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मार्च के पहले सभी मठ और मंदिरों को देना होगा हिसाब

चार फीसदी फीस पर टिका धार्मिक न्यास पर्षद का भविष्य पटना : बिहार के लगभग 10 हजार मठ और मंदिरों को अपने आय-व्यय का ब्योरा नये वित्तीय वर्ष के पहले देना होगा. सभी प्रबंधन इसकी तैयारी अभी से शुरू कर देंगे क्योंकि उनकी कुल कमाई के चार प्रतिशत फीस पर धार्मिक न्यास बोर्ड का कामकाज […]

चार फीसदी फीस पर टिका धार्मिक न्यास पर्षद का भविष्य
पटना : बिहार के लगभग 10 हजार मठ और मंदिरों को अपने आय-व्यय का ब्योरा नये वित्तीय वर्ष के पहले देना होगा. सभी प्रबंधन इसकी तैयारी अभी से शुरू कर देंगे क्योंकि उनकी कुल कमाई के चार प्रतिशत फीस पर धार्मिक न्यास बोर्ड का कामकाज चलता है. सभी रजिस्टर्ड मंदिर अपने सालाना आय की इतनी हिस्सेदारी धार्मिक न्यास पर्षद को भेजते हैं. सभी को मार्च के पहले अपनी सारी जानकारी पर्षद को जमा करनी होती है. सभी को हिसाब किताब के बाद राशि जमा करनी होगी. इसके लिए फरवरी तक का समय दिया गया है.
सभी मठ-मंदिरों को भेजी गयी जानकारी: धार्मिक न्यास पर्षद ने इसे लेकर सभी मंदिरों को रिमाइंडर भेजा है. सभी मंदिर प्रबंधन को पर्षद की ओर से इसकी सूचना दी गयी है, जिसमें कहा गया है कि वे ऑडिटर से पूरी पारदर्शिता से पूरी कमाई के बारे में स्पष्ट तौर पर इसकी जानकारी देते हुए फीस का भुगतान करेंगे. पर्षद ने चार जोन के सभी मंदिरों को इसके लिए रिमाइंडर दे दिया है.
महावीर मंदिर, पटना
हरिहरनाथ मंदिर, सोनपुर
गरीबनाथ मंदिर, मुजफ्फरपुर
अरेराज मठ, पूर्वी चंपारण
सिंहेश्वर नाथ मंदिर, मधेपुरा
मुंडेश्वरी भवानी मंदिर, कैमूर
थावे मंदिर, गोपालगंज
अशोकधाम मंदिर, लखीसराय
महेंद्र नाथ मंदिर, सीवान
संन्यासी मठ, बोधगया
स्रोत: बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद

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