पटना में ATM से पैसे निकालने जा रहे हैं, स्थिति अब भी है नाजुक, पढ़ें
पटना : नोटबंदी के 21वें दिन भी एटीएम ने लोगों को पूरी तरह साथ नहीं दिया. मंगलवार को बंद पड़ी कुछ एटीएम तो खुली लेकिन जल्द पैसे खत्म हो जाने के कारण कुछ देर में बंद हो गयी. बैंकों का कहना है कि एटीएम तो खुल रही है. सौ और दो हजार के नोट डाले […]
पटना : नोटबंदी के 21वें दिन भी एटीएम ने लोगों को पूरी तरह साथ नहीं दिया. मंगलवार को बंद पड़ी कुछ एटीएम तो खुली लेकिन जल्द पैसे खत्म हो जाने के कारण कुछ देर में बंद हो गयी. बैंकों का कहना है कि एटीएम तो खुल रही है. सौ और दो हजार के नोट डाले जाने से जल्दी कैश खत्म हो जा रहे हैं. वहीं, कुछ एटीएम अपग्रेड हो रही है. अधिकारियों का दावा था कि अगले दो-तीन दिन में सभी बैंकों की एटीएम पूरी तरह चालू हो जायेगी. लेकिन, कुछ बैंकों का दावा अब तक पूरा नहीं हुआ. उनकी एटीएम के शटर गिरे मिले. प्रभात खबर ने पटना मध्य इलाके में लगी एटीएम का जायजा लिया.
दोपहर 12 बजे : बोरिंग रोड चौराहा स्थित 15 एटीएम में से केवल तीन एटीएम से लोग पैसे निकाल रहे थे. इनमें दो स्टेट बैंक व एक आइसीआइसीआइ की एटीएम थी, जहां आठ-दस लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे.
दोपहर 1 बजे : इनकम टैक्स चौराहा के पास दोनों एटीएम बंद थी. वहीं इलाहाबाद बैंक की एटीएम के आगे असुविधा के लिए खेद है का बोर्ड लगा था. पटना संग्रहालय परिसर में स्टेट बैंक की एटीएम बंद थी.
दोपहर 1:30 बजे : डाकबंगला चौराहा स्थित चार एटीएम में से दो बंद थी. आइसीआइसीआइ बैंक और एक्सिस बैंक एटीएम के बाहर चार-पांच लोग कतार में खड़े थे. वहीं बॉब और पंजाब एंड सिंध बैंक की एटीएम में करेंसी नहीं थी.
दोपहर 1.45 बजे : गांधी मैदान के पास चार एटीएम में से केवल दो स्टेट बैंक की एटीएम के बाहर लोगों की लंबी करातें लगी थीं. इसमें महिलाएं भी शामिल थीं. इंडियन ओवरसीज बैंक की एटीएम खुली तो थी लेकिन कैश नहीं थे. ऐसा ही हाल भारतीय महिला बैंक की भी एटीएम का था. रिजेंट सिनेमा परिसर में पंजाब नेशनल बैंक की एटीएम का शटर गिरा हुआ था.
दोपहर दो बजे : फ्रेजर रोड स्थित चार एटीएम में से तीन बंद थी. यूनियन बैंक की एटीएम के बाहर पांच-छह लोग खड़े थे. वहीं, मौर्यालोक परिसर की तीन एटीएम में से दो खुली थी. स्टेट बैंक की एटीएम के बाहर लोगों की लाइनें लगी रहीं. बुद्ध मार्ग रोड में तीन एटीएम में से दो बंद थी. केनरा बैंक की एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइनें लगी थीं.
दोपहर तीन बजे : मीठापुर बस स्टैंड रोड में 13 एटीएम में से एचडीएफसी, आइसीआइसीआइ व इंडियन बैंक की एटीएम खुली थी. वहीं, आर ब्लाॅक स्थित तीन एटीएम में से केवल स्टेट बैंक ऑफ बिकानेर व जयपुर की एटीएम खुली थी. यहां तीन-चार लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक, एटीएम परिचालन आनंद विक्रम ने बताया कि कई एटीएम तकनीकी कारणों से काम नहीं कर पा रही है. उन्होंने बताया कि बैंक का प्रयास है कि हर एटीएम से लोगों को पैसे मिले. इसमें अधिकारी व कर्मचारी जुटे हैं. फिलहाल 97 एटीएम में भी पांच सौ रुपये के नये नोट डाले गये हैं. एसबीआइ की 322 एटीएम में से 275 एटीएम से निकासी हो रही है.
एटीएम पर ध्यान नहीं दे रहा बैंक : जानकारी के अनुसार खासकर निजी बैंक के एटीएम पूरी तरह नहीं खुल पा रहे हैं. इसका मुख्य कारण है अभी अंतर बैंक फीस नहीं मिलना है. वैसे सामान्य दिनों में हर निकासी पर 17 रुपये बैंक को कमीशन के रूप में मिलते हैं. अंतर बैंक फीस नहीं मिलने के कारण वे एटीएम पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
500 का नोट नहीं लिया, नवजात की मौत
पटना : पत्रकार नगर इलाके के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए 500 के पुराने नोट नहीं लेने और इलाज रोक देने से एक नवजात की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है. हालांकि, इस संबंध में नवजात के पिता, गोपालगंज निवासी सत्येंद्र ने पत्रकार नगर पुलिस में लिखित शिकायत नहीं की. सत्येंद्र का आरोप था कि उन्होंने जब 500 के पुराने नोट अस्पताल प्रशासन को दिया, तो उसने लेने से इनकार करते हुए इलाज भी बंद कर दिया.
इससे उनके नवजात शिशु की मौत हो गयी. जब उन लोगों ने शव लेना चाहा, तो बाकी पैसा भी मांगने लगे और शव देने से इनकार कर दिया. इधर मामले की जानकारी मिलने पर पत्रकार नगर पुलिस वहां पहुंची और फिर शव को परिजनों को दिलवाया गया. पत्रकार नगर थानाध्यक्ष ने बताया कि किसी प्रकार की लिखित शिकायत नहीं की गयी है, जिसके कारण कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. गोपालगंज निवासी सत्येंद्र की पत्नी को एक महिला डॉक्टर के यहां ऑपरेशन के बाद बच्चा हुआ था. लेकिन उसकी स्थिति खराब थी, तो उसे एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया. जहां इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह मौत हो गयी. इसके बाद परिजनों ने वहां हंगामा भी किया.
पटना. नोटबंदी ने आम लोगों और कारोबारियों के बीच ऑनलाइन भुगतान के सिस्टम को काफी बढ़ा दिया है. शहर में पॉश मशीनों की सुविधा आठ नवंबर से पहले चुनिंदा दुकानों में उपलब्ध थी.
लेकिन, नोटबंदी के बाद से अब तक इसकी मांग तीन गुना बढ़ी है. बैंकों के पास हर दिन सौ से अधिक आवेदन पॉश मशीन लेने के लिए आ रहे है. आलम यह है कि बैंक मांग के अनुरूप मशीन की आपूर्ति नहीं कर पा रही है. स्टेट बैंक, बैंक आॅफ इंडिया, केनरा बैंक, पीएनबी, आइसीआइसीआइ, आइडीबीआइ, इलाहाबाद जैसे प्रमुख सार्वजनिक और निजी बैंक पॉश मशीन कारोबारियों को उपलब्ध करा रहे हैं. इसके लिए दुकानदारों को एक आवेदन करना होता है.
वैसे इस मशीन की कीमत पांच हजार से लेकर लगभग 16 हजार रुपये तक है. लेकिन, स्टेट बैंक आवेदन करनेवाले दुकानदारों के दुकान या शाेरूम में इसे बिना कोई रकम लिये इंस्टॉल करता है. जानकारी के अनुसार बिहार-झारखंड के 18 हजार दुकानों में यह मशीन लग चुकी है. प्रतिदिन केवल पटना शहर से करीब तीन दर्जन आवेदन आ रहे हैं.
ग्रीन : स्टेट बैंक में तीन तरह की मशीन उपलब्ध है. पहले पीएसटीएन मशीन की कीमत 15,800 रुपये है, लेकिन बैंक इसकी कोई कीमत नहीं लेता है. इस श्रेणी की मशीन के लिए मंथली रेंट भी नहीं देना पड़ता है.