पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने आरोप लगाया कि पार्टी के कुछ नेताओं पर विमुद्रीकरण के उचित क्रियान्वयन में घालमेल के कारण जनता को कठिनाई हो रही है. वेतन भुगतान दिन की भीड़ को ध्यान में रखते हुए उस दिन नागरिकों को होने वाली असुविधा से राहत दिलाने का उपाय ढूंढ़ने के लिए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व एक समिति के गठन का आज सुझाव दिया. पटना साहिब संसदीय सीट से भाजपा सांसद शत्रुघ्न ने अपनी पार्टी के कुछ नेताओं पर विमुद्रीकरण के उचित क्रियान्वयन में ‘घालमेल’ करने का आरोप लगाते हुए कालाधन के खिलाफ प्रधानमंत्री के इस साहसिक कदम की सराहना की है.
समिति गठन का सुझाव
गोवा से फोन पर सिन्हा ने आज कहा कि हवाला नेटवर्क के जरिए कालाधन के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रधानमंत्री का यह साहसिक और समय पर लिया गया निर्णय है. उन्होंने आने वाला नये महीने के वेतन भुगतान दिन की भीड़ को ध्यान में रखते हुए उस दिन नागरिकों को होने वाली असुविधा से राहत दिलाने का उपायखोजने के लिए आडवाणी के नेतृत्व में बुद्धजीवियों और विशेषज्ञों की एक समिति के गठन का सुझाव दिया.
उचित होमवर्क जरूरी था-शत्रु
अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा पणजी में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में शामिल होने के लिए आमंत्रण नहीं दिये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वह कुछ मित्रों के अनुरोध पर उसमें शामिल हो रहे हैं. नोटबंदी को लेकर अपने कुछ ट्वीट जिसके कारण अपनी पार्टी के समक्ष असहज स्थिति उत्पन्न हुई के बारे में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पहले थे जिन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को मुबारकबाद दी. सिन्हा ने बिना नाम लिए कहा कि नोटबंदी के क्रियान्वयन के पूर्व उचित होमवर्क नहीं किए जाने के कारण इस नीति के लागू होने को लेकर वे उलझन में हैं.
बिहार के नेताओं पर प्रतिक्रिया नहीं
बिहार भाजपा के अध्यक्ष मंगल पाण्डेय और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार की नोटबंदी को लेकर उनके बयान पर अपने खिलाफ की गयी टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर अपनी पार्टी की बिहार विधानसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये लोग पार्टी की बेहतरी के लिए उनके व्यक्तिगत और स्पष्टवादिता वाले विचार को लेकर उनकी आलोचना सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए करते हैं.