तक के स्थगित कर दी. इधर, विधानसभा में सदन की कार्यवाही शोरगुल और हंगामें के साथ शुरू हुई. भाकपा (माले) के सदस्य महबूब आलम और सुदामा प्रसाद ने नोटबंदी का फरमान वापस लेने और नोटबंदी के कारण मरनेवालों को 20-20 लाख मुआवजा देने की मांग की. उधर, भाजपा के सदस्यों ने अपने आसन से ही नोटबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त किया. सोमवार को विप की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के रजनीश कुमार ने नोटबंदी व भ्रष्टाचार जनित कालेधन पर सदन में विमर्श की मांग की.
रजनीश कुमार की मांग के साथ ही भाजपा के सदस्यों ने बेल में पहुंचकर कांग्रेस व राजद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. विरोधी दल भाजपा और लोजपा के सदस्यों ने कालेधन के तीन दलाल सोनिया, लालू, केजरीवाल के नारे लगाने लगे. विरोध में कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी ने राम नाम जपना-काला धन अपना और काला धन के तीन दलाल मोदी, अंबानी और अडानी के नारा लगाये. दूसरे सदन के सदस्यों के नाम पर नारेबाजी पर पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने आपत्ति व्यक्त की.
वहीं जदयू के सतीश कुमार, व उपेंद्र प्रसाद ने खड़ा होकर भाजपा के हंगाामे व नारेबाजी का विरोध किया. रजनीश कुमार ने कहा कि राजद, कांग्रेस व वाम दलों के द्वारा बिहार बंद और प्रदर्शन के कारण आम लोग परेशान हो रहे हैं. सभापति ने भाजपा के रजनीश कुमार के नोटबंदी व भ्रष्टाचार जनित कालेधन पर सदन में विमर्श के लिए भाजपा के कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा के सदस्यों ने सदन के मुख्य द्वार पर राजद और कांग्रेस के विरोध में नारेबाजी की, वहीं जदयू के सदस्यों ने भी केंद्र विरोधी नारे लगाये. विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस के दिलीप कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों पर असंसदीय भाषा का प्रयोग किये जाने पर सदस्यों से माफी मांगने की बात कही. इस पर भाजपा के सदस्यों ने खड़े होकर विराेध किया. सभापति ने उन शब्दों को कार्यवाही से निकाल दिये जाने का आदेश दिया.
लगभग दस मिनट तक सदन में हो रहे हंगामे को लेकर सभापति ने मंगलवार के 12 बजे दिन तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
गंजी-हाफ पैंट में पहुंचे विधायक विनय बिहारी मार्शल ने प्रवेश से रोका
बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन लौरिया से भाजपा विधायक विनय बिहारी गंजी और हाफ पैंट में विधानसभा पहुंचे. वे विधानसभा के अंदर प्रवेश भी कर गये, लेकिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मार्शल ने उन्हें रोका और कहा कि स्पीकर ने इस तरह के ड्रेस में अंदर आने की अनुमति नहीं दी है. इसके बाद विधायक विनय बिहार सदन के बाहर ग्राउंड में ही धरने पर बैठ गये. इस दौरान भाजपा नेता सुशील मोदी, प्रेम कुमार समेत पार्टी के कई विधायक-विधान पार्षद विनय बिहार के समर्थन में धरने पर बैठे.
बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा ने विधायक विनय बिहारी को सदन में प्रवेश नहीं करने देने पर आसन से जवाब की मांग की. विरोधी दल के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि विनय बिहारी को सदन में प्रवेश करने से रोका गया है. वह इस सदन के सदस्य हैं और उनको भाग लेने का मौका नहीं दिया जा रहा है.
इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विधायक को सदन में आने से क्यों रोका गया है उसको वह देख लेंगे और इससे सदन को अवगत करा देंगे. प्रश्नकाल खत्म होने के बाद उन्होंने सदन को बताया कि विधायक विनय बिहारी ने 23 नवंबर को अनुरोध किया गया था कि चलते सत्र के दौरान उनको हाफ पैंट और गंजी में सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जाये. बिहार विधानसभा की प्रक्रिया व कार्य संचालन नियमावली के नियम 29(1) के तहत प्रावधान है कि जब सदन का उपवेशन हो रहा हो तो सदस्य शिष्टापूर्ण प्रवेश करते हैं. हाफ पैंट और गंजी में सदन में प्रवेश करना अशिष्ट आचरण का परिचायक होगा. सदन की मर्यादा बनी रहे इसके लिए उनको रोका गया.
विधानसभा में नहीं है ड्रेस कोड : प्रेम कुमार
नेता प्रतिपक्ष डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा में ड्रेस कोड नहीं है. विधायक विनय बिहारी अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर गंजी और हाफ पैंट धारण किया है. उनकी समस्याओं के समाधान के बजाये सरकार उन्हें सदन में प्रवेश से रोक रही है. झारखंड के पूर्व सांसद व विधायक रह चुके बागुन सुंब्रई सिर्फ एक धोती ही पहनते थे. उन्हें तो सदन में आने से नहीं रोका जाता था. वैसे ही अगर विधायक अपने जनता के सवालों को उठा रहा है तो उसे सदन में आने से रोका जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने दें.
साधक बन ही गये हैं तो साधना मत छोड़िए : विनय बिहारी
भाजपा विधायक विनय बिहारी ने कहा कि वे बेतिया मनुआपुल भाया योगापट्टी रतवल पथ (44 किमी) राज्य पथ के रूप में बनाने की घोषणा 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही की थी.
2014 में राज्य पथ के रूप में सरकारी स्वीकृति भी मिली, लेकिन 2016 में वादे के बाद भी सरकार की कार्ययोजना में इसे शामिल नहीं किया गया. इसके विरोध में 26 अक्तूबर को उन्होंने केंद्रीय पथ निर्माण मंत्री नितिन गड़करी को अपना कुरता और 27 अक्तूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना पायजामा दे दिया था. साथ ही निर्णय लिया है कि जब तक सड़क का काम शुरू नहीं होता तब तक कुरता-पायजामा व शर्ट-फुलपैंट धारण नहीं करेंगे और हाफ पैंट व गंजी में ही रहेंगे. उन्होंने कहा कि नितिन गड़करी ने सड़क को एनएच करवाने का आश्वासन दिया है. वहीं, मुख्यंमत्री नीतीश कुमार ने अपने निश्चय यात्रा पर कहा है कि विधायक हैं. मंत्री भी बनें. अब साधक बन ही गये हैं तो साधना मत छोड़िए. सड़क तो बन ही जायेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विपक्ष के आचरण पर सवाल उठाये हैं. सोमवार को जदयू के विधानमंडल दल की बैठक में उन्होंने कहा कि विपक्ष का आचरण अनैतिक व राजनीतिक मर्यादा के विपरीत है. जो मामले राज्य से जुड़े हुए नहीं हैं, वैसे मामलों को सदन में उठाकर महागंठबंधन पर प्रहार करने की विपक्ष की कार्य प्रणाली सही नहीं है. हम सभी को सतर्क रहना होगा और विपक्ष के ऐसे प्रयास को विफल करना होगा. मुख्यमंत्री ने बैठक में सरकार के सात निश्चयों की चर्चा की.
उन्होंने कहा कि स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड नयी पीढ़ी के छात्र-छात्राओं के लिए मिसाल बनेगा. यह एक ऐसी अनोखी योजना है, जिसमें राज्य सरकार गारंटर है. पढ़ाई में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहने वाले नौजवान जो पठन-पाठन कर समाज में भविष्य में परिवार व राज्य के संबल बनेंगे, वह न केवल अपने लिए बल्कि राज्य में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाले साबित होंगे. नीतीश कुमार ने भाजपा का नाम लिये बगैर कहा कि एक तरफ लोग राजनीति में वोट के लिए झूठे वादा करते हैं.
वहीं, दूसरी ओर हमें सात निश्चय के आधार पर जनादेश मिला तो एक साल के अंदर उस पर काम शुरू कर दिया गया. सात निश्चय का कार्यक्रम आम लोगों के जीवन से जुड़ा हुआ है. इससे बेहतर नतीजे मिलेंगे, जिसका जनजीवन पर गहरा असर पड़ेगा.
इससे पहले बैठक में जदयू विधायक दल के उपनेता श्याम रजक ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया. उन्होंने मुख्यमंत्री के राष्ट्रीय राजनीति में नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता व डॉ राममनोहर लोहिया, डॉ भीम राव अंबेडकर के विचारों को सरजमीं पर उतारने के लिए अनवरत प्रयास का स्वागत किया. बैठक में संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने विधानमंडल सदस्यों को सदन में पूरी मजबूती से सरकार का पक्ष रखने का निर्देश दिया. बैठक में राज्य मंत्री परिषद् के सदस्य, विधानमंडल के पदाधिकारी और सदस्यों ने भाग लिया.