पटना: दिल्ली से आये डॉ अतुल मिश्र ने कहा कि लोगों को रोज धूप सेंकना चाहिए. साथ ही फास्ट फूड से बचना चाहिए. ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी लोगों में हड्डी से संबंधित परेशानियां अधिक हो रही है. क्योंकि लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं. विटामिन डी की कमी से युवाओं में खेलने-कूदने के दौरान जो चोट लगती है, वे मोच समझ लेते हैं. अगर समय पूर्व इसकी पहचान कर ली जाये तो बिना घुटना खोले इसका इलाज किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि फॉर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा में मशीन का नया एडिशन लाया गया है, यह इंडिया में पहली बार लगाया गया है. कंप्यूटर से घुटना बदला जाता है. महिलाओं में घुटने का दर्द अधिक होता है.
फास्ट बॉलर को बाकी क्रिकेटरों से कहीं ज्यादा इन्ज्यूरी : डॉ मंदीप एस. ढील्लन ने क्रिकेटर मुरली धरन की चकिंग समस्या का इलाज किया था. उन्होंने कहा कि क्रिकेटर को अगर एक बार चोट लग जाये, तो उसकी बाकी जिंदगी खराब हो जाती है. स्पोर्ट्स इन्ज्यूरी में घुटने के अंदर कार्टिलेज की लेयर टूट जाती है. पीसीए मोहाली में 100 क्रिकेटरों पर रिसर्च के दौरान यह पाया कि खास कर फास्ट बॉलर को बाकी क्रिकेटरों से कहीं ज्यादा इन्ज्यूरी होती है. इसलिए सबसे पहले जो एक गाइड लाइन आ चुकी है, उसे लागू होना चाहिए. स्कूल बच्चे जो क्रिकेट खेलते हैं, उन पर भी ध्यान होना चाहिए. खास कर ट्रेनर को इसका ज्ञान जरूर होना चाहिए कि इंज्यूरी कैसे होती है.
वजन घटने के साथ भूख कम लगे, तो डॉक्टर को दिखाएं: मैक्स हॉस्पिटल के डॉ एचएन बजाज ने कहा कि स्पाइनल टयूबरकूलोसिस में मरीज को काफी दर्द होता है. दोनों पैर में कमजोरी अधिक होती है. शाम को बुखार हो जाता है. वजन घटने के साथ-साथ भूख कम लगती है. अंतिम समय में लकवा मारने का भी खतरा अधिक होता है. ऐसा लक्षण होने पर मरीजों को हड्डी के चिकित्सकों से अवश्य दिखाना चाहिए.