बिहार विस : कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, हंगामे व नारेबाजी की सभी दलों ने निंदा की
पटना : बिहार विधानसभा में सत्तापक्ष सदस्यों के कल के हंगामे को लेकर निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद कुछ विधायी कार्यों को संपन्न किए जाने के बादगुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं बिहार विस में सत्तापक्ष और विपक्ष […]
पटना : बिहार विधानसभा में सत्तापक्ष सदस्यों के कल के हंगामे को लेकर निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद कुछ विधायी कार्यों को संपन्न किए जाने के बादगुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. वहीं बिहार विस में सत्तापक्ष और विपक्ष के विभिन्न मुद्दों को लेकर कल सदन के बीचोंबीच में आकर हंगामा, नारेबाजी और धकेलने तथा बाद में कुछ महिला सदस्यों को ‘चोट’ लगनेकी शिकायत करने पर आज सभी दलों के नेताओं ने इसकी निंदा की.घटना के मद्देनजर भाजपा ने अनुशासन तोड़ने को लेकर कुछ राजद और कांग्रेस सदस्याें को सदन से बर्खास्त करने पर जोर दिया.
भोजनावकाश के बाद बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने सत्तापक्ष सदस्यों के कल के हंगामे को लेकर निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग किए जाने को अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा यह कहते हुए यह विषय सर्वदलीय बैठक में हल हो गया है, विपक्षी सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे.
शोरशराबे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ने बिहार मोटर वाहन करारोपण :संशोधन: विधेयक 2016, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय :संशोधन: विधेयक 2016 और बिहार राज्य विश्वविद्यालय :संशोधन: विधेयक 2016 को ध्वनिमत से पारित किया. इन विधायी कार्यों को संपन्न करने के बाद अध्यक्ष ने सदन को सुचारु रूप से चलने देने के लिए भाजपा सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर लौटने को कहा पर जब वे नहीं माने तो उन्होंने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी.
बिहार विधानसभा में हंगामे, नारेबाजी का सभी दलों ने निंदा की
बिहार विधानसभा में कल सदन के बीचोंबीच में आकर हंगामा, नारेबाजी और धकेलने तथा बाद में कुछ महिला सदस्यों को ‘चोट’ लगने शिकायत करने पर आज सभी दलों के नेताओं ने इसकी निंदा की. अनुशासन तोड़ने को लेकर भाजपा ने कुछ राजद और कांग्रेस सदस्याें को सदन से बर्खास्त करने पर जोर दिया. बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कल के अप्रिय दृश्य को लेकर सदन आहूत होने के पूर्व उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलायी थी. जिसमें सभी दलों के नेताओं ने इसकी निंदा की और सदन को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए सहयोग का वादा किया है.
अध्यक्ष ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों सदस्यों को सदन में शोरगुल और कठोर व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया. प्रतिपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने सत्तापक्ष खासतौर पर राजद और कांग्रेस पर हिंसात्मक विरोध की शुरुआत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें भाजपा विधायक गायत्री देवी को चोट पहुंची. उन्होंने कांग्रेस सदस्य रामदेव राय और शकील अहमद खान तथा राजद विधायक भोला यादव और फराज फातमी का नाम लेते हुए उनपर रिपोटर्स के टेबिल पर चढ़ जाने एवं अपनी-अपनी पार्टी का झंडा लहराने और विपक्षी सदस्यों को धमकाने का आरोप लगाते हुए उन्हें सदन से बर्खास्त किए जाने की मांग की.
प्रतिपक्ष के नेता ने मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह पर अपनी पार्टी के सदस्यों को हिंसात्मक विरोध के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए सत्तापक्ष के व्यवहार की निंदा के लिए सदन में प्रस्ताव लाए जाने मांग की.
बिहार विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने भी कल की घटना पर अफसोस जताते हुए भाजपा सदस्यों से दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए अपने अपने भीतर झांकने को कहा.
राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भाजपा सदस्यों पर सदन में हंगामा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी सदस्य अक्सर सत्ता पक्ष की सीट के पास की खाली जगह में चले आते हैं. भाजपा सदस्यों के इस ‘भड़काउ’ रवैये से कल राजद, कांग्रेस और जदयू सदस्य भड़के. वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने भी विपक्ष के व्यवहार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि वे इस बात की गारंटी लेते हैं कि मंत्री राजीव रंजन सिंह किसी सदस्य को नहीं उकसाएंगे, जो उनकी बगल में बैठते हैं.
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के यह कहे जाने कि विरोध के दौरान सदन के बीचोंबीच रिपोटर्स टेबिल पर चढ़ने, प्लेकार्ड दिखाने और अपनी-अपनी पार्टी का झंडा लहराने पर वे विचार करेंगे और सदन के नियमन के अनुसार कार्रवाई करेंगे. इससे भाजपा सहित राजग के अन्य घटक दल संतुष्ट नहीं हुए और वे कुछ राजद और कांग्रेस सदस्यों को बर्खास्त किए जाने की मांग करते हुए सदन के बीच में आकर सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे. अपने विरोध के दौरान विपक्षी सदस्यों ने इस बार सावधानी बरतते हुए सत्तापक्ष की सीट के सामने वाले खाली स्थान में जाने से परहेज किया.
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया कि सदन के भीतर सत्तापक्ष के सदस्यों द्वारा बीच में आकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अभद्र नारे लगाए गए एवं तमाम संसदीय परंपराओं को ताक पर रखकर अमर्यादित आचरण करते हुए सदन को बाधित किया गया. जब सत्ता पक्ष के सदस्य ही सदन को बाधित करेंगे तो लोकतंत्र नहीं चल सकता.
सुशीलमोदी ने कहा कि विपक्ष को भी आसन के करीब नहीं जाना चाहिए पर पिछले करीब 10 दिनों से संसद के दोनाें सदनों की कार्यवाही को विपक्ष नहीं चलने दे रहा है तो मजबूरी में हमलोगों को बीचों बीच जाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि राबडी जी ने उनके और नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है. इसके लिए उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए तथा सत्तारुढ दल के सदस्यों द्वारा किए गए असंसदीय आचरण के लिए निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए.