पटना : केंद्रीय राज्य मंत्रीएवंभाजपा नेता गिरिराज सिंह के नोटबंदी के बाद देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिये ‘नसबंदी’ का कार्यक्रम चलाये जाने के हाल में दियेगये सुझाव परप्रतिक्रियादेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इसे ‘बकवास’ बताया.
मुख्यमंत्री सचिवालय में आज आयोजित पहले लोक संवाद कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश से गिरिराज की उक्त टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसे ‘बकवास’ बताते हुए कहा कि देश ने नसबंदी के प्रभाव को पूर्व में देखा है. जनसंख्या नियंत्रण नसबंदी से नहीं बल्कि शिक्षा के माध्यम से होगी.
नवादा जिला में गत 3 दिसंबर को एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए गिरिराज सिंह ने नोटबंंदी के बाद देश में ‘नसबंदी’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए भारत सरकार से अपील की थी. उन्होंने देश में बेतहाशा बढ़ रही आबादी को नियंत्रित करने के लिये नसबंदी अभियान चलाने की आवश्यकता जतायी. जैसा कि कालेधन को निकालने के लिए नोटबंदी का कार्यक्रम शुरू किया गया.
केंद्रीय राज्य मंत्री ने नवादा सदर प्रखंड के दौलतपुरा गांव में ठंड के मद्देनजर गरीबों के बीच कंबल वितरण कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें कही थीं. मीडिया में आयी खबरों में गिरिराज को उद्धरित करते हुए कहा गया है कि भारत विश्व की आबादी में प्रति वर्ष 17 प्रतिशत जोड़ता है जो कि अस्ट्रेलिया की आबादी के बराबर है. भारत के पास विश्व का 2.5 प्रतिशत भूखंड और 4.2 प्रतिशत जलस्रोत है. इसको देखते हुए जनसंख्या विस्फोट विकास में बाधक है. हमें समस्या पर नियंत्रण पाने के लिये जनसंख्या नियंत्रण पर कार्रवाई करनी होगी.
गिरिराज की इस टिप्पणी पर उनकी पार्टी भाजपा ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए उनके द्वारा ‘नसबंदी’ शब्द के प्रयोग से दूरी बरतते हुये देश के विकास के लिए परिवार नियोजन की आवश्यकता जतायी.
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि किसी संदेश को पहुंचाने के लिये शब्दों के चयन पर कुछ मतभेद हो सकता है. गिरिराज के कहने का मतलब है कि जनसंख्या विस्फोट पर रोक लगाने के लिए परिवार नियोजन से है. यहां तक इस क्षेत्र में कुछ सामाजिक संगठनों ने भी काम किया है. हम नसबंदी के बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि गिरिराज सिंह जैसे व्यक्ति जो कि एक खास विचारधारा से आते हैं, ऐसे बयान के जरिये समाज में सनसनी पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं. अगर वे सही मायने में देश के विकास को लेकर चिंतित हैं तो नीतियों के जरिये उसे सही करें. वे समाज को बांटने की बीज कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कई कदम उठाये हैं और यह पाया गया है कि जहां भी महिला में साक्षरता अधिक पायी गयी है वहां प्रजनन दर कम है. राज्य सरकार ने इसी को ध्यान में रखकर प्रत्येक पंचायत में एक ‘प्लस टू स्कूल’ खोलने का निर्णय लिया है.
उधर, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने गिरिराज के बयान को विवादास्पद करार देते हुये आरोप लगाया कि वे ऐसा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये करते रहे हैं. उनके बयान पर कोई ध्यान नहीं देता है. उन्हें मंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिये.